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वीडियो एडिटर: राहुल सांपुई
भारतीय क्रिकेटर शिखर धवन ने 2019 आईसीसी वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक के साथ अपनी शुरुआत की. इस शतक ने भारत को अपने लक्ष्य को ट्रैक पर रखने में मदद की. लेकिन इस दौरान ही धवन को बाएं अंगूठे में चोट लग गई और वो टूर्नामेंट से बाहर हो गए.
वापसी के बाद से धवन अपने फॉर्म को दोहराने में सफल नहीं हो पाएं और 11 पारियों में सिर्फ 232 रन ही बनाए. एक अर्धशतक तक नहीं लगा पाए. पिछले साल मयंक अग्रवाल से अपना टेस्ट पोजिशन गंवाने के बाद अब वनडे में भी उन पर खतरा मंडरा रहा है.
ऐसे हालात में क्विंट ने शिखर धवन से उनके करियर, परिवार और तमाम मुद्दों पर खास बातचीत की. उनके जज्बे से तो ऐसा ही लगा की गब्बर फिर से लौटेगा.
हमने शिखर को लगातार रन और सेंचुरी बनाते देखा है, तो क्या आपने इस बारे में सोचा कि ये साल वैसा नहीं रहा?
नहीं, वो सब होता है. जिंदगी में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. और अगर नहीं गया तो कोई बात नहीं, मेरी मेहनत कैसी थी उसके पीछे, उसी के मायने हैं मैंने पूरा दम लगाया, पूरे दिल से काम किया कभी-कभार होता है, कि आप सबकुछ सही करते हो फिर भी चीजें आपके हिसाब से नहीं होती. तो आप उसे स्वीकार करते हो मैं हताश नहीं होता मैं अपनी तरफ से कोशिश करता रहूंगा और मुझे पता है कि फिर चीजें सही होंगी.
क्या टेस्ट टीम से बाहर हो जाना आपके लिए सबसे ज्यादा मुश्किल रहा?
नहीं ठीक है. मैंने 3-4 मैचों में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया. जिस तरह का कम्पटीशन है, टीम में कुछ अच्छे खिलाड़ी हैं, जो आए और उन्होंने अपनी जगह बनाई मुझे ये मानना होगा. मैं निराश होने में यकीन नहीं रखता . मैं ऐसा आदमी हूं जो एनर्जी पर भरोसा करता है अगर मैं दुखी रहूंगा तो मेरा आने वाला कल भी दुख भरा होगा
जब हम शिखर धवन को टीवी पर देखते हैं, तो आप बेहद खुशमिजाज क्रिकेटर के तौर पर दिखते हैं तो क्या कोई मंत्र है कि खुश रहूंगा?
जिंदगी क्रिकेट से बढ़कर है कई बार चीजें आपके मुताबिक होंगी कई बार नहीं होंगी इससे आपकी अंदरूनी शांति में कोई खलल नहीं पड़ना चाहिए अपने लक्ष्य का पीछा करना अच्छी बात है लेकिन साथ ही जब परेशानी आती है तो आपको मजबूत बने रहना चाहिए और आगे बढ़ते रहना चाहिए.
आपकी पत्नी आयशा का कितना बड़ा रोल रहा है इसमें? क्योंकि वो हमेशा पॉजिटिव रहती हैं. आपको लगता है कि उन्होंने आपके क्रिकेट को भी इसी तरह प्रभावित किया है?
आप किसी के साथ रहते हो तो उनका रंग चढ़ता ही है. उनका काफी सपोर्ट रहा है. आयशा काफी मजबूत शख्सियत हैं. मेरी पर्सनैलिटी भी काफी मजबूत है हम दोनों आध्यात्म से जुड़े हुए हैं उससे हमें मदद मिली कि कैसे चीजों से निपटा जाता है और मानसिकता कैसी होनी चाहिए.
मयंक अग्रवाल का करियर भी कुछ आपकी तरह रहा है . आप दोनों अंडर-19 में स्टार थे और घरेलू क्रिकेट में भी दोनों ने अच्छा प्रदर्शन किया, दोनों ने काफी देरी से अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया दोनों में काफी समानताएं हैं, आप दोनों कभी इस बारे में बात करते हैं?
नहीं, ऐसी बात तो नहीं होती लेकिन जो आपने कहा वो सही है, उसने घरेलू क्रिकेट में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है, वो इसके लायक है, और उसने इस मौके का फायदा उठाया और मैं उसके लिए काफी खुश हूं.
एक और क्रिकेटर है, जिसके लिए आप अच्छा सोचते हैं- ऋषभ पंत उनकी बहुत आलोचना हो रही है दिल्ली के क्रिकेटर और उनका सीनियर होने के नाते क्या आप उनसे बात करते हो कि ऋषभ सब सही है? रोहित ने भी कहा कि उन्हें अकेला छोड़ दें लेकिन लोग ऐसा होने नहीं देते क्या आप करते हैं?
हां, बिल्कुल बात होती है , यही बोलते हैं कि कोई बात नहीं, वक्त है वो अपनी तरफ से पूरी जान लगा रहा है, पूरी मेहनत कर रहा है. ऐसा कोई भी क्रिकेटर नहीं होगा जो मेहनत नहीं करता सब कर रहे हैं. लेकिन कभी वक्त ऐसा होता कि कुछ नहीं होता उस वक्त धैर्य रखना बहुत जरूरी है मुझे यकीन है कि वो इस दौर से सीखेगा आप अपने असफलता से या तो सीखते हो या जीतते हो उसके पास इस अनुभव से सीखने का अच्छा मौका है और मुझे यकीन है वो और मजबूत होकर आएगा.
क्रिकेट में एक और टेक्नोलॉजी लॉन्च हो रही है इस नए बैट के बारे में कुछ बताइए?
स्टान्सबीम एक नई टेक्नोलॉजी है, और जब आप इसका इस्तेमाल बैट पर करते हो तो ये बैट की स्पीड, एंगल से जुड़ा डेटा देता है. इससे खिलाड़ियों को और ज्यादा जानकारी मिलती हैं, ये क्रिकेट कोच के लिए भी अच्छा है. वो ये डेटा नए क्रिकेटर्स के साथ बांट सकते हैं, ये आने वाले वक्त में काफी मददगार रहेगा.
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