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आइसलैंड ने अर्जेटीना को ग्रुप-डी के अपने पहले मुकाबले में 1-1 की बराबरी पर रोक दिया. 64वें मिनट में पेनल्टी मिलने के बावजूद दुनिया के महान फुटबॉल खिलाड़ी लियोनेल मेसी अर्जेंटीना को जीत नहीं दिला पाए. मेसी ने इस पेनल्टी को लिया था लेकिन आइसलैंड के गोलकीपर हेंस थोर हैल्डोरसन ने अपने दाएं ओर कूदते हुए गोल लगने नहीं दिया.
अपना पहला विश्व कप खेल रही आइसलैंड ने उम्मीद से बेहतर खेल दिखाते हुए सभी अनुमानों को गलत साबित किया. यही नहीं बल्कि 2014 में फाइनल तक का सफर तय करने वाली अर्जेंटीना टीम को जीत की शुरुआत से भी दूर रखा.
आइसलैंड ने दमदार शुरुआत की और 20 सेकेंड के अंदर ही टीम के स्टार खिलाड़ी जिल्फि सिगर्डसन ने 20 गज की दूरी से गोल दागने की कोशिश की. आइसलैंड की शुरुआती हमले के बाद अर्जेटीना संभली और हमले तेज कर दिए. टीम को पांचवें मिनट में फ्री-किक मिली. मेसी ने बॉक्स के बाहर बाएं छोर से शानदार फ्री-किक ली लेकिन डिफेंडर निकोल्स ओटामेंडी हेडर के बावजूद गेंद को गोल में नहीं डाल पाए.
19वें मिनट में स्ट्राइकर सर्गियो एग्वेरो को बॉक्स के अंदर थोड़ी सी जगह मिली और उन्होंने अपने बाएं पैर से शानदार गोल दागकर अर्जेटीना को 1-0 की बढ़त दिला दी. आइसलैंड ने बराबरी का गोल करने के लिए केवल चार मिनट का समय लिया. सिगर्डसन ने बेहतरीन शॉट लिया. अर्जेंटीना के गोलकीपर गेंद को क्लियर नहीं कर पाए और स्ट्राइकर अल्फ्रेड फिनबोगसन ने गोल करके अपनी टीम को बराबरी पर ला खड़ा किया.
अर्जेटीना ने दूसरे हाफ की आक्रामक शुरुआत की और आइसलैंड की मिडफील्ड और डिफेंस को लगातर पेरशानी में डाले रखा. मैच के 64वें मिनट में आइसलैंड का डिफेंस अर्जेटीना के फॉरवर्ड खिलाड़ियों के बनाए गए दबाव में बिखर गई और पेनाल्टी दे बैठी. सभी की नजरें मेसी पर थीं लेकिन वह पेनाल्टी को गोल में बदलने में कामयाब नहीं हो पाए.
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