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क्या आपको पता है कि 2014 FIFA वर्ल्ड कप के ग्रुप स्टेज से बाहर हो गई कैमरुन को जितना पैसा मिला था, उससे आधा ही पैसा साल 2015 की क्रिकेट वर्ल्डकप विजेता ऑस्ट्रेलिया को मिला. इतना ही नहीं फुटबॉल वर्ल्ड कप से जहां 4826 मिलियन डॉलर का रेवेन्यू हासिल हुआ था, वहीं क्रिकेट वर्ल्डकप से महज 42.8 मिलियन डॉलर.
ये दोनों आंकड़े FIFA वर्ल्डकप और ICC वर्ल्डकप के बीच की खाई को साबित कर रहे हैं. भारत में माजरा अलग ही है, यहां क्रिकेट की पूजा होती है और फुटबॉल देखने तक की अपील करनी पड़ती है. लेकिन भारत जैसे कॉमनवेल्थ देशों की बात अगर छोड़ दें तो फुटबॉल की लोकप्रियता क्रिकेट से कहीं ज्यादा है. ऐसे में जानते हैं कि फुटबॉल और क्रिकेट की तुलना में कौन आगे है-
क्रिकेट वर्ल्ड कप की तुलना में फुटबॉल वर्ल्ड कप में तीन गुना ज्यादा देश भाग लेते हैं. अगर क्वालिफाइंग राउंड की बात करें तो ये गैप और भी ज्यादा है. हाल ही में FIFA वर्ल्ड कप के लिए हुए क्वालिफेकशन राउंड में 211 देशों ने हिस्सा लिया था, जबकि क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 के लिए एसोसिएट देशों का जो क्वालिफेकशन टूर्नामेंट हुआ उसमें सिर्फ 10 टीमें थी.
क्रिकेट वर्ल्ड कप और फुटबॉल वर्ल्ड को बड़े पैमाने पर टीवी पर देखा जाता है. लेकिन दोनों वर्ल्ड कप के दर्शकों के बीच भारी अंतर है. पिछले क्रिकेट वर्ल्ड कप के टेलीविजन दर्शकों से अगर तुलना करें तो पिछले FIFA वर्ल्ड कप में दोगुना लोगों ने टीवी पर फुटबॉल देखा. फुटबॉल वर्ल्डकप का ब्रॉडकास्ट दुनिया के उन सभी देशों में किया जाता है जहां-जहां की टीम क्वालिफाइंग राउंड में पार्टिसिपेट करती है, तकरीबन 200 ब्रॉडकास्टर के जरिए ये प्रसारण होता है. जबकि क्रिकेट वर्ल्ड कप में महज 44 लाइसेंस ब्रॉडकास्टर हैं.
फुटबॉल वर्ल्ड कप की शुरुआत साल 1930 में हुई थी. इससे 45 साल बाद यानी 1975 में पहला क्रिकेट वर्ल्ड कप खेला गया. 20 फुटबॉल वर्ल्ड कप को 17 अलग-अलग देशों में आयोजित किया गया सिर्फ 3 बार ही मेजबान देश को दोबारा मौका मिला. क्रिकेट वर्ल्ड कप अबतक 11 बार 10 देशों में खेले जा चुके हैं.
वर्ल्ड कप FIFA और ICC के लिए बड़े पैमाने पर कमाई का खास मौका होता है. लेकिन FIFA और ICC वर्ल्डकप की कमाई की तुलना करने पर जमीन आसमान का फर्क दिखता है. एक क्रिकेट वर्ल्ड कप से 100 गुना ज्यादा एक फुटबॉल वर्ल्डकप का रेवेन्यू होता है. इसमें मार्केटिंग, ब्रॉडकास्टिंग, टिकट, हॉस्पिटैलिटी और लाइसेंस राइट की कमाई शामिल होती है.
ICC की तुलना में फीफा वर्ल्ड कप का खर्च कई गुना ज्यादा होता है. ICC वर्ल्ड कप 2015 में हुए खर्च की तुलना में 160 गुना ज्यादा खर्च FIFA वर्ल्ड कप, 2014 में हुआ.
FIFA वर्ल्ड कप के विनर, रनर अप और इसमें भाग लेने वाले भी क्रिकेट वर्ल्ड कप की तुलना में ज्यादा कमाते हैं. जब साल 2014 में जर्मनी ने फुटबॉल वर्ल्ड कप जीता उस वक्त उनकी प्राइज मनी साल 2015 में क्रिकेट वर्ल्ड कप के विजेता टीम की प्राइज मनी से तीन गुना ज्यादा थी.
आप ये जानकर हैरान हो जाएंगे कि फुटबॉल वर्ल्ड कप के ग्रुप स्टेज से बाहर हो गई कैमरुन को जितने पैसा मिला था, उससे आधा ही पैसा साल 2015 की क्रिकेट वर्ल्डकप विजेता टीम ऑस्ट्रेलिया को मिला.
क्रिकेट की तुलना में फुटबॉल वर्ल्ड कप का मैच देखना आपको महंगा पड़ सकता है. फिलहाल, चल रहे FIFA वर्ल्ड कप की जो सबसे सस्ती टिकट है उसकी भी कीमत क्रिकेट वर्ल्ड कप की सबसे सस्ती कीमत से 5 गुना ज्यादा है.
महंगी टिकट होने के बावजूद भी FIFA वर्ल्डकप के दौरान स्टेडियम में भारी भीड़ उमड़ती है. पिछले वर्ल्ड कप की तुलना करें तो क्रिकेट वर्ल्ड कप के दौरान स्टेडियम में उमड़ी भीड़ से औसतन दोगुनी भीड़ फुटबॉल वर्ल्ड कप के दौरान स्टेडियम में उमड़ती है.
किसी भी देश में वर्ल्डकप होना उस देश के लिए वरदान जैसा ही है. भारी संख्या में टूरिस्ट ऐसे देशों का रुख करते हैं. साल 2014 में ब्राजील में पर्यटकों की संख्या सबसे ज्यादा रही, इसी साल ब्राजील फुटबॉल वर्ल्ड कप होस्ट कर रहा था. 6 लाख से ज्यादा विदेश पर्यटकों ने ब्राजील की सैर की थी.
(सोर्स: ब्लूमबर्गक्विंट)
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