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‘धोनीगीरी’ के 15 साल-बांग्लादेश के खिलाफ 0 से हुई थी शुरुआत

धोनी की कप्तानी में भारत 24 साल बाद पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बना था

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क्रिकेट
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धोनी ने 2004 में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी
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धोनी ने 2004 में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी
(फोटोः द क्विंट)

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बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने की मिसाल कायम करने वाले दो बार के वर्ल्ड कप विजेता भारत के पूर्व कप्तान एमएस धोनी ने सोमवार 23 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 15 साल पूरे कर लिए. हालांकि इस समय वह क्रिकेट से ब्रेक पर हैं.

23 दिसंबर 2004 को बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज के पहले मैच में उतरे लंबे बालों वाले धोनी उस वक्त बिना किसी पहचान वाले खिलाड़ी थे. जो घरेलू क्रिकेट पर नजर रखते रहे हों, सिर्फ वो ही उनके बारे में कुछ जानते थे.

टीम इंडिया में आने से पहले धोनी ‘इंडिया ए’ टीम के साथ केन्या दौरे पर गए थे, जहां ट्राइएंगुलर सीरीज में उन्होंने अपने बल्ले से जोरदार प्रदर्शन किया था और फिर सेलेक्टर्स की निगाहें उनकी ओर मुड़ी थीं.

हालांकि, धोनी की शुरुआत किसी बुरे सपने से कम नहीं रही. अपने पहले ही मैच में सिर्फ एक गेंद खेलकर वो रन आउट हो गए. वो भी बिना खाता खोले. अगले 2 मैच में भी धोनी सिर्फ 12 और 7 रन ही बना सके.

अब इसे उस दौर की टीम इंडिया में एक अच्छे विकेटकीपर बल्लेबाज की कमी कहें, या धोनी की क्षमता पर टीम मैनेजमेंट का भरोसा, धोनी को पाकिस्तान के खिलाफ 2005 की घरेलू वनडे सीरीज में भी मौका मिल गया.

सीरीज के दूसरे मैच में कप्तान सौरव गांगुली ने धोनी को तीसरे नंबर पर भेजने का फैसला लिया. उस एक फैसले के बाद इतिहास पूरी तरह से बदल गया. विशाखापत्तनम में हुए इस मैच में धोनी ने सिर्फ 123 गेंद में 148 रन ठोक डाले थे.

उस पारी के बाद रांची से निकले इस सुपरस्टार ने दुनिया की क्रिकेट पर राज किया और अपने ‘कैप्टन कूल’ अंदाज से टीम को इंडिया को दो बार वर्ल्ड चैंपियन बनाया.

अपने करियर में धोनी अभी तक हर फॉर्मेट में मिलाकर 17,266 रन बना चुके हैं, जिनमें 16 शतक और 108 अर्धशतक शामिल हैं. 38 वर्ष के धोनी ने भारत के लिये 350 वनडे, 90 टेस्ट और 98 टी20 खेले हैं. वह विकेट के पीछे 829 बल्लेबाजों को शिकार बना चुके हैं. धोनी ने वनडे में एक विकेट भी लिया है.

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वो छक्का किसी भी पारी से ज्यादा यादगार

अपने कैरियर में कई उपलब्धियां हासिल कर चुके धोनी ने भारत को 2011 वर्ल्ड कप जिताया जिसके फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ उनका छक्का हमेशा के लिए भारतीय क्रिकेट के सबसे यादगार लम्हों में शामिल हो गया. यहां तक कि कई धुआंधार पारियां खेलने वाले धोनी की किसी भी पारी से ज्यादा यादगार.

यहां तक कि पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने तो एक बार ये भी कहा कि अपनी जिंदगी के आखिरी लम्हे में भी वो 2011 वर्ल्ड कप के फाइनल में धोनी को वो छक्का मारते देखना चाहेंगे.

धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम वर्ल्ड क्रिकेट में सीमित ओवरों की सबसे सफल टीम बनी. वह तीनों आईसीसी ट्रॉफी वनडे वर्ल्ड कप 2011, टी20 वर्ल्ड कप 2007 और चैम्पियंस ट्रॉफी 2013 जीतने वाले अकेले कप्तान है. उनकी कप्तानी में भारतीय टीम आईसीसी टेस्ट और वनडे रैंकिंग में शीर्ष पर भी पहुंची.

धोनी ने आईपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपर किंग्स को तीन बार खिताब और दो चैम्पियंस लीग खिताब दिलाये हैं.

पिछले कुछ महीने से हालांकि उनके संन्यास को लेकर अटकलें जोरों पर है. भारत के लिये आखिरी मैच उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड कप सेमीफाइनल खेला था. संन्यास के सवाल पर उन्होंने हाल ही में कहा था,‘‘जनवरी तक मुझसे कुछ मत पूछिये.’’

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