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विराट कोहली के लिए पेश है: टीम इंडिया के ‘कमबैक’ की तीन कहानियां

पहला मैच हारकर भी इतिहास में तीन बार सीरीज जीती है टीम इंडिया 

रोहन पाठक
स्पोर्ट्स
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(फोटो : Facebook/memories of cricket/BCCI )
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(फोटो : Facebook/memories of cricket/BCCI )
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ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पुणे में मिली शर्मनाक हार के बाद टीम इंडिया के खिलाड़ी वापसी का रास्ता खोज रहे हैं. लगातार 19 टेस्ट तक अजेय रहने वाली कोहली की सेना को कंगारू टीम ने बुरी तरह से झकझोर दिया है.

सीरीज में अभी भी 3 मैच बाकी हैं और इसमें कोई शक नहीं कि ये टीम वापसी का माद्दा रखती है, लेकिन ऐसा करने के लिए टीम इंडिया को अपना पूरा जोर लगाना होगा, साथ ही इतिहास भी उनके साथ नहीं है. पहला टेस्ट हारकर अबतक टीम इंडिया ने अपने पूरे टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सिर्फ 3 ही सीरीज जीती हैं.

इंग्लैंड 1972/73, ऑस्ट्रेलिया 2001 और श्रीलंका 2015, ये तीन ऐसी सीरीज हैं जहां भारतीय क्रिकेट टीम ने अद्भुत कमबैक किया था.

इंग्लैंड के खिलाफ 1972/73 सीरीज में 5 मैच में 25 विकेट लेने वाले बिशन सिंह बेदी दूसरे सबसे कामयाब गेंदबाज थे (फोटो: Facebook/memories of cricket)

भारत vs इंग्लैंड, 1972/73


1971 में इंग्लैंड को उन्हीं के घर में धूल चटाने वाली अजित वाडेकर की टीम को अपने ही देश में 1972-73 में अंग्रेजों से कड़ी टक्कर मिली. दिल्ली में खेले गए पहले टेस्ट मैच में जॉफ आर्नल्ड की खतरनाक गेंदबाजी और टॉनी लुइस- टॉनी ग्रेग की ठोस पारियों की बदौलत इंग्लैंड ने भारत को पहले ही टेस्ट में हरा दिया.

अगले दो टेस्ट में भारतीय स्पिनर्स ने अपना जादू बिखेरा. बिशन सिंह बेदी, बीएस चंद्रशेखर और इरापल्ली प्रसन्ना की तिकड़ी ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को अपनी धुन पर ऐसा नचाया कि अंग्रेज धराशाई हो गए.

दूसरे टेस्ट में भारतीय टीम के बल्लेबाजों ने 210 और 155 रन जैसे छोटे ही स्कोर बनाए लेकिन स्पिनर्स ने 19 विकेट लिए और मेजबानों को 28 रन से जीत मिली.

तीसरे टेस्ट में मंसूर अली खान पटौदी ने टीम में वापसी की. 183 गेंदों पर 73 रनों की जानदार पारी खेलकर पटौदी ने भारत को पहली पारी में 74 रनों की लीड दिलाई.
बीएस चंद्रशेखर ने सीरीज में 35 विकेट अपने नाम किए. (फोटो: Facebook )

स्पिन तिकड़ी ने फिर से इस मैच में कमाल दिखाया और 19 विकेट लेकर भारत की जीत सुनिश्चित कर दी. ये मैच 4 विकेट से जीतकर भारतीय टीम ने सीरीज में 2-1 से बढ़त बनाई.

अगले दो मैच ड्रॉ रहे और भारत 2-1 से सीरीज जीत गया.

भारत vs ऑस्ट्रेलिया, 2001


कंगारुओं ने मुंबई में 10 विकेट से जीत हासिल करके 3 मैचों की सीरीज में शानदार शुरुआत की. कोलकाता में खेले जा रहे दूसरे मैच की पहली पारी में 445 रन बनाकर और भारत को महज 171 रन पर ऑलआउट करके वो सीरीज जीत की ओर थे. लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ जो क्रिकेट इतिहास में अद्भुत, अविश्वस्नीय और अकल्पनीय के तौर पर देखा जाता है.

मैच के चौथे दिन वीवीएस लक्ष्मण (281) और राहुल द्रविड़ (180) ने लाजवाब बल्लेबाजी की और पूरे दिन कंगारू गेंदबाजों की मार लगाते रहे. भारत ने फॉलोऑन खेलते हुए दूसरी पारी में 657/7 रन बनाए और आखिरी पारी में ऑस्ट्रेलिया के सामने 384 रनों का लक्ष्य रखा.

उसके बाद हरभजन सिंह ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 6 विकेट लिए और सौरव गांगुली की टीम इंडिया को 171 रनों से जीत मिली.

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तीसरे और सीरीज के आखिरी चेन्नई टेस्ट में मैथ्यू हेडेन ने शानदार 203 रन बनाए लेकिन जवाब में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने 126 रनों की शानदार पारी खेलकर पहली पारी में भारत को 110 रनों की लीड दिला दी.

हरभजन ने ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में 8 विकेट लिए और भारत को सिर्फ 155 रनों का लक्ष्य मिला. जिसे भारत ने 8 विकेट खोकर हासिल किया और सीरीज 2-1 से जीत ली.

श्रीलंका vs भारत, 2015


गॉल टेस्ट के तीसरे दिन के अंत तक 176 रनों का पीछा करते हुए कोहली की टीम इंडिया जीत की बड़ी दावेदार थी, लेकिन फिर लंकाई स्पिनर्स के आगे बल्लेबाज ताश के पत्तों की तरह बिखर गए और पूरी टीम सिर्फ 112 रनों पर ऑलआउट हो गई. आखिरी पारी में स्पिनर रंगना हेराथ ने 48 रन देकर 7 विकेट लिए.

श्रीलंका ने मैच 63 रन से जीता और लंकाई जमीन पर 22 साल में पहली बार टेस्ट सीरीज जीतने का सपना टूटता नजर आने लगा

अगले मैच में केएल राहुल और अजिंक्य रहाणे ने शानदार शतक ठोके और भारत ने मैच की दोनों पारियों में 300 से ज्यादा रन के स्कोर खड़े किए.

फिर अश्विन ने अपनी गेंद से कमाल किया और 42 रन देकर 5 विकेट लिए, श्रीलंका 134 रनों पर ऑलआउट. 278 रनों से मैच जीतकर कोहली की सेना ने सीरीज 1-1 से बराबर कर ली.

तीसरे टेस्ट में, भारतीय बल्लेबाजों ने फिर से अच्छा प्रदर्शन किया और 312, 274 के स्कोर खड़े किए. इस बार तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा ने गेंद से कमाल किया और मैच में 8 विकेट झटककर 117 रनों से शानदार जीत हासिल की.

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