Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Sports Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019धोनी ने क्यों कहा-“बॉल ले लो नहीं तो बोलेंगे रिटायरमेंट ले रहा है”

धोनी ने क्यों कहा-“बॉल ले लो नहीं तो बोलेंगे रिटायरमेंट ले रहा है”

धोनी ने एक ही लाइन में अपने आलोचकों और उनकी रिटायरमेंट की हवा उड़ाने वालों की ‘हवा’ निकाल दी.

क्विंट हिंदी
स्पोर्ट्स
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धोनी ने एक ही लाइन में अपने आलोचकों और उनकी रिटायरमेंट की हवा उड़ाने वालों की हवा निकाल दी.
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धोनी ने एक ही लाइन में अपने आलोचकों और उनकी रिटायरमेंट की हवा उड़ाने वालों की हवा निकाल दी.
(फोटो: YouTube Grab)

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भारत ने ऑस्ट्रेलिया को वनडे सीरीज में 2-1 से मात दी और इतिहास में पहली बार कंगारू धरती पर कोई द्विपक्षीय सीरीज जीती. इस जीत के हीरो रहे एमएस धोनी. धोनी ने सीरीज के तीनों मैचों में अर्धशतक जमाया और निर्णायक मुकाबले में 87 रनों की मैच जिताऊ पारी खेली. मेलबर्न वनडे जीतने के बाद धोनी ने इस सीरीज जीत की याद के तौर पर बॉल अपने पास रख ली. अब जब वो मैच खत्म होने के बाद खिलाड़ियों से हाथ मिला रहे थे तो इस गेंद को लेकर ही उन्होंने एक मजाक किया. धोनी का ये मजाक दरअसल मीडिया वालों और खासकर उनके आलोचकों पर ही थी.

हाथ मिलाते हुए जैसे ही धोनी के सामने बैटिंग कोच संजय बांगड़ आए तो माही ने उन्हें गेंद सौंपी और चुटकी लेते हुए अंदाज में बोला-

बॉल लेलो नहीं तो बोलेंगे रिटायरमेंट ले रहे हैं

दरअसल पिछले इंग्लैंड दौरे पर तीसरा वनडे खत्म होने के बाद धोनी ने मैच बॉल को अपने हाथ में ले रखा था उसके बाद मीडिया में खबरें उड़ने लगीं कि धोनी अब वनडे से भी रिटायरमेंट लेने जा रहे हैं. बाद में धोनी ने खुद ये बात साफ कही थी कि 2019 वर्ल्ड कप तक वो कहीं नहीं जाने वाले. साथ ही उन्होंने उस वक्त खुद समझाया था कि उन्होंने गेंद को अपने पास क्यों रख लिया था.

धोनी ने पीटीआई से कहा था कि, “ मैंने बॉल ये देखने के लिए ली थी कि हमें ज्यादा रिवर्स स्विंग क्यों नहीं मिल रही है. क्योंकि हम इंग्लैंड में वर्ल्ड कप खेलने जा रहे हैं और हम ये चाहते हैं कि उस वक्त हमें रिवर्स स्विंग मिले क्योंकि ये बहुत ज्यादा जरूरी है. अगर विरोधी को रिवर्स स्विंग मिल रही है तो हमें भी मिलनी चाहिए. ”

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में बल्लेबाजी के दौरान एमएस धोनी(फोटो: AP)

आपको बता दें कि बीते एक-दो सालों से धोनी के टीम में बने रहने पर लगातार सवाल उठते रहे हैं. साल 2018 में धोनी का बल्ले से प्रदर्शन बहुत ही निराशाजनक रहा था. लेकिन साल 2019 की शुरुआत में ही उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक के बाद एक तीन अर्धशतक लगाए और अपने आलोचकों को करार जबाव दिया है. उनकी पारियों के दम पर ही भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में द्विपक्षीय वनडे सीरीज में मात दी है. कोच रवि शास्त्री ने भी धोनी की जमकर प्रशंसा की और कहा कि विकेट के पीछे से उनका योगदान शानदार रहता है. कोच के मुताबिक, 'ऐसा इसलिए क्योंकि वह सही एंगल से चीजें देखते हैं. वह टीम में पूजे जाते हैं, यह पूरी टीम उन्होंने ही बनाई है क्योंकि वो पूरे 10 साल तक टीम के कप्तान रहे हैं. ड्रेसिंग रूम में इस तरह का अनुभव और सम्मान होना बड़ी बात है'

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Published: 19 Jan 2019,08:48 AM IST

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