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* ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की श्रृंखला का आखिरी और निर्णायक मुकाबला 13 मार्च, बुधवार को नई दिल्ली में खेला जायेगा.
* ऑस्ट्रेलिया ने मोहाली में चौथे वनडे में 359 के रिकॉर्ड लक्ष्य का पीछा करते हुए श्रृंखला 2-2 से बराबर की.
* भारतीय टीम महेंद्र सिंह धोनी के बिना ही मैदान पर उतरेगी, उन्हें अंतिम दो मुकाबलों में आराम दिया गया है.
* इंग्लैंड में होने वाले विश्वकप 2019 से पहले भारत का यह अंतिम अंतरराष्ट्रीय मुकाबला है.
भारत को 13 मार्च, बुधवार को नई दिल्ली में होने वाले पांच एकदिवसीय मैचों की सीरीज के अंतिम और निर्णायक मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को हराने के लिए गेंदबाजी में बड़ी असफलता, खराब फील्डिंग और रणनीतिक गलतियों पर नियंत्रण करना होगा.
क्रिकेट जगत ने भारत के वर्तमान बॉलिंग अटैक को अब तक के सबसे अच्छे बॉलिंग अटैक्स में से एक करार दिया है लेकिन मोहाली में 358 रनों के बड़े टोटल को भी ना बचा पाने के पीछे की नाकामयाबी रियलिटी चेक का विषय है.
यहां तक कि हमेशा विश्वसनीय रहने वाले जसप्रीत बुमरह की गेंदों पर भी एश्टन टर्नर ने रन बटोरे, हालांकि विराट कोहली ने उन्हें कैसे इस्तेमाल किया यह सोचने का विषय है. कोहली और भारतीय टीम एमएस धोनी की शांत मौजूदगी को याद करते हुए दिखाई दी, जिनकी खेल की परिस्थितियों की समझ निर्णायक क्षणों में मददगार रही है.
हालांकि पीसीए स्टेडियम की पिच बिलकुल सपाट थी लेकिन फिर भी भारतीय टीम से उम्मीद थी कि यह 350+ का स्कोर बचा ले जाएगी, लेकिन टर्नर की धमाकेदार पारी, जिसमें भारतीय फील्डरों का भी सहयोग था, ने सीरीज को बराबर करने वाली जीत के साथ चीजें उलट दीं.
रांची में टीम ने पहले गेंदबाजी चुनी और मोहाली में कोहली ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. ये दोनों निर्णय ओस को ध्यान में रखते हुए लिए गए थे. लेकिन इन दोनों दिनों में सब कुछ अनुमान के विपरीत हुआ. रांची में जब भारत लक्ष्य का पीछा करने के लिए उतरा दो मैदान सूखा ही रहा लेकिन मोहाली में ओस की मौजूदगी ने ऑस्ट्रेलिया को 359 रनों का लक्ष्य हासिल करने में मदद की क्योंकि ओस के चलते गेंदबाज गेंद को ढंग से ग्रिप नहीं कर पा रहे थे.
हालाँकि दिल्ल्ली में खेले गए टी20 मुकाबलों में खूब रन बने हैं.
मेजबान टीम ने शिखर धवन के फॉर्म में लौटने के साथ राहत की सांस ली होगी जिन्होंने मोहाली में अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ 143 रनों की पारी खेलते हुए अपने आलोचकों का मुंह बंद कराया. इस निर्णायक मुकाबले में धवन और कप्तान कोहली अपने होम ग्राउंड पर खेलेंगे लेकिन यह देखने वाली बात होगी कि कोटला की पिच बल्लेबाजी में कितनी मदद देती है.
इतिहास के सबूतों से पता चलता है कि रिस्ट-स्पिनर कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल को यहां पर्याप्त मदद मिलनी चाहिए. इस श्रृंखला में उस्मान ख्वाजा ऑस्ट्रेलिया के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं. शीर्ष क्रम में उनकी मौजूदगी के चलते ही ऑस्ट्रेलिया सीरीज में 2 मैच लगातार हारने के बाद 2 लगातार मैच जीतकर अपनी वापसी कर पाई.
फिंच ने तीसरे एकदिवसीय मैच में 93 रन बनाए, पीटर हैंड्सकॉब ने मोहाली में खेले गए एकदिवसीय मैच में अपना पहला शतक जड़ा और टर्नर ने 43 गेंदों में 84* रनों के साथ अपने अंतरराष्ट्रीय आगमन की घोषणा की.
आईसीसी क्रिकेट विश्वकप 2019 से पहले भारतीय टीम का यह अंतिम मुकाबला भी है जो खिलाड़ियों के लिए चयनकर्ताओं के दिमाग पर छाप छोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर भी है. ऐसा लगता है कि विजय शंकर ने उन्हें दिए गए मौकों का फायदा उठाया है लेकिन ऋषभ पंत अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरे हैं जैसा कि मोहाली मैच के दौरान उन्होंने स्टंपिंग के दो मौके गंवाए थे.
हालांकि एक बल्लेबाज के रूप में इस 21 वर्षीय खिलाड़ी ने अच्छा प्रदर्शन किया और डेथ ओवर्स में 24 गेंदों में 36 रनों की अहम पारी खेली. बुधवार का मुकाबला ‘ऑडिशन’ के लिए आखिरी मुकाबला है और इसमें पंत, शंकर और केएल राहुल को फिर से मौका दिया जा सकता है. कोटला के धीमे विकेट पर रविन्द्र जडेजा के संभावित प्रभाव को देखते हुए उन्हें भी प्लेइंग-XI में शामिल किया जा सकता है.
(पीटीआई से इनपुट्स के साथ)
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