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टीम इंडिया ने आज ही के दिन यानी 24 सितंबर 2007 को महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में पाकिस्तान को हराकर पहला टी20 विश्व कप जीता था. पाकिस्तान को जोहान्सबर्ग के वांडर्स स्टेडियम में मैच जीतने के लिए अंतिम चार गेंदों पर 6 रन बनाने थे. अपनी जिंदगी का सबसे कीमती ओवर डाल रहे जोगिंदर शर्मा वो अंतिम ओवर डाल रहे थे, जिसमें पहली दो गेंदों पर वो 7 रन दे चुके थे.
पाकिस्तान के लिए उस समय मिस्बाह उल हक अपने साथी बल्लेबाज मोहम्मद आसिफ के साथ क्रीज पर डटे हुए थे. टीम के बाकी खिलाड़ी मिस्बाह के विनिंग शॉट लगाने का इंतजार कर रहे थे ताकि वह जश्न मनाने के लिए मैदान के बीचों बीच आएं.
13 साल बाद आज भी विश्व कप ट्रॉफी उठाते हुए धोनी और उनके टीम साथियों की तस्वीर देश के क्रिकेट प्रशंसकों की यादों के बीच ताजा है.
भारत की उस जीत का हिस्सा रहे इरफान पठान ने उस दिन को याद करते हुए ट्विटर पर लिखा,
टी20 विश्व कप शुरू होने से पहले तक कोई भारत को खिताब का दावेदार नहीं मान रहा था. लेकिन धोनी की युवा मेन इन ब्लू ब्रिगेड ने मेजबान दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड जैसी टीमों को हराने के बाद सेमीफाइन में प्रवेश किया, जहां उसने खिताब की प्रबल दावेदार आस्ट्रेलिया को हराकर फाइनल में प्रवेश किया.
फाइनल में भारत ने गौतम गंभीर के 75 रनों की बदौलत पांच विकेट पर 157 रन का स्कोर बनाया. भारत से मिले 158 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान ने पहले ही ओवर में मोहम्मद हफीज का विकेट और फिर जल्द ही कामरान अकमल का विकेट गंवा दिया.
पाकिस्तान की अब सारी उम्मीदें शोएब मलिक और शाहिद अफरीदी पर टिकी हुई थी, लेकिन इनके आउट होने के बाद मिस्बाह ने एक महत्वपूर्ण पारी खेली. लेकिन पाकिस्तान की टीम लक्ष्य से पांच रन पीछे रहे गई और भारत पहला टी20 विश्व कप जीतने में सफल रहा.
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