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पिता ने दूध बेचा-वैन चलाई, अब बेटा बना U-19 टीम का कप्तान

साउथ अफ्रीका में जनवरी 2020 में अंडर-19 वर्ल्ड कप खेला जाएगा

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प्रियम गर्ग को अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय क्रिकेट टीम की कमान सौंपी गई है.
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प्रियम गर्ग को अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय क्रिकेट टीम की कमान सौंपी गई है.
(फोटोः फेसबुक)

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भारतीय खेल जगत में कई ऐसे खिलाड़ी सामने आए हैं, जिन्होंने अभावों के बावजूद अपनी काबिलियत से नाम और पहचान बनाई और इसमें परिवार की भी बड़ी मेहनत रही. ऐसा ही एक नया नाम है- प्रियम गर्ग.

उत्तर प्रदेश के प्रियम को हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम की अंडर-19 टीम का कप्तान बनाया गया है. प्रियम की कप्तानी में भारतीय टीम जनवरी 2020 से साउथ अफ्रीका में होने वाले वर्ल्ड कप में उतरेगी.

मुश्किल आर्थिक हालात के बावजूद प्रियम अगर इस मुकाम तक पहुंचे हैं तो इसमें उनके पिता की भी बड़ी मेहनत है. प्रियम को क्रिकेट में बड़े स्तर तक पहुंचाने के लिए उनके पिता ने दूध बेचने से लेकर स्कूल वैन चलाने तक कई काम किए, ताकि आर्थिक तंगी के कारण प्रियम क्रिकेट से दूर न रह जाए.

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए प्रियम ने कहा कि उनके पिता ने कई तरह के काम किए ताकि वो एक दिन वो क्रिकेटर बन सके.

“मेरे पिता ने काफी कड़ी मेहनत की, उन्होंने हर तरह के काम किए...दूध बेचा, स्कूल वैन चलाई, बोझा उठाया, ताकि मुझे एक अच्छी जिंदगी मिल सके. वो मुझे एक दिन क्रिकेटर बनते देखना चाहते थे इसलिए उन्होंने ये सब किया.”
प्रियम गर्ग (इंडियन एक्स्प्रेस से बातचीत में)

इतना ही नहीं, प्रियम के पिता उन्हें उनके घर से करीब 20 किलोमीटर दूर मेरठ की एक क्रिकेट एकेडमी में ले जाते थे. इसी एकेडमी ने भारत को प्रवीण कुमार और भुवनेश्वर कुमार जैसे क्रिकेटर दिए.

प्रियम ने सिर्फ 11 साल की उम्र में अपनी मां को खो दिया था और ऐसे में उनके पिता और बड़ी बहनों ने उनको ये कमी पूरी नहीं होने दी और क्रिकेटर बनने के सपने को पूरा करने में पूरा साथ दिया.

भारत की एक पूरी पीढ़ी को क्रिकेटर बनने के लिए प्रेरित करने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ही प्रियम के लिए भी बल्ला और गेंद उठाने का कारण बने. सचिन को अपना आदर्श मानने वाले प्रियम कहते हैं कि सचिन को खेलता देखना आसान नहीं था क्योंकि घर में टीवी नहीं था.

“मैं पास के टीवी शोरूम में जाता था और भीड़ के साथ खड़ा होकर मैच देखता था. सचिन सर के कारण ही मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया.”
प्रियम गर्ग (इंडियन एक्स्प्रेस से बातचीत में)
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ये प्रियम का टैलेंट ही है जिसे देखकर भारत के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने उनके पिता नरेश गर्ग को भरोसा दिलाया था कि वो एक दिन बड़ा खिलाड़ी बनेगा.

प्रियम पहले ही उत्तर प्रदेश की सीनियर टीम का हिस्सा बन चुके हैं. उन्होंने अपने पहले ही रणजी सीजन (2018-19) में उत्तर प्रदेश के लिए सबसे ज्यादा 867 रन बनाए थे, जिसमें एक दोहरा शतक और दो शतक भी शामिल थे.

प्रियम के सामने मौका है कि वो मोहम्मद कैफ, विराट कोहली, उन्मुक्त चंद और पृथ्वी शॉ के साथ अपना नाम जोड़ सकें. इन्हीं चारों की कप्तानी में भारत ने अंडर-19 वर्ल्ड कप के खिताब जीते थे.

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