Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Sports Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019ये हैं FIFA World cup के ‘बैड बॉय’,कोई दांत काटे तो कोई घूंसा मारे

ये हैं FIFA World cup के ‘बैड बॉय’,कोई दांत काटे तो कोई घूंसा मारे

इस वर्ल्ड कप में कई ऐसे खिलाड़ी शामिल हो रहे हैं जो अपने आक्रामक व्यवहार के लिए खूब बदनाम हैं 

प्रसन्न प्रांजल
स्पोर्ट्स
Updated:
खिलाड़ियों के आक्रामक अंदाज की वजह से उठते रहे हैं सवाल
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खिलाड़ियों के आक्रामक अंदाज की वजह से उठते रहे हैं सवाल
(फोटोः Twitter)

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फुटबॉल का महासंग्राम फीफा वर्ल्ड कप शुरू हो चुका है. ग्राउंड पर खिलाड़ियों के बीच रोमांचक मुकाबले के साथ-साथ अक्सर तकरार भी देखने को मिलती रही है. वर्ल्ड कप के दौरान कई बार खिलाड़ियों ने कुछ ऐसी हरकतें भी की है जिस वजह से इस खेल पर दाग भी लगे हैं और इसे जेंटलमैन का खेल तो बिल्कुल भी नहीं कहा जा सकता है. इस वर्ल्ड कप में भी कई ऐसे खिलाड़ी शामिल हो रहे हैं, जिनका मैदान पर व्यवहार के मामले में पिछला रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है.

पिछले 4 सालों में इन खिलाड़ियों को अपने आक्रामक अंदाज की वजह से कई बार येलो कार्ड और रेड कार्ड मिला और मैच से बाहर जाना पड़ा. अब अगर इस महाकुंभ में भी ये अपने इसी अंदाज को दोहराते हैं तो टीम के लिए कहीं परेशानी का सबब न बन जाए.

अर्जेंटीना और स्पेन के खिलाड़ी काफी खतरनाक

इस वर्ल्ड कप में शामिल हो रहे सबसे आक्रामक 10 खिलाड़ियों में 4 अर्जेंटीना के हैं. इंजो पेरेज, गेब्रियल मर्काडो, निकोलस ओटामेन्दी और इवर बनेंगा जैसे खिलाड़ियों को कई बार येलो कार्ड और रेड कार्ड का सामना करना पड़ा है. वहीं सर्जीओ रामोस, दानी कारवाजल और जेरार्ड पिक जैसे तीन आक्रामक खिलाड़ी स्पेन के पास भी है.

सर्जीओ रामोस का रिकॉर्ड सबसे खराब रहा है. ग्राउंड पर किए गए हरकतों और विवादों की वजह से पिछले चार साल में 161 मैच में कुल 63 बार रेफरी ने कार्ड दिखाया.

अपने खतरनाक खेल की वजह से ब्राजील के कैसीमेरो, कोस्टा रिका के डेविड गुजमान और स्विट्जरलैंड के ग्रेनिट झाका को भी काई बार रेफरी ने कार्ड दिखाकर मैदान से बाहर का रास्ता दिखाया है.

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क्या है येलो और रेड कार्ड

फुटबॉल मैच के दौरान खेल के नियम का उल्लंघन करने पर रेफरी खिलाड़ी को चेतावनी के रूप में येलो कार्ड दिखाता है. वहीं एक ही मैच में दो बार येलो कार्ड पाने वाले खिलाड़ी या मैच के दौरान किसी गंभीर मामले को देखते हुए रेफरी दोषी खिलाड़ी को रेड कार्ड देकर ग्राउंड से बाहर का रास्ता दिखाते हैं. साथ ही अगले एक या दो मैचों के लिए वो खिलाड़ी बैन हो जाता है.

इन हरकतों से वर्ल्ड कप पर लगे दाग

दांत काटने की घटना

2014 में हुए वर्ल्ड कप में उरुग्वे और इटली के मैच के दौरान इस तरह की घटना हुई जिसके बारे में आमतौर पर कोई सोचता भी नहीं है. 24 जून 2014 को इन दोनों टीमों के बीच खेले गए मैच में उरुग्वे के स्ट्राइकर लुईस सुआरेज ने इटली के डिफेंडर जिर्योजियो छिलेनी के कंधें पर दांत काट लिया.

जिदान का हेडबट

फांस के जिनेदिन जिदान को स्टार फुटबॉलर माना जाता रहा है. लेकिन 2006 वर्ल्ड कप के दौरान अपने हेडबेट के कारण जिदान को काफी बदनामी झेलनी पड़ी. 9 जुलाई 2006 को इटली और फ्रांस के बीच हुए मैच में जिदान ने इटली के मार्को मतराजी को सिर से मारकर (हेडबट) गिरा दिया था. इस वजह से रेफरी ने जिदान को रेड कार्ड दिखाकर मैच से बाहर कर दिया था.

2006 वर्ल्ड कप के दौरान जिदान ने सिर से मारी थी टक्कर(फोटोः Twitter)

1982 में ग्राउंड पर पंच मारकर तोड़ा दांत

1982 में जर्मनी और फ्रांस के बीच हुए सेमीफाइनल मुकाबले में ग्राउंड पर फुटबॉल कम और बॉक्सिंग का मुकाबला ज्यादा दिखा. मैच के दौरान जर्मनी के हेराल्ड शुमाकर ने फ्रांस के पैट्रिक बैटिस्टन को जोरदार पंच मारा था. इस वजह से बैटिस्टन के दांत टूट गए थे और उनकी हड्डियों में काफी चोट आई थी.

1962 में हुई थी भयंकर मारपीट

वर्ल्ड कप 1962, में चिली और इटली के बीच खेले गए मैच में दोनों टीमों के बीच काफी मारपीट हुई थी. इस वजह से इसे सैंटियागो की लड़ाई के नाम से भी जाना जाता है. रेफरी ने दो खिलाड़ियों को रेड कार्ड दिखाकर मैदान से बाहर भी कर दिया था.

ये भी पढ़ें- FIFA WORLD CUP: ओपनिंग सेरेमनी आज, कहां देखें, कौन करेगा परफॉर्म

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Published: 14 Jun 2018,03:56 PM IST

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