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शनिवार 4 जनवरी को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने वाले भारतीय टीम के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान ने कहा है कि उनके लिए इंटरनेशनल क्रिकेट का सफर शानदार और संतोषजनक रहा. इरफान ने यह भी कहा कि वह आज जो कुछ भी हैं, उसका श्रेय क्रिकेट को देना चाहते हैं.
35 साल के पठान ने भारत के लिए सभी फारमेट्स में कुल 173 मैच खेले और 2821 रन बनाए. पठान ने भारत के लिए 29 टेस्ट, 120 वनडे और 24 टी-20 मैच खेले हैं. इरफान ने 2004 में पाकिस्तान दौरे से सुर्खियां बटोरी थीं.
इरफान ने आईएएनएस से बातचीत में कहा,
इरफान ने कहा, "मुझे याद है कि मेरे पुराने साथी कहा करते थे कि मैंने अपने क्रिकेट करियर में अच्छे दिनों के बजाए खराब दिन अधिक देखे हैं, लेकिन मेरे लिए क्रिकेट सबसे ऊपर है और मैं आज जो कुछ भी हूं इस खेल की बदौलत हूं."
इरफान भारत की कई अहम जीतों का हिस्सा रहे, जिसमें 2007 टी-20 विश्व कप शामिल है. वह टेस्ट में भारत की तरफ से हैट्रिक लेने वाले दूसरे गेंदबाज हैं. उन्होंने 2006 में कराची टेस्ट में पहले ही ओवर में हैट्रिक ली थी.
अपने क्रिकेट करियर के सबसे महान पलों के बारे में बात करते हुए इरफान ने कहा,
इरफान ने बीते साल अपना पहला प्रथम श्रेणी मैच खेला था और इसके बाद वह कमेंटेटर बन गए. इरफान ने प्रथम श्रेणी में कुल 4559 रन बनाए और 384 विकेट लिए.
अपने दो पूर्व कप्तानों-गांगुली और द्रविड़ की देखरेख में सबसे अधिक इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने वाले इरफान इन दोनों को अलग तरीके से याद करते हैं. इरफान ने कहा,
द्रविड़ को युवाओं को मौका देने वाले कप्तान बताते हुए इरफान ने कहा कि द्रविड़ की कप्तानी में उन्हें टॉप ऑर्डर पर बल्लेबाजी करने का मौका भी मिला.
इरफान ने कहा कि सचिन तेंदुलकर ने ही यह आइडिया टीम प्रबंधन को दिया था कि मुझसे ओपनिंग कराई जानी चाहिए. इरफान के मुताबिक "यह सचिन के विचार थे. यह सिर्फ ग्रेग चैपल का विचार नहीं था. मैंने हमेशा बल्लेबाजी का लुत्फ लिया है. मैं जूनियर स्तर पर भी टॉप आर्डर में बल्लेबाजी किया करता था. लोग कहते हैं कि बल्लेबाजी के कारण मेरी गेंदबाजी खराब हुई लेकिन ऐसा नहीं था. मैंने अचानक बल्लेबाजी नहीं शुरू की थी. यह मैं काफी पहले से करता आ रहा था."
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