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मयंक अग्रवाल को मेलबर्न से टेस्ट डेब्यू कराना मतलब उससे दुश्मनी निभाना. क्रिकेट के एक एक्सपर्ट ने उनको बॉक्सिंग डे टेस्ट के लिए चुने जाते ही अपना दिमाग लगाया. लेकिन मयंक ने जिस दिलेरी और शानदार तरीके से एंट्री मारी है वो सुनील गावस्कर से भी बेहतर है.
मेलबर्न के बाउंसी विकेट पर 76 रनों की पारी के साथ ही मयंक ने कई रिकॉर्ड भी बना डाले. विदेश में पहली टेस्ट पारी में सबसे ज्यादा रन (65) इसके पहले सुनील गावस्कर ने बनाए थे.
घरेलू क्रिकेट में ताबड़तोड़ रन बना रहे 27 साल के मयंक अग्रवाल को बहुत इंतजार के बाद मौका मिला. और उन्होंने इसे हाथ से नहीं जाने दिया.
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पिच में गेंदबाजों को खास मदद नहीं मिल रही थी और मयंक ने इसका भरपूर फायदा उठाया. 8 चौके और 1 छक्के के साथ 161 गेंदों में 76 रन बनाए.
चाय के ठीक पहले पैट कमिंस की गेंद पर आउट हुए.
मयंक अग्रवाल ने चेतेश्वर पुजारा के साथ मिलकर दूसरे विकेट के लिये 83 रन बनाए. इस जोड़ी ने भारत का स्कोर 123 तक पहुंचाया था.
मयंक ने विजय हजारे ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन करते हुए सबसे ज्यादा रन बनाए थे. वो घरेलू क्रिकेट में बड़े बड़े बल्लेबाजों के इस मोर्चे में पीछे छोड़ चुके हैं.
रणजी ट्रॉफी में भी मयंक ने अपनी ताबड़तोड़ रन बनाए थे और इस बात की बहुत मांग उठ रही थी कि आखिर सिलेक्टर इतने शानदार बल्लेबाज को टीम में क्यों नहीं ले रहे हैं.
अपनी शानदार फॉर्म की बदौलत मयंक अग्रवाल भारतीय घरेलू क्रिकेट के एक सीजन में 2 हजार से ज्यादा रन बनाने वाले इकलौते बल्लेबाज भी बन गए हैं.
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