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BCCI के लोकपाल-कम-एथिक्स ऑफिसर न्यायमूर्ति (रिटायर्ड) डीके जैन ने राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के चीफ और भारतीय टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ को कॉनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट (हितों के टकराव) मामले में क्लीन चिट दे दी. IANS से बात करते हुए जैन ने कहा कि उन्हें पूर्व भारतीय कप्तान के खिलाफ हितों के टकराव से जुड़ा कोई मामला नजर नहीं आया. जैन ने कहा, "मैं द्रविड़ के खिलाफ हितों के टकराव से जुड़ा कोई मामला नहीं पाया."
इस संबध में जारी आदेश की प्रति आईएएनएस के पास है, जिसमें जैन ने कहा, "द्रविड़ को हितों के टकराव से मुक्त पाया गया है. इस सम्बंध में दोनों पक्षों (इस सम्बंध में मामला दर्ज करने वाले और द्रविड़) को इत्तेला कर दिया गया है. साथ ही बीसीसीआई को भी इसकी जानकारी दे दी गई है. इस मामले से जुड़ा अंतिम फैसले का दस्तावेज इस शिकायत के साथ अटैच रहेगा."
द्रविड़ को 12 नवंबर को जैन के सामने पेश होना था. द्रविड़ अभी राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के प्रमुख हैं. मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता की शिकायत पर एथिक्स ऑफिसर ने द्रविड़ को कॉनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट के संबंध में नोटिस दिया था. अपनी शिकायत में गुप्ता ने कहा था कि द्रविड़ एनसीए के निदेशक हैं और साथ ही साथ वह आईपीएल फ्रेंजाइजी चेन्नई सुपर किंग्स का मालिकाना हक रखने वाली इंडिया सीमेंट्स ग्रुप में उपाध्यक्ष भी हैं.
आईएएनएस को एक लेटर मिला था, जिसमें इंडिया सीमेंट्स के सीनियर जनरल मैनेजर जी. विजयन ने साफ-साफ लिखा है कि द्रविड़ ने बीसीसीआई और एनसीए प्रमुख के तौर पर अपनी प्रतिबद्धताओं को देखते हुए दो साल का अवकाश ले रखा है.
बीसीसीआई का कामकाज देखने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति के अध्यक्ष विनोद राय ने द्रविड़ का बचाव करते हुए कहा था कि द्रविड़ का अवकाश पर रहना उन्हें किसी प्रकार के कॉनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट से दूर करता है.
बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने भी द्रविड़ पर लगे कॉनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट के आरोपों को लेकर काफी नाराजगी जाहिर की थी. गांगुली ने कहा था कि कॉनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट भारतीय क्रिकेट में एक नया फैशन बन गया है. यह खबरों में रहना का तरीका है.
(इनपुट: IANS)
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