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India vs England Semifinal: टी-20 विश्वकप 2022 (T20 World Cup 2022) के भारत और इग्लैंड सेमीफाइनल से पहले, भारत आईसीसी नाॅकआउट में साल 2013 से अब तक तीन सेमीफाइनल और दो फाइनल मैच हारा है. एक आशावादी और उत्साही भारतीय प्रशंसक भला यह कैसे उम्मीद करेगा कि जब औसतन परिस्थितियां भारत के पक्ष में हों, तब भारत आईसीसी ट्राॅफी से एक कदम दूरी से ही वापस लौट आए.
इसका कोई अपवाद नहीं. इस साल भारत के आधिकारिक प्रसारकों ने विज्ञापन के जरिए करोड़ों भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में उम्मीद जगाई थी. प्रसारक इस बार 'मौका-मौका' की जगह 'बहुत हुआ इंतजार' के रूप में विज्ञापन लेकर आए.
सेमीफाइनल में इग्लैंड ने टाॅस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी. इग्लैंड के इस निर्णय के बाद सोशल मीडिया और टेलीविजन पर इस तरह की बातें जोर पकड़ने लगीं कि एडिलेड पर टाॅस जीतने वाली टीम के हारने का इतिहास रहा है. चिंता में डूबे इन आंकडों से मेरे मन में उम्मीद जगी. जल्द ही मेरे दिमाग ने इस ओर ध्यान दौड़ाया कि इग्लैंड की बल्लेबाजी क्रम बहुत गहरी है और उसमें आदिल रसीद भी तो हैं जो दस बड़े शतकों के साथ ग्यारहवें नंबर पर हैं.
मुझे यह लग रहा था कि इग्लैंड की यह कोशिश रहेगी कि भारत का स्कोर 180 एवं 200 से कम रहे. के एल राहुल अपनी वही अपनी पुरानी आदत के चलते पारी के दूसरे ओवर में ऑफ-स्टंफ के बाहर कैच थमा बैठे.
भारत उस समय अधिक परेशानी में था जब मध्य क्रम में खेलने वाले सूर्य कुमार यादव भारतीय पारी के 75 रन के स्कोर पर ग्यारहवें ओवर की दूसरी बाॅल पर आउट हो गए. उस समय भारत पर बढ़ते इस दबाव ने मुझे यह सोचने के लिए मजबूर कर दिया था कि क्या भारत फिर से एक और नाॅकआउट मुकाबले में ढ़हने की कगार पर है.
कोहली के 40 वाॅल में 50 रनों की पारी पर आउट होने के बाद हार्दिक पांड्या ने भारत की लड़खड़ाती पारी को संभाला. पांड्या की 33 गेंदों में 63 रनों की तूफानी पारी ने भारत को 168 के रन स्कोर तक पहुंचाया. इससे एक उम्मीद जगी.
अंततः यह टी-20 विश्वकप का सेमीफाइनल था इसलिए स्कोरबोर्ड प्रेशर स्वाभाविक ही था, इसमें इस बात से कोई फर्क पड़ता कि इग्लैंड का बल्लेबाजी क्रम कैसा था. हमें जल्दी विकेट की जरूरत थी. भारतीय टीम को इग्लैंड की विकेट के जरूरत के वक्त कोई यह नहीं सोच सकता था कि इग्लैंड पहले छह ओवरों में मैच की दिशा अपनी तरफ मोड़ लेगा और भारतीय टीम ने जो उसे लक्ष्य दिया है उसे आसानी से तय कर लेगा और उन्होंने ऐसा किया भी.
इग्लैंड 16 ओवरों तक बिना कोई विकेट खोए खेलता रहा. भारत के मामले में यह संदेहास्पद रहा कि रोहित शर्मा की टीम अपने बल्लेबाजी के दौरान कुछ खास कर नहीं कर पाई.
भारत की ओपनिंग पारी इस टूर्नामेंट में 113 की स्ट्राइक रेट से 215 बाॅलों पर 244 रन दिला पाई. विराट कोहली और सूर्यकुमार यादव के अलावा भारत का बल्लेबाज क्रम का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा. कुछ गलत खिलाड़ियों के चयन ने भी भारत की लुटिया डुबोई. उदाहरण के लिए, टीम प्रबंधन ने पूरे साल यजुर्वेन्द्र चहल को साथ रखा लेकिन इस विश्वकप में उन्हें एक भी मौका नहीं दिया गया.
चयन संबंधी गलत निर्णय भारत को बहुत महंगे पड़े हैं. भारत यह नहीं कह सकता है कि यह फार्मेट 2007 से विकसित नहीं हुआ है. हमें कुछ कठिन निर्णयों के साथ युवा खिलाडियों की जरूरत है. हमारे पास पहले से ही पृथ्वी शाॅ जैसा खिलाड़ी है जो आईपीएल में पाॅवर प्ले के दौरान सबसे अच्छा खेलता है और उसकी स्ट्राइक रेट भी 500 से ऊपर है.
लेकिन फिर भी अभी सब समाप्त नहीं हुआ है. यह क्रिकेट का खेल है और सभी को इसे स्वीकार करना होगा. इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि पाकिस्तान और इग्लैंड दो अच्छी और फाइनल के लिए योग्य टीमें हैं.
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