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धोनी ने बताया- कैसे पाकिस्तान को T20 वर्ल्ड कप ‘बॉल आउट’ में हराया

धोनी ने कहा कि टीम की रणनीति से बॉल आउट प्लान में भारत को सफलता मिली

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क्रिकेट
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भारत ने टी-20 वर्ल्ड कप के इतिहास में इकलौते बॉल आउट में पाकिस्तान को हरा दिया था
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भारत ने टी-20 वर्ल्ड कप के इतिहास में इकलौते बॉल आउट में पाकिस्तान को हरा दिया था
(फोटोः Reuters)

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धोनी ने 2007 टी20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ खेले यादगार ‘बॉल आउट’ को याद करते हुए कहा कि कैसे टीम ने उसके लिए रणनीति बनाई. भारत और पाकिस्तान के बीच वो मैच टाई हो गया था और फिर फैसला बॉल आउट से हुआ, जिसमें भारत ने जीत दर्ज की.

वर्ल्ड कप 2019 के सेमीफाइनल में भारत की हार के बाद पहली बार धोनी किसी इवेंट में हिस्सा ले रहे थे. मास्टरकार्ड के इस इवेंट के दौरान धोनी ने बताया,

“उस वर्ल्ड कप में कुछ खास था. बॉल आउट उनमें से एक है. मुझे याद है कि हम प्रैक्टिस के लिए जाते थे. हर प्रैक्टिस सेशन में हम वॉर्म-अप से पहले या उसके बाद बॉल आउट की प्रैक्टिस भी करते.”

धोनी ने आगे कहा,

“हमने साफ किया था कि ये सिर्फ मजे के लिए है, लेकिन साथ ही जो भी सबसे ज्यादा बार विकेट पर गेंद मारेगा उसे ही हम मैच में इस्तेमाल करेंगे.”

धोनी ने कहा कि चाहे निजी तौर पर कोई कितना भी अच्छा प्रदर्शन कर ले लेकिन पूरी टीम के प्रयास को कभी भी कम नहीं आंका जा सकता.

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जज्बातों को काबू कर लेता हूं

‘कैप्टन कूल’ महेंद्र सिंह धोनी ने बताया है कि कैसे वो खुद को मैदान पर शांत रख पाते हैं और अपनी भावनाओं को जाहिर नहीं होने देते. टीम इंडिया के पूर्व कप्तान धोनी ने कहा कि एक सामान्य इंसान की तरह वो भी जज्बातों को महसूस करते हैं लेकिन उनका इजहार करने के बजाए वो उसे काबू करने में माहिर हैं.

धोनी ने कहा कि हार या जीत में उनके अंदर भी कई तरह की जज्बात उमड़ते हैं.

“मैं भी बाकी सबकी तरह ही हूं, लेकिन मैं बाकी लोगों के मुकाबले मैं अपनी भावनाओं को बेहतर तरीके से नियंत्रित करता हूं.”
एमएस धोनी

भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक धोनी, वर्ल्ड कप के बाद से ही क्रिकेट से दूर चल रहे हैं.

“मैं भी उतना ही हताश होता हूं. मैं भी बाकी सबकी तरह ही गुस्सा होता हूं और निराश भी होता हूं. लेकिन अहम बात ये है कि इनसे किसी का कोई भला नहीं होता.”
एमएस धोनी

भारत को दो बार वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाले धोनी ने कहा कि वो परेशानी का हल ढूंढ़ने में ज्यादा यकीन रखते हैं.

“किसी भी मौके पर क्या किया जाना चाहिए ये जरूरी है, बजाए जज्बात दिखाने के. मैं आगे क्या कर सकता हूं? मैं किस खिलाड़ी को इस्तेमाल कर सकता हूं? एक बार जब मैं इस सबके बारे में सोचना शुरू कर देता हूं तो मैं बेहतर तरीके से अपने जज्बातों को काबू कर पाता हूं.”
एमएस धोनी

धोनी ने एक बार फिर इस बात पर जोर दिया कि उनके लिए किसी भी नतीजे से ज्यादा जरूरी उसकी प्रक्रिया है.

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