advertisement
पहले हैमिल्टन, फिर वेलिंग्टन और अब माउंट माउंगानुई. लगातार 3 टी20 मैच, लगातार 3 जीत और हर बार जीत के हीरो बने टीम इंडिया के तेज गेंदबाज. ये तीनों ही मैच ऐसे रहे जिसमें न्यूजीलैंड अच्छी स्थिति में था, लेकिन भारतीय गेंदबाजों की समझदारी भरी बॉलिंग के चलते कीवी बल्लेबाज टीम को जीत के पार नहीं पहुंचा पाए.
हालांकि हैमिल्टन और वेलिंग्टन की तुलना में भारतीय गेंदबाजों ने माउंट माउंगानुई में पहले ही बेहतरीन शुरुआत कर न्यूजीलैंड को दबाव में डाल दिया था. इसके बावजूद टिम सेइफर्ट ने और रॉस टेलर के हमलावर रुख ने न्यूजीलैंड की उम्मीदों को न सिर्फ जिंदा रखा बल्कि भारत को बैकफुट पर धकेल दिया.
लेकिन एक बार फिर न्यूजीलैंड के सेट बल्लेबाज टीम को जीत तक नहीं पहुंचा पाए और उसमें जितनी गलती उनकी थी, उतना ही कमाल भारतीय गेंदबाजों का भी था. एक बार फिर टीम के सबसे कम अनुभवी गेंदबाज नवदीप सैनी ने अपने ओवर से मैच का रुख बदल दिया.
9वें ओवर तक भारत मजबूत स्थिति में था, लेकिन 10वें ओवर में मैच का रुख बदल गया. टिम सेइफर्ट और रॉस टेलर ने शिवम दुबे के ओवर में 34 रन जड़ दिए. अब स्थिति बदल गई थी. 12 ओवर तक न्यूजीलैंड 113 रन बना चुका था और उसे जीत के लिए 48 गेंद में 51 रन की जरूरत थी. हाथ में थे 7 विकेट.
लेकिन पिछले 2 मैचों में अगर कोई कुछ समझ पाया तो वो ये कि न तो भारतीय टीम आसानी से हार मानने वाली है और मजबूत स्थिति में होकर भी न्यूजीलैंड पर दबाव में है.
भारतीय टीम को विकेट की सख्त जरूरत थी और पहली बार भारतीय टीम की कप्तान कर रहे केएल राहुल के पास कई विकल्प थे. उन्होंने चुना नवदीप सैनी को. सैनी ने हाल के दिनों में अपनी रफ्तार के साथ ही अपनी समझदारी भरी गेंदबाजी के लिए भी पहचान बनाई है. वही इस बार भी हुआ.
50 रन बना चुके सेइफर्ट टीम को जीत के करीब ले जा रहे थे, लेकिन सैनी ने इस विकेट को निकालकर बड़ी साझेदारी को तोड़ दिया. यहां से मैच भारत के पक्ष में झुकना शुरू हो गया.
लेकिन मैच यहीं खत्म नहीं हुआ था. रॉस टेलर अभी भी क्रीज पर थे और अर्धशतक पूरा कर चुके थे. इसलिए न्यूजीलैंड के उम्मीदें अभी बाकी थीं.
चोट के बाद जसप्रीत बुमराह ने जनवरी में वापसी की थी. हालांकि वो चोट से वापसी के बाद भी अच्छी गेंदबाजी कर रहे थे, लेकिन वो धार जिसके लिए दुनिया भर में उनका खौफ पैदा हुआ, वो कुछ नदारद था. इस मैच ने वो कसर भी पूरी कर दी.
इसके बाद जब 13वें ओवर में सैनी ने सेइफर्ट को पवेलियन भेजा, तो बुमराह एक बार फिर गेंदबाजी के लिए लौटे. सिचुएशन के हिसाब बुमराह का ओवर बेहद अहम था. न्यूजीलैंड के पास 6 विकेट अभी भी बाकी थे.
इसके बाद तो बस औपचारिकता बाकी थी. बुमराह ने एक बार फिर मिसाइल जैसे अचूक निशाने के साथ यॉर्कर डाली और टिम साउदी का विकेट गिर गया. बुमराह ने 4 ओवर में सिर्फ 12 रन दिए और 3 विकेट निकाले, जो टीम की जीत की बुनियाद बने और मैन ऑफ द मैच बने.
वेलिंग्टन में आखिरी ओवर के हीरे रहे शार्दुल ठाकुर ने यहां भी अपना असर दिखाया. 17वें ओवर में शार्दुल ठाकुर ने मिचेल सैंटनर (6) और स्कॉट कुगेलियन (0) का विकेट हासिल किया और सिर्फ 4 रन दिए.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)