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Shahbaz Ahmed: पिता बनाना चाहते थे इंजीनियर, एक शर्त पूरी कर बेटा बना क्रिकेटर

Shahbaz Ahmed को जिम्बाब्वे दौरे पर टीम में शामिल किया गया था लेकिन खेलने का मौका नहीं मिला था.

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Shahbaz Ahmed: पिता बनाना चाहते थे इंजीनियर, एक शर्त पूरी कर बेटा बना क्रिकेटर

(फोटो: ट्विटर)

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आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए खेलने वाले ऑलराउंडर शाहबाज अहमद (Shahbaz Ahmad) को रविवार को भारत के लिए डेब्यू करने का मौका मिला. भारत और साउथ अफ्रीका के बीच रांची में खेले जा रहे दूसरे वनडे में उन्हें रवि बिश्नोई की जगह प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया है.

शाहबाज वनडे क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले 247वें क्रिकेटर बन गए हैं. उन्हें जिम्बाब्वे दौरे पर भी भारतीय स्क्वाड में शामिल किया गया था लेकिन एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिल पाया था.  

उनके त्याग और परिश्रम का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि क्रिकेट में करियर बनाने के लिए उन्हें इंजीनियरिंग के पढ़ाई के बीच में हरियाणा से बंगाल का रुख करना पड़ा.

शाहबाज ने 4 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था

हरियाणा के नूंह से आने वाले शाहबाज को उनके खून में क्रिकेट का हुनर मिला है. उनके दादा को भी क्रिकेट खेलने का शौक था लेकिन उस समय वहां ऐसी सुविधाएं नहीं थीं जो उनके शौक को पूरा कर पातीं. शाहबाज ने चार साल की उम्र में ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था.

शाहबाज के पिता ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह बचपन में बेटे के साथ क्रिकेट खेला करते थे. वह गेंदबाजी करते थे और शाहबाज बल्लेबाजी.

पिता बनाना चाहते थे इंजीनियर

शाहबाज का परिवार नूंह जिले के शिकरावा गांव से है. उनके पिता अपने और बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए गांव छोड़कर शहर आ गए. शाहबाज के पिता अहमद जान हरियाणा में एसडीएम के रीडर हैं. शाहबाज दो भाई और एक बहन हैं. उनकी छोटी बहन फरहीन डॉक्टर हैं. उनके पिता शाहबाज को भी इंजीनियरिंग पढ़ाना चाहते थे, उन्होंने पिता की बात मानते हुए इंजीनियरिंग में दाखिला तो लिया लेकिन मन क्रिकेट में लगाया.

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27 वर्षीय क्रिकेटर ने अपनी इंजीनियरिंग के तीसरे साल में पिता को बताया कि वह क्रिकेट में भविष्य बनाने के लिए बंगाल जाना चाहते है. पिता ने उनकी बात मानी मगर एक शर्त पर कि उन्हें अपनी डिग्री पूरी करनी होगी. शाहबाज ने शर्त मान ली.

बंगाल में मिला मौका 

जिस तरह शाहबाज के पिता ने बेहतर भविष्य के लिए गांव से शहर का रुख किया था, वैसे ही उन्होंने भी अपने सपने को पूरा करने के लिए हरियाणा से बंगाल का रुख किया.

बंगाल पहुंच कर भी उनकी मुश्किलें कम नहीं हुई. वह तपन मेमोरियल क्लब से जुड़े और पहले मैच के बाद ही उन्हें यह कहते हुए बैन कर दिया की वह बाहरी हैं. मामला क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (सीएबी) तक पहुंचा और जांच के बाद उन्हें खेलने के अनुमति दी गई. जिसके बाद उन्होंने पीछे मुड़ कर नहीं देखा.

घरेलू मैचों में शानदार प्रदर्शन के बाद उन्हें 2018-19 में बंगाल रणजी टीम में चुना गया था. एक साल बाद 2019-20 में उनका चयन इंडिया ए में भी हो गया. वहीं साल 2020 में शहबाज की गूंज आईपीएल तक पहुंची.

आईपीएल से मिली पहचान

शाहबाज को पहली बार आईपीएल 2020 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम ने 20 लाख रूपये में खरीदा था. उस साल उन्हें दो मैच खेलने का मौका मिला. जिसमें उन्होंने एक रन बनाए और दो विकेट लिए. आईपीएल 2021 में बेंगलोर की टीम ने उन्हें 11 मैचों में मौका दिया. जिसमें उन्होंने 59 रन बनाए और 7  विकेट अपने नाम किए.

शाहबाज के प्रदर्शन को देखते हुए आईपीएल 2022 में आरसीबी ने 2.40 करोड़ में उन्हें अपनी टीम में शामिल किया. उन्होंने टीम के लिए प्रदर्शन भी किया. आईपीएल 2022 में 16 मैचों में  219 रन बनाएं और 4 विकेट भी लिए. इस दौरान उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण पारियां भी खेली थी.

उन्होंने अब तक आईपीएल में 29 मैच की 19 पारियों में 118.72 की औसत से 279 रन बनाए हैं. वहीं, गेंदबाजी में 22 पारियों में 13 विकेट लिए हैं.

प्रथम श्रेणी में शानदार आकड़े 

शाहबाज ने अब तक 19 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं, जिसमें 42.42 की औसत से 1103 रन बनाए हैं. इस दौरान उन्होंने एक शतक और आठ अर्धशतक भी लगाया हैं. गेंदबाजी की बात करें तो उन्होंने इतने ही मैच में 19.29 की औसत से 62 विकेट लिए हैं.

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