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रविवार से रंगीन कपड़ों में भारत और वेस्टइंडीज की टीमें मैदान पर उतरेंगी. टेस्ट सीरीज में 2-0 से जीत दर्ज करने के बाद अब वनडे सीरीज की बारी है. भारतीय टीम वेस्टइंडीज को 5-0 से हराना चाहेगी क्योंकि इस अंतर से भारत ने वेस्टइंडीज को कभी हराया नहीं है ये लक्ष्य कोई बहुत मुश्किल भी नहीं है क्योंकि वेस्टइंडीज की टीम ना सिर्फ कमजोर है बल्कि कुछ बड़े खिलाड़ियों के मैदान में ना उतरने की वजह से असंतुलित भी है.
ये तो वेस्टइंडीज खेमे की बात हुई. भारतीय खेमे को लेकर दिलचस्प संयोग ये है कि रविवार से शुरू हो रही सीरीज में टीम इंडिया के तीन-तीन कप्तान मैदान में उतरेंगे. ये तीन कप्तान है- टीम इंडिया के नियमित कप्तान विराट कोहली, स्टैंडबाय कप्तान रोहित शर्मा और पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी.
विराट कोहली की परेशानी का उनके फॉर्म से कोई लेना देना नहीं है. वो शानदार फॉर्म में हैं. उनकी परेशानी वो हालात हैं जो हाल के दिनों में उनके सामने आए हैं. स्थितियां बताती हैं कि रोहित शर्मा से उनकी अनबन चल रही है. टीम में चयन को लेकर उनके फैसलों को लगातार सवालों के कटघरे में रखा गया है. उनकी पत्नी और अभिनेत्री अनुष्का शर्मा को भी बेवजह खींचा गया है. आपको याद दिला दें कि कुछ दिनों पहले एक उड़ती उड़ती खबर आई थी कि अनुष्का शर्मा का शिखर धवन की पत्नी से विवाद हो गया है. साथ ही वो टीम से जुड़े फैसलों में हस्तक्षेप करती हैं. इन फैसलों की सच्चाई का कोई आधार नहीं है लेकिन इन बातों ने बतौर कप्तान विराट कोहली को परेशान किया है.
वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत की तरफ से मैदान में उतरने वाले दूसरे कप्तान हैं रोहित शर्मा. विराट कोहली की गैरमौजूदगी में रोहित शर्मा को टीम की कमान दी जाती है. हाल ही उनकी कप्तानी में भारत ने एशिया कप जीता था. इससे पहले रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम इंडिया श्रीलंका में टी-20 ट्राएंगुलर सीरीज भी जीत चुकी है.
रोहित शर्मा वनडे में कमाल के बल्लेबाज हैं. एशिया कप में जीत दिलाने के बाद उनकी कप्तानी की भी जमकर तारीफ हुई थी. उनकी कप्तानी में मुंबई इंडियंस ने तीन बार आईपीएल जीता है. इन सारी उपलब्धियों के बाद भी रोहित शर्मा टेस्ट टीम में जगह बनाने में कामयाब नहीं हो पाए. टेस्ट क्रिकेट में उन्हें मौके मिलें हैं लेकिन वो मौके उनके लिए कारगर साबित नहीं हुए. रोहित शर्मा को लगता है कि टेस्ट क्रिकेट में उन्हें अभी और मौका मिलना चाहिए. यही वजह थी कि इंग्लैंड के खिलाफ पिछली सीरीज के बाद जब उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू सीरीज में भी नहीं चुना गया तो वो नाराज दिखे. आपको याद ही होगा कि कुछ समय पहले उन्होंने सोशल मीडिया में विराट कोहली को अनफॉलो कर दिया था.
धोनी तो टीम इंडिया के करिश्माई कप्तान रहे हैं. उनकी छवि अनहोनी को होनी बनाने वाली रही है. मुश्किल ये है कि इन दिनों उनका बल्ला पूरी तरह खामोश है. उनसे रन ही नहीं बन रहे, जितनी गेंद वो बल्ले से खेलते हैं उससे ज्यादा गेंद उनके पैड पर लगती है. पिछले करीब एक साल में उन्होंने अर्धशतक तक नहीं लगाया है. पिछले बारह महीने में उनकी औसत में जबरदस्त गिरावट आई है. उनकी करियर औसत 50 के करीब है जबकि पिछले एक साल की औसत 30 के करीब. धोनी का स्ट्राइक रेट भी खराब हुआ है. 2018 में धोनी ने अब तक खेले गए मैचों में सिर्फ एक छक्का लगाया है. इस साल धोनी की खराब बल्लेबाजी का सबूत ये आंकड़े हैं.
धोनी की परेशानी इन आंकड़ो में छिपी हुई है. वो अपनी विकेटकीपिंग के दम पर टीम में कब तक जगह बचा पाएंगे ये देखना दिलचस्प होगा. फिलहाल तो व्यावहारिक बात यही है कि तीनों कप्तानों को अपनी- अपनी परेशानी का इलाज खुद ही खोजना है. किसी को आपस में बातचीत करके और किसी को मैदान में पसीना बहाकर.
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