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वेस्टइंडीज दौरे के लिए चीफ सलेक्टर्स की परेशानी दूर करते हुए धोनी ने हाल ही में दो महीने क्रिकेट से दूर रहकर सेना के लिए काम करने की ख्वाहिश जताई थी. सूत्रों के मुताबिक, धोनी की ये अपील जनरल बिपिन रावत की तरफ से मंजूर हो गई है. धोनी को पैराशूट रेजिमेंट बटालियन के जवानों के साथ ट्रेन किया जाएगा, उनकी तैनाती जम्मू-कश्मीर में हो सकती है.
सूत्रों के मुताबिक, धोनी किसी ऑपरेशन या एक्टिव ड्यूटी का हिस्सा नहीं बनेंगे, लेकिन उनकी ट्रेनिंग जवानों की तरह ही होगी. इस पूरी ट्रेनिंग के दौरान धोनी को कोई स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं मिलेगी और उन्हें एक जवान की तरह ही रहना होगा.
2015 में धोनी ने आगरा में स्पेशल फोर्स के साथ ट्रेनिंग भी की थी और पैराट्रूपर के लिए क्वालीफाई करने के लिए उन्होंने 5 जंप भी मारी थी.
टेरिटोरियल आर्मी भारतीय सेना का एक हिस्सा है, लेकिन ये उन लोगों के लिए है जो पहले से ही सिविल प्रोफेशन में हैं. इसमें शामिल होने के लिए सिविल प्रोफेशन में नौकरी या सेल्फ एंप्लॉयमेंट री शर्त है.
टेरिटोरियल आर्मी की यूनिट 1962, 1965 और 1971 के ऑपरेशन में सक्रिय रूप से शामिल रही थीं. आर्मी ने श्रीलंका में ऑपरेशन पवन, पंजाब में ऑपरेशन रक्षक और जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन राइनो और नॉर्थ-इस्ट में ऑपरेशन बजरंग में भी हिस्सा लिया है.
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