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मुंबई का आखिरी ओवर याद कीजिए. चार विकेट गिरे. तीन तो हर्षल ने ही ले लिया. चार विकेट मतलब चार ऐसी गेंद जिसपर रन नहीं बने. इन चार गेंदों पर रन बनते तो मुंबई का स्कोर कितना होता? कम से कम आठ एक्स्ट्रा रन...ज्यादा भी संभव था...
अब फिर सवाल पूछते हैं-अगर मुंबई का स्कोर 167 होता, 170 होता तो मैच का नतीजा क्या बदल सकता है. जवाब देने से पहले इतना जरूरत सोच लीजिएगा कि ये मैच आखिरी गेंद तक गया है. अगर आप सोच में पड़ गए तो समझिए कि यही वो लम्हा था जो मैच का टर्निंग प्वाइंट था..
मुंबई की पारी में आखिरी ओवर में हर्षल के तीन विकेट वाकई कमाल के थे. इस ओवर में एक रन आउट भी हुआ. हर्षल ने मैच में कुल मिलाकर पांच विकेट लिए. रन दिए महज 27.
लेकिन इतने पर भी फिर याद कीजिए कि मैच आखिरी ओवर तक गया. विराट ने फिर से छोटू लेकिन उपयोगी पारी खेली. विराट के 33 और मैक्सवेल के 39 रन RCB को बहुत काम आए लेकिन असली खेल हुआ एबी डिविलियर्स की भूख से...48 रन बनाए...सिर्फ 27 गेदों में...चार चौके और 2 छक्के. बाकी टीम में कोई बल्ला चला नहीं.
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