advertisement
जब शनिवार को भारत और श्रीलंका के बीच टेस्ट सीरीज का आखिरी मैच शुरू होगा तो टीम इंडिया के दिमाग में ये जरूर होगा कि उन्हें पल्लेकेले टेस्ट जीतकर सीरीज को क्लीन स्वीप करना है. विदेश में टेस्ट सीरीज को क्लीन स्वीप करने का ये भारत के पास सुनहरा मौका है.
इस सीरीज में भारत एक चैंपियन टीम की तरह खेला. उन्होंने पहले मैच में मेजबान श्रीलंका को 304 रनों बड़े अंतर से हराया और फिर दूसरे टेस्ट में एक पारी और 53 रनों से जीत दर्ज की. अपने टेस्ट इतिहास में भारत ने सिर्फ तीन ही बार विदेश में टेस्ट सीरीज (जिसमें दो या उससे ज्यादा टेस्ट मैच खेले गए) को क्लीन स्वीप किया है.
अब तक इस सीरीज में साफ दिखा है कि खेल के तीनों डिपार्टमेंट (बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग) में टीम इंडिया श्रीलंका से बहुत-बहुत आगे है. अब तक इस सीरीज में 7 सेंचुरी लगी जिसमें से 5 भारतीय बल्लेबाजों ने बनाई.
वहीं टीम इंडिया ने दोनों टेस्ट में श्रीलंका को दोनों बार ऑलआउट किया तो वहीं मेजबान टीम भारत के सिर्फ 22 विकेट ही चटका पाई.
आने वाले शनिवार को, टीम इंडिया के सामने दो बड़ी चुनौतियां होंगी. पहली, उन्हें एक नए वेन्यू पर खेलना है जहां उन्होंने कभी भी कोई टेस्ट मैच नहीं खेला है. पल्लेकेले इंटरनेशनल स्टेडियम में भारतीय टीम ने आज तक कोई टेस्ट मैच नहीं खेला है.
दूसरा, उन्हें सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रवींद्र जडेजा की कमी को पूरा करना है. जडेजा को आंचार संहित का दोषी करार देते हुए तीसरे टेस्ट से बैन किया गया है. बहुत संभावनाएं हैं कि इस टेस्ट के लिए प्लेइंग XI में कुलदीप यादव को जगह मिले.
भारतीय गेंदबाजों की सफलताओं को अक्सर सराहा जाता है. अश्विन और जडेजा आए दिन अखबारों की हेडलाइन में जगह बनाते रहते हैं लेकिन एक व्यक्ति जो उनकी सफलता के पीछे सबसे अहम व्यक्ति है और टीम का अहम हिस्सा है यानि ऋद्धिमान साहा, उन्हें खास तारीफ नहीं मिलती.
जी हां, साहा जो टीम के स्पेशलिस्ट विकेटकीपर हैं वो अपना काम बहुत बाखूबी करते हैं. अक्सर अच्छी बल्लेबाजी और गेंदबाजी की तो तारीफ होती है लेकिन विकेट के पीछे शानदार काम करने वाले साहा की भी तारीफ करनी चाहिए.
दूसरा टेस्ट मैच खत्म होने के बाद विराट कोहली ने 32 वर्षीय विकेटकीपर की जमकर तारीफ की.
शायद नंबर ये बात न बता पाएं कि साहा विकेट के पीछे कितना कमाल करते हैं लेकिन एक कोशिश जरूर है. श्रीलंका में खेले गए दो टेस्ट में- जो काफी मुश्किल पिच पर खेले गए और मुश्किल हालातों में खेले गए. वहां साहा ने आर अश्विन और रवींद्र जडेजा जैसे दुनिया के बेस्ट गेंदबाजों के लिए विकेटकीपिंग की.
विकेट के पीछे 216.5 ओवरों में --इन दोनों स्पिनर्स के सामेन-- साहा ने केवल 4 बाय रन दिए. साथ ही 5 खिलाड़ियों को आउट करने में भी उन्होंने बड़ा योगदान दिया.
[क्या आप अपनी मातृभाषा से प्यार करते हैं? इस स्वतंत्रता दिवस पर द क्विंट को बताएं कि आप अपनी भाषा से क्यों और किस तरह प्यार करते हैं. आप जीत सकते हैं BOL टी-शर्ट. आपको अपनी भाषा में गाने, लिखने या कविता सुनाने का मौका मिल रहा है. अपने BOL को bol@thequint.com पर भेजें या 9910181818 नंबर पर WhatsApp करें.]
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)