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जिन्होंने कभी दिया था साथ,इस वर्ल्ड कप में धोनी उनका चुका रहे कर्ज

धोनी ने लंबे समय तक रीबॉक के लोगो वाले बैट का इस्तेमाल किया था

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क्रिकेट
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धोनी ने एक ही मैच में दो अलग-अलग लोगो वाले बल्लों का इस्तेमाल किया है
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धोनी ने एक ही मैच में दो अलग-अलग लोगो वाले बल्लों का इस्तेमाल किया है
(फोटोः AP)

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वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले और शुरू होने के बाद भी, भारतीय क्रिकेट टीम का एक खिलाड़ी जो सबसे ज्यादा चर्चा में है, वो हैं पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी. पहले उनकी फॉर्म, फिर ग्लव्स विवाद और उसके बाद उनकी बल्लेबाजी ने लगातार खबरों में जगह बनाई.

लेकिन एक चीज जो ज्यादातर लोगों की नजर से बच गई, वो है धोनी का बैट. अगर इस वर्ल्ड कप में धोनी के बल्ले पर किसी ने गौर फरमाया हो, तो देखा होगा कि धोनी अलग-अलग ‘लोगो’ वाले बैट का इस्तेमाल कर रहे थे.

आमतौर पर हर बल्लेबाज एक वक्त में एक ही ‘लोगो’ वाले बल्ले का इस्तेमाल करता है, क्योंकि उस कंपनी से उस खिलाड़ी का करार होता है. धोनी ने भी अपने करियर में ज्यादातर वक्त रीबॉक के लोगो वाले बल्ले का इस्तेमाल किया. उसके बाद कुछ साल स्पार्टन से स्पॉन्सशिप डील के तहत उसके बल्ले से मैदान में रन बरसाए.

हालांकि, इस बार वर्ल्ड कप में धोनी ने ‘बास’, ‘एसएस’ और ‘एसजी’ के बल्लों का इस्तेमाल किया है. इंग्लैंड और बांग्लादेश के खिलाफ मैच के दौरान धोनी एसजी के बल्ले के साथ बल्लेबाजी की शुरुआत करने उतरे. हालांकि बीच में धोनी ने बल्ला बदलकर ‘बास’ लोगो वाले बैट का इस्तेमाल किया. इसी तरह कुछ मैचों में धोनी ‘एसएस’ लोगो वाला बैट इस्तेमाल करते नजर आए.

धोनी के इस बदलाव के पीछे की वजह बहुत खास है. दरअसल धोनी इस बल्लों का इस्तेमाल कर इन कंपनियों के प्रति अपना आभार जता रहे हैं, क्योंकि इन्होंने अलग-अलग वक्त पर धोनी के करियर में काफी मदद की थी.

इंग्लैंड के खिलाफ ड्रेसिंग रूम में एमएस धोनी के तीन अलग-अलग लोगो वाले बल्ले(फोटोः AP)

धोनी के मैनेजर अरुण पांडे ने अंग्रेज अखबार मुंबई मिरर को बताया कि धोनी सद्भावना के तहत इन बल्लों का इस्तेमाल कर रहे हैं और उसके लिए कंपनियों से कोई धनराशि नहीं ले रहे.

“ये सच है कि धोनी अलग-अलग ब्रांड वाले बैट का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन इसके बदले में वो कोई पैसा नहीं ले रहे. धोनी उन सभी कंपनियों को धन्यवाद देने के लिए ऐसा कर रहे हैं, जिन्होंने अलग-अलग स्तर पर उनके करियर में मदद की. धोनी का दिल बहुत बड़ा है. उन्हें धन की जरूरत नहीं है, उनके पास पहले ही काफी हैं. वो उन बैट का इस्तेमाल गुडविल के तौर पर कर रहे हैं. बास शुरू से उनके साथ था, जबकि एसजी ने भी काफी मदद पहुंचाई.”
अरुण पांडे, एमएस धोनी के मैनेजर
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जब धोनी ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी तो वो ‘बास’ के बल्ले का इस्तेमाल करते थे. धोनी ने विशाखापत्तनम में पाकिस्तान के खिलाफ अपने करियर का पहला ही शतक ‘बास’ के बल्ले से ही लगाया था.

धोनी ने 2005 में विशाखापत्तनम वनडे में पाकिस्तान के खिलाफ अपना पहला शतक जड़ा था.(फाइल फोटोः रॉयटर्स )

जानकारी के मुताबिक आमतौर पर धोनी अपने बल्ले पर किसी कंपनी का लोगो लगाकर खेलने के लिए हर मैच के हिसाब से 10-15 लाख रुपये लेते हैं.

हालांकि धोनी के इस फैसले से उनके संन्यास की अटकलों को और जोर मिल रहा है. हाल ही में एक बीसीसीआई अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया था कि वर्ल्ड कप में भारत का आखिरी मैच, धोनी के करियर का आखिरी मैच हो सकता है.

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