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पहला मैच - अफगानिस्तान - 5 विकेट से जीत
दूसरा मैच - आयरलैंड - 5 रन से हार
तीसरा मैच - ऑस्ट्रेलिया - बारिश के चलते रद्द
चौथा मैच- न्यूजीलैंड - 20 रन से जीत
पांचवा मैच- श्रीलंका - 4 विकेट से जीत
आखिरकार इंग्लैंड टी-20 (T-20 World Cup) का विश्वविजेता बन ही गया. लो स्कोरिंग फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड ने पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर यह खिताब अपने नाम किया है. बता दें पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड के सामने महज 133 रनों का लक्ष्य रखा था. इसे इंग्लैंड ने 7 गेंद शेष रहते 5 विकेट खोकर पा लिया.
हालांकि पाकिस्तान की कसी हुई गेंदबाजी ने एक बार मैच को कठिन बना दिया था. लेकिन बेन स्टोक्स (52 रन नॉटआउट) की समझदारी भरी पारी ने मैच में किसी तरह की उलटफेर की संभावना को खत्म कर दिया.
लेकिन फाइनल जीतने वाली इसी इंग्लैंड की टीम को सेमीफाइनल में आने के लिए एक बार भाग्य पर निर्भर रहना पड़ा था. तो यहां हम देखते हैं इस टूर्नामेंट में इंग्लैंड की यात्रा कैसी रही.
इंग्लैंड का पहला मैच अफगानिस्तान से था. अफगानिस्तान को इंग्लैंड महज 112 रन पर सिमटाने में कामयाब रहा था. लेकिन अफगानिस्तान के गेंदबाजों के सामने इंग्लैंड को 5 विकेट से इस मैच को जीतने के लिए अच्छा खासा दम-खम लगाना पड़ा था. इस मैच में सैम करन ने 10 रन देकर अफगानिस्तान के 5 बल्लेबाजों को आउट किया था.
इसी तरह आयरलैंड के साथ इंग्लैंड का दूसरा मैच भी उलटफेर का शिकार हुआ था. दरअसल बारिश प्रभावित इस मैच में आयरलैंड ने 158 रनों का सम्मानजनक स्कोर खड़ा किया था. लेकिन अचानक बारिश होने लगी. तब 14.3 ओवर के बाद इंग्लैंड डीएलएस के विन स्कोर से 5 रन पीछे चल रही थी. मतलब इंग्लैंड 5 विकेट खोकर 105 रन बना चुका था.
लेकिन इंग्लैंड की परेशानी इतने पर ही खत्म नहीं हुई. ऑस्ट्रेलिया के साथ इंग्लैंड का तीसरा मैच बारिश की भेंट चढ़ गया. इस तरह तीसरे मैच के बाद इंग्लैंड का स्कोर था महज तीन अंक. अब इंग्लैंड को रेस में बने रहने के लिए अगले दोनों रनरेट सुधारते हुए जीतने थे, लेकिन साथ में भाग्य का सहारा भी चाहिए था.
इंग्लैंड का चौथा मुकाबला चिर प्रतिद्वंदी न्यूजीलैंड से था. इस बेहद अहम मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड ने जोस बटलर (73) और एलेक्स हेल्स (52) के अर्धशतकों की मदद से 179 रन का बेहतरीन स्कोर खड़ा किया. जवाब में खेलने उतरी न्यूजीलैंड की तरफ से ग्लेन फिलिप्स (62) और केन विलियमसन (40) ने बढ़िया बल्लेबाजी की.
लेकिन बाकी के बल्लेबाज रन गति को बढ़ाने में नाकामयाब रहे और सैम करन (2 विकेट) व क्रिस वोक्स (2 विकेट) की कसी हुई गेंदबाजी के सामने 20 ओवर में न्यूजीलैंड 159 रन ही बना पाई. इस तरह 20 रन से इंग्लैंड ने यह मैच जीत लिया.
इंग्लैंड का पांचवा मैच और लीग स्टेज का आखिरी मैच श्रीलंका से था. पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंका ने 142 रनों का लक्ष्य दिया. इल मैच में मार्क वुड, आदिल रशीद और बेन स्टोक्स ने बेहद कसी हुई गेंदबाजी की. मार्क वुड ने जहां 26 देकर 3 विकेट लिए, वहीं आदिल रशीद ने 4 ओवर में सिर्फ 16 रन देकर एक विकेट अपने नाम किया. स्टोक्स को भी एक सफलता हाथ लगी थी. जवाब में खेलने उतरी इंग्लैंड की टीम ने ओपनर एलेक्स हेल्स के 47 और बेन स्टोक्स 42 रनों की मदद से 2 गेंद शेष रहते लक्ष्य को हासिल कर लिया.
इस तरह लीग स्टेज के खात्मे के बाद न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया, तीनों के ही 7-7 अंक थे. लेकिन बेहतर नेट रन रेट के चलते न्यूजीलैंड और इंग्लैंड को सेमीफाइनल में प्रवेश मिला.
भारत अपने ग्रुप में 8 अंक लेकर पहले पायदान पर रहते हुए सेमीफाइनल में पहुंचा था. इस एकतरफा मैच में टॉस जीतकर इंग्लैंड ने भारत को पहले बल्लेबाजी करने का न्यौता दिया.
भारत ने शुरुआत में के एल राहुल का विकेट जल्दी खोने के बाद संभलकर पारी को आगे बढ़ाया. लेकिन बीच में लगातार विकेट गिरते रहने के चलते भारत उतनी तेज गति से स्कोर नहीं कर पाया, आखिर में हालांकि पांड्या ने तेज गति से रन बनाए और भारत 168 रन बनाने में कामयाब रहा. भारत की तरफ से हार्दिक पांड्या ने 63 रन और विराट कोहली ने 50 रनों का योगदान दिया.
लेकिन असली कहानी तब शुरू हुई, जब इंग्लैंड खेलने उतरी. शुरुआत से ही ओपनर जोस बटलर और एलेक्स हेल्स ने भारतीय गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाना शुरू कर दिया. भारतीय गेंदबाज विकेट के लिए तरस गए और इंग्लैंड ने बिना कोई विकेट गंवाए, 24 गेंद पहले ही इतने बड़े टोटल को चेज कर लिया. भारतीय अरमानों पर बुरे तरीके से पानी फिर गया. इस तरह फाइनल में इंग्लैंड बेहतरीन कॉन्फिडेंस के साथ उतरी थी.
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