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महिला प्रीमियर लीग (WPL) का ऑक्शन खत्म होने के बाद अब इंतजार है, तो बस टीमों के बीच गेंद और बल्ले की रोमांचक जंग का. 4 मार्च से इसकी शुरुआत भी हो जाएगी, लेकिन उसके पहले देखते हैं कि ऑक्शन में किस फ्रेंचाइजी ने बाजी मारी? किस टीम की क्या कमजोरी और ताकत है? यानी सीधे शब्दों में कहें तो कौन है महिला प्रीमियर लीग की चैंपियन बनने की प्रबल दावेदार टीम.
मजबूती
दिल्ली ने बल्लेबाजी में बड़ा निवेश किया है. दिल्ली का टॉप ऑर्डर फ्रेंचाइजी की सबसे मजबूत कड़ी है. टॉप ऑर्डर में जेमिमा रॉड्रिग्स और शेफाली वर्मा जैसी धाकड़ भारतीय खिलाड़ी के अलावा, ऑस्ट्रेलिया को वर्ल्ड कप जिताने वाली कप्तान मेग लैनिंग भी टीम में हैं.
कमजोरी
दिल्ली के पास बड़े मंचों पर लगातार अच्छा परफॉर्म करने वाले खिलाड़ी की कमी है. गेंदबाजी में गुणवत्ता की कमी दिल्ली को थोड़ा पेरशान कर सकती है. राधा यादव और शिखा पांडे पर गेंदबाजी में काफी दारोमदार होगा. इसके अलावा अंडर-19 स्टार तितासा साधु एक्स फैक्टर हो सकती हैं.
एक नजर पूरे स्कॉड पर
मजबूती
गुजरात की टीम कोई मार्की भारतीय खिलाड़ी अपने पाले में लाने में कामयाब नहीं रही, लेकिन विदेशी टैलेंट के जरिए भरपाई की कोशिश की है.
गुजरात के पास बेथ मूनी के रूप में सॉलिड बैटर है, जो साथ में कीपिंग का भी विकल्प मुहैया करवाती हैं. इसके अलावा इस वक्त दुनिया में बेस्ट T20 बल्लेबाजों में से एक ऐश्ले गार्डनर, बैट और बॉल दोनों से कमाल दिखा सकती हैं. सोफिया डंकले, डिआंड्रा डॉटिन, जॉर्जिया वेयरहैम और एनाबेल सदरलैंड जैसे प्लेयर्स के साथ गुजरात विदेशी प्रतिभा पर निर्भर है.
कमजोरी
गुजरात के पास स्नेह राणा, एस मेघना, हरलीन देओल और सुषमा वर्मा हैं, लेकिन स्टार भारतीय खिलाड़ी की टीम में कमी है. मिताली राज ने रेलवे से खिलाड़ी चुनकर स्कॉड पूरा करने की कोशिश की है, लेकिन इसका कितना फायदा होगा ये समय बताएगा.
एक नजर पूरे स्कॉड पर
मजबूती
हरमनप्रीत जैसी खिलाड़ी को 2 करोड़ से कम की रकम में अपने साथ जोड़ लेना मुंबई के लिए फायदे का सौदा था. 2017 में ऑस्ट्रेलिया के 175 रनों की पारी के बाद वो किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. उनकी उम्र भी 30 साल से ज्यादा है, ऐसे में टीम के बाकी खिलाड़ियों के लिए उनका अनुभव काम आएगा. साथ ही हरमनप्रीत मुंबई की कप्तानी भी कर सकती हैं.
कमजोरी
मुंबई का स्कॉड बाकी टीमों से तुलना करने पर कमजोर नजर आता है. कुछ खिलाड़ियों के लिए मुंबई ने शुरू में ज्यादा रकम दे दी इसलिए अंत में मोलभाल करने के लिए उनके पास ज्यादा पैसे ही नहीं बचे. उन्होंने अंत में बस अपना स्कॉड भरना शुरू कर दिया.
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मजबूती
बैंगलोर ने शुरू में ही अच्छी खरीद कर ली थी. मंधाना को अपने पाले में करने में कामयाब रहने के बाद बैंगलोर ने सोफी डिवाइन को बेस प्राइज पर लेकर और एलिसे पेरी को अपने साथ जोड़कर मजबूत टीम बना ली है. इसके अलावा ऋचा घोष भी मिडिल ऑर्डर में आक्रामक तरीके से खेल सकती हैं. कुल मिलाकर बैंगलोर की टीम में कई मैच जिताऊ खिलाड़ी हैं.
कमजोरी
बैंगलोर ने कई नए भारतीय चेहरे अपने साथ जोड़े हैं. उनकी टीम में गहराई की कमी है. टीम में खासकर कोई स्पेशलिस्ट स्पिन गेंदबाज नहीं है. खासकर भारतीय पिचों पर स्पिनर की जरूरत तो पड़ ही सकती है.
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मजबूती
यूपी के पास टूर्नामेंट की सबसे बेहतर बॉलिंग लाइनअप नजर आ रही है. टीम के पास शबनम इस्माइल और ताहिला मैग्रा के रूप में शानदार तेज गेंदबाज हैं तो दीप्ति शर्मा, राजेश्वरी गायकवाड़ और सोफी एक्लेस्टर जैसी स्पिनर भी इसमें शामिल हैं.
कमजोरी
यूपी वॉरियर्स के पास खास गुणवत्ता वाली कोई ऑलराउंडर खिलाड़ी नहीं है. ऐलिसा हिली पर टीम रनों के लिए निर्भर है. अगर वो न चलें तो परेशानी हो सकती है. टीम बैटर्स में थोड़ा और निवेश करती तो ये टूर्नामेंट की सबसे बेहतर टीम बन सकती थी.
एक नजर पूरे स्कॉड पर
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