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भारतीय क्रिकेट बोर्ड यानी बीसीसीआई (BCCI) ने इस साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले T20 वर्ल्ड कप (ICC Men T20 World Cup 2022) के लिए टीम का ऐलान कर दिया है. जैसी उम्मीद थी ज्यादातर खिलाड़ी वही हैं जो एशिया कप में भारतीय टीम का हिस्सा थे, इसके अलावा जसप्रीत बुमराह और हर्षल पटेल की वापसी हुई है. ये भी लगभग तय ही था क्योंकि इन दोनों का चोट के चलते एशिया कप में चयन नहीं हो पाया था.
तो क्या पूरे स्कॉड को देखने के बाद कोई हैरानी नहीं होती? इस सवाल का जवाब एक और सवाल में छिपा है- क्या एशिया कप में भारत की हार ने जो सवाल खड़े किए थे वे इस स्कॉड के बाद खत्म हो जाते हैं?
एक नजर स्कॉड पर
रोहित शर्मा (कैप्टन), के एल राहुल (उप कप्तान), विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव, दीपक हुड्डा, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), दिनेश कार्तिक (विकेटकीपर), हार्दिक पांड्या, आर अश्विन, युजवेंद्र चहल, अक्षर पटेल, जस्प्रीत बुमराह, भवनेश्वर कुमार, हर्षल पटेल, अर्शदीप सिंह.
पहली नजर में तो लग सकता है कि भारतीय टीम ने बैलेंस बिठाने की कोशिश की है. गेंदबाजी में बुमराह और हर्षल की वापसी से थोड़ा बैलेंस जरूर आया है, लेकिन फिर भी कई सवालों के जवाब अभी बाकी हैं.
पहले, दूसरे, तीसरे और चौथे नंबर पर रोहित शर्मा, केएल राहुल, विराट कोहली और सूर्यकुमार यादव का बल्लेबाजी के लिए आना तय है, लेकिन फिर पांचवें और छठे नंबर पर जो सवाल उठ रहे थे उसका जवाब अभी भी नहीं मिला. भारतीय टीम पंत का मोह नहीं छोड़ पा रही. 58 T20 खेलने के बाद भी अगर किसी बल्लेबाज का स्ट्राइक रेट सिर्फ 126 का है तो उसे वर्ल्ड कप की टीम में क्यों होना चाहिए? ऊपर से पंत के शॉट सेलेक्शन पर पहले ही सवाल उठ रहे हैं.
पंत की जगह संजू सैमसन को मौका दिया जा सकता था क्योंकि वो T20 में पंत के उलट एक बेहतर बल्लेबाज माने जाते हैं. इस सीजन IPL में भी संजू ने 146 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी की और औसत भी लगभग 29 का रहा. अगर ये लगता था कि हाल में उन्हें अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में ज्यादा मौके नहीं मिले तो T20 WC से पहले ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के साथ सीरीज है जिसमें उन्हें मौका देकर BCCI अपनी गलती सुधार सकता था.
दीपक हुड्डा को लेकर भी सवाल कम नहीं है. हुड्डा का भारतीय टीम ने न सही के फिनिशर के तौर पर प्रयोग किया है न ही गेंदबाज के तौर पर. हुड्डा ने अब तक भारत के लिए 12 T20 मैच खेले, जिसमें उनसे सिर्फ 36 गेंदें फिकवाई गई हैं. रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ ने कहा था कि हम T20 वर्ल्ड कप में अच्छा कॉम्बीनेशन बनाने के लिए प्रयोग करते आए हैं. लेकिन जब पंत और हुड्डा प्रयोग में सफल नहीं हुए तो उनका चयन क्यों हुआ?
बॉलिंग में बुमराह और हर्षल की वापसी के साथ पेस अटैक का संतुलन तो ठीक हो जाएगा, लेकिन भुवनेश्वर और अर्शदीप में से किसी एक को चुनने की समस्या आ सकती है. भुवनेश्वर इस एशिया कप में अंतिम ओवरों में रन रोकने में नाकाम रहे हैं, जो भारत के हार की एक बड़ी वजह रही. लेकिन इसके उलट अर्शदीप ने कंजूसी के साथ गेंदबाजी की है.
अगर भारत 3 पेसर और 2 स्पिनर के साथ उतरता है तो पेस अटैक में भुवि और अर्शदीप में से किसी एक को चुनना होगा. भुवनेश्वर थोड़े फीके रहे हैं लेकिन उनके पास बड़े मैचों का अनुभव है, दूसरी तरफ अर्शदीप के पास अनुभव नहीं है लेकिन वे धारदार नजर आए हैं. देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय टीम किसके साथ मैदान पर उतरती है.
हार्दिक, अर्शदीप और भुवनेश्वर को ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका सीरीज के दौरान NCA भेजा जाएगा, इसलिए इसमें मोहम्मद शमी का चयन हो गया लेकिन T20 वर्ल्ड कप के मेन स्कॉड में मोहम्मद शमी की जगह नहीं बन पाई, वे स्टैड बाई पर रखे गए हैं.
उन्हें एशिया कप में भी शामिल नहीं किया गया था. शमी की रफ्तार और बाउंस ऑस्ट्रेलियाई पिच पर कहर बरसा सकती है. इस साल आईपीएल में 20 विकेट लेने वाले बॉलर को कुर्सी पर बिठा दिया गया, खैर पेस अटैक में ज्यादा समस्या नजर नहीं आती लेकिन शमी के होने से एक अनुभवी खिलाड़ी बढ़ जाता और इसका कोई नुकसान नहीं है. अब आखिरी फैसला प्लेइंग 11 में होगा.
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