Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Sports Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Cricket Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019राहुल द्रविड़ को किसी भी कीमत पर टीम इंडिया का कोच क्यों बनाना चाहता है BCCI

राहुल द्रविड़ को किसी भी कीमत पर टीम इंडिया का कोच क्यों बनाना चाहता है BCCI

BCCI ने नये कोच के लिए आवेदन की घोषणा तब की जब Rahul Dravid ने अप्लाई करना का वादा कर दिया!

विमल कुमार
क्रिकेट
Published:
हितों के टकराव मामले में राहुल द्रविड़ को क्लीन चिट
i
हितों के टकराव मामले में राहुल द्रविड़ को क्लीन चिट
(फोटो: पीटीआई)

advertisement

आखिरकार रविवार दोपहर को बीसीसीआई (BCCI) ने टीम इंडिया के नये कोच के लिए आवेदन भरने का फॉर्म और तारीख की घोषणा कर ही डाली. लेकिन, बोर्ड ने ये काम तब किया जब उन्हें राहुल द्रविड़ से ये भरोसा मिल गया कि वो इसके लिए अप्लाई जरूर करेंगे. अब आप खुद सोचिए कि दुनिया की कोई भी संस्था क्या भविष्य के किसी इम्प्लॉई से पहले रजामंदी लेकर इंटरव्यू करती है क्या? नहीं और बीसीसीआई भी नहीं करता लेकिन द्रविड़ तो द्रविड़ हैं, बिलकुल अनूठे और निराले.

भारतीय क्रिकेट के इतिहास में दिग्गजों की लंबी या छोटी सूची बना लें, इनसे ज्यादा सम्मानित खिलाड़ी आपको कोई दूसरा नहीं मिलेगा क्योंकि इनके निस्वार्थ भावना की मिसाल भारत तो क्या पूरी दुनिया में पेश की जाती है. और यही वजह है कि अक्सर दंभी माने जाने वाला बीसीसीआई जो पारंपरिक तौर पर किसी भी दिग्गज की खुशामदी में यकीन नहीं करता है, अपने स्वभाव के विपरीत द्रविड़ को पिछले 6 महीने से लगातार इस बात के लिए मनाने में जुटा था कि वो हर हाल में भारतीय क्रिकेट के हेड कोच का पद संभाल ले.

A+100 अंक हासिल करने वाले कोच हैं द्रविड?

इस साल जुलाई में किसी तरह से मनाते हुए बोर्ड ने द्रविड़ को शिखर धवन की अगुवाई वाली टीम का कोच बनाकर श्रीलंका भेजा. ऐसा माना जाता है कि उस दौरे पर हर खिलाड़ी ने द्रविड़ के बारें में A+ क्या A+100 अंक दिये.

हालांकि, इसमें कोई नयी बात नहीं थी क्योंकि पिछले कुछ सालों से हर उभरता हुआ भारतीय खिलाड़ी द्रविड़ सर का गुणगान करते थक नहीं रहा है. चाहे वो हार्दिक पंड्या हो या फिर मोहम्मद सिराज, चाहे वो श्रेयस अय्यर हों या फिर पृथ्वी शॉ, चाहे वो मयंक अग्रवाल हों या फिर लोकेश राहुल (लोकेश राहुल तो अपने में अनूठे केस हैं क्योंकि इनके पिता ने द्रविड़ के नाम पर ही उनका नाम तक रख डाला!)

हर किसी ने सार्वजनिक तौर पर ये माना है कि अंडर 19 या फिर इंडिया ए के कोच के तौर पर द्रविड़ ने कैसे उनके खेल में निखार लाया. वहीं दूसरी तरफ आप देख लें कि मौजूदा कोच रवि शास्त्री के बारे में तारीफ के दो बोल उनके खासे दोस्त और कप्तान विराट कोहली को छोड़कर किसी और ने नहीं कहे हैं. और अगर किसी ने प्रेस कॉन्फ्रेस में शास्त्री के योगदान पर सवाल पूछ लिया तो वो एक अलग बात है, लेकिन द्रविड़ जैसी वाहावाही बिना हेड कोच बने ही किसी भी भारतीय कोच ने हासिल नहीं की थी.

पूरी दुनिया इस नियुक्ति से पहले ही गदगद!

और शायद यही वजह है कि दुनिया भर के दिग्गजों ने भी बीसीसीआई की आधिकारिक घोषणा तक का इंतजार भी नहीं किया और द्रविड़ की नियुक्ति पर उन्हें बधाई तक देने लगे. इनमें टीम इंडिया के पूर्व कोच ग्रेग चैपल भी हैं और उनके शब्दों में द्रविड़ के प्रति सम्मान का भाव देखकर आप उनके पूरानी सारी शिकायतों को भूल जाएंगे!

राहुल को क्यों चाहता है बीसीसीआई?

एक स्वाभाविक सवाल हर किसी के जेहन में उठ रहा है कि आखिर ऐसी क्या बात है कि बीसीसीआई हर हाल में द्रविड़ को ही अगला कोच बनाने पर आमादा है? देखिये, द्रविड़ की असाधारण साख तो एक बड़ी वजह है ही लेकिन साथ ही एक दूसरी बड़ी वजह ये भी है कि बोर्ड के पास बहुत विकल्प भी ज्यादा नहीं हैं.

विदेशी नहीं मिल रहे, द्रविड़ से आत्मनिर्भता भी दिख जाएगी!

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

वो जमाना लद गया जब जॉन राइट से लेकर गैरी कर्स्टन और डंकन प्लैचर जैसे विदेशी दिग्गज टीम इंडिया की कोचिंग के लिए कुछ भी करने को तैयार दिखते थे. लेकिन, आज जमाना आईपीएल का है और रिकी पोटिंग, माहेला जयावर्देने और स्टीफन फ्लेमिंग( 4 बार आईपीएल ट्रॉफी जीतने वाले इकलौते कोच) जैसे बेहतरीन कोच टीम इंडिया के साथ पूरे साल भर का दबाव झेलने की बजाए 2 महीने की कोचिंग में ही खुश हो जाते हैं, क्योंकि कमाई कम नहीं है और नाम भी हो जाता है.

भविष्य में कप्तानी की हलचल को संभालने के लिए द्रविड़ जैसा शख्सियत जरूरी

एक और अहम बात ये है कि आने वाले दो साल के दौरान भारतीय क्रिकेट में कप्तानी को लेकर काफी हलचल दिखने वाली है. विराट कोहली के बाद रोहित शर्मा टी20 की कप्तानी करेंगे और मुमकिन है कि वन-डे क्रिकेट की भी जिम्मेदारी उन्हें ही दी जाए. कोहली के पास टेस्ट कप्तानी रहेगी.

इसके अलावा भविष्य के कप्तान के तौर पर या तो केएल राहुल या फिर ऋषभ पंत को तैयार किया जाएगा. ऐसे वातावरण में ड्रेसिंग रूम में पावर-गेम का तनाव भी दिख सकता है. इस हालात को काबू करने के लिए द्रविड़ जैसा सुलझा हुआ संतुलित शख्सियत ही बीसीसीआई की पसंद हो सकती है ना कि पक्षपात का आरोप झेल रहे शास्त्री या बेहद कड़े मिजाज के माने जाने वाले अनिल कुंबले. .

लाल गेंद और सफेद गेंद के हिसाब से टीम इंडिया में हर फॉर्मेट में खिलाड़ी भले ही बदलते रहेंगे लेकिन अगर द्रविड़ जैसा नियमित कोच टीम के साथ हो तो हालात कभी भी बिगडेंगे नहीं. ये बीसीसीआई की सबसे बड़ी हसरत है जो द्रविड़ ही इस वक्त पूरी करने की काबिलियत रखते हैं.

ऐसे विरले आजकल कहां मिलते हैं!

क्रिकेट के इतिहास में आज तक कोई ऐसा पूर्व खिलाड़ी जिसने 10 हजार से ज्यादा रन टेस्ट और वन-डे में बनाये हों , किसी राष्ट्रीय टीम के साथ कोच के तौर पर नहीं जुड़ा है. क्योंकि ऐसे दिग्गजों के लिए रिटायरमेंट के बाद कमाई का असली जरिया कामेंट्री बॉक्स होता, लेकिन द्रविड़ को दुनियादारी की नहीं बल्कि अपने देश के क्रिकेट की परवाह हमेशा से ही सबसे ज्यादा रही है और शायद इसलिए बीसीसीआई भी उन्हें हर हाल में टीम से जोड़ने के लिए कोई भी कदम उठाने को तैयार दिख रहा है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT