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अगर ओलम्पिक खेलों में भूख मिटाने की कोई स्पर्धा होती, तो मशहूर रसोइए ‘मासिमो बोटुरा’ और उनकी टीम को निश्चित तौर पर स्वर्ण पदक मिलता.
बोटुरा और उनकी टीम को उनकी पाक कला के लिए ओलम्पिक खेलों में खूब तारीफें मिल रही हैं. इसके अलावा बोटुरा की टीम को बचे हुए खाने को उपयोग करने लायक बनाने के लिए भी काफी तारीफ मिल रही है.
मासिमो बोटुरा और उनकी टीम ‘रेफेटोरियो गैस्ट्रोमोटिवा’ नाम की योजना के तहत यह काम कर रहे हैं. इसका मकसद गरीबों को भोजन उपलब्ध कराना है.
अंतरराष्ट्रीय स्तर के रसोइयों की यह टीम हर रोज हजारों वंचित तबके के लोगों के लिए भोजन पका रही है, वो भी उन सामग्रियों को उपयोग में लाकर जो बेकार फेंक दी जाती हैं.
इटली के मशहूर रेस्टोरेंट ओस्टेरिया के मालिक के मुताबिक, “यह सिर्फ लोगों को खाने खिलाने की बात नहीं है. साथ ही यह एक सामाजिक दायित्व और लोगों को खाना बर्बाद न करने के बारे में जागरूक करना है.”
मासिमो बोटुरो की यह पहल अनाज की कमी से जूझ रहे देशों को नई दिशा दिखा सकती है.
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