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फीफा वर्ल्ड कप 2018 अपने पूरे रोमांच पर है. अब टूर्नामेंट में 8 टीमें बची हैं वो अलग-अलग दो महाद्वीपों से हैं. अब इस विश्व कप में वैसे तो सिर्फ यूरोप और साउथ अमेरिका की ही टीमें बची हैं लेकिन फ्रांस ऐसी टीम है जिसे यूरोपियन की जगह ‘अफ्रीकी’ कहा जाए तो गलत नहीं होगा. वो इसलिए क्योंकि फ्रांस की टीम में 23 में से 14 खिलाड़ी ऐसे हैं जो अफ्रीकी मूल के हैं. यानी फ्रांस की फुटबॉल टीम में 60% से ज्यादा खिलाड़ी अफ्रीकी मूल के हैं.
22 साल का ये डिफेंडर अफ्रीका के देश कॉन्गो से ताल्लुक रखता है. किम्पेंबे के पिता कॉन्गे देश के रहने वाले हैं.
सैमुअल फ्रांस के डिफेंडर हैं लेकिन इनका जन्म अफ्रीकी देश कैमरून में हुआ था. सैमुअल क्लब फुटबॉल में बार्सिलोना के लिए खेलते हैं.
फ्रांस का ये धांसू स्ट्राइकर भी अफ्रीकी मूल का है. पोग्बा के माता-पिता पश्चिमी अफ्रीका के देश गिनी में रहने वाले हैं.
अर्जेंटीना के खिलाफ दो गोल मारकर फ्रांस को अपने दम पर क्वार्टर फाइनल में ले जाने वाले एमबापे अफ्रीका के कैमरून और एल्जीरिया देश से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता कैमरून से हैं और माता एल्जीरिया से हैं.
21 साल का इस फॉर्वर्ड खिलाड़ी के पिता अफ्रीका के माली देश के रहने वाले हैं तो वहीं उनकी माता सेनेगल से ताल्लुक रखती हैं.
23 साल के मिडफील्डर टोलिस्सो पश्चिमी अफ्रीका के देश टोगो से संबंध रखते हैं. उनका परिवार टोगा का रहने वाला है.
27 साल के कांटे फ्रांस के मिडफील्डर हैं. कांटे के माता-पिता अफ्रीका के देश माली के रहने वाले हैं. वो क्लब फुटबॉल में चेल्सी के लिए खेलते हैं.
इस खिलाड़ी के पिता अंगोला के रहने वाले हैं तो वहीं उनकी मां कांगो से हैं. 31 साल के मतुइदी फ्रांस की टीम में मिडफील्डर हैं.
स्टीवन के पिता कॉन्गो के रहने वाले हैं तो वहीं उनकी माता फ्रैंच हैं. एनजोन्जी मिडफील्डर खिलाड़ी हैं.
स्टीव फ्रांस के गोलकीपर हैं. वो भी अफ्रीका के देश कॉन्गो से ताल्लुक रखते हैं.
आदिल नॉर्थ अफ्रीका के देश मोरक्को से संबंध रखते हैं. उनके माता-पिता मोरक्को के रहने वाले हैं. आदिल डिफेंडर हैं.
नाबिल फेकीर फॉर्वर्ड खिलाड़ी हैं और अल्जीरिया से संबंध रखते हैं. उनके माता-पिता अल्जीरिया के रहने वाले हैं.
ये फ्रांस की टीम में डिफेंडर हैं. इनके माता-पिता सेनेगल के रहने वाले हैं.
23 साल के मेंडी फ्रांस की टीम में डिफेंडर हैं. इनके माता-पिता सेनेगल के रहने वाले हैं.
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