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भारतीय हॉकी के ड्रिबलिंग मास्टर मोहम्मद शाहिद का लंबी बीमारी के बाद बुधवार को गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में देहांत हो गया. शाहिद 1980 में मॉस्को ओलंपिक में इंडियन टीम में शामिल थे. टीम ने इस ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता थी.
शाहिद ने 56 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. शाहिद के बेटे मोहम्मद सैफ ने बताया ,‘‘आज सुबह 10.45 पर शाहिद ने आखिरी सांस ली. सुबह उनके सभी अंगों ने काम करना बंद कर दिया था.’’
शाहिद को मेदांता मेडिसिटी में इस महीने की शुरुआत में पीलिया और डेंगू होने के बाद भर्ती कराया गया था. उन्हें वाराणसी से हवाई जहाज से गुड़गांव लाया गया था. वह वाराणसी के ही रहने वाले थे. सैफ ने बताया कि उन्हें वाराणसी ले जाया जाएगा, जहां गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार होगा.
मोहम्मद शाहिद अपने ड्रिबलिंग हुनर के लिए काफी मशहूर रहे थे, इसलिए उनकी गिनती भारत के महानतम हॉकी खिलाड़ियों में की जाती है. वे दिल्ली एशियाई खेल 1982 की रजत पदक विजेता और 1986 की सोल एशियाड की कांस्य पदक विजेता टीम के सदस्य भी थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोहम्मद शाहिद की मौत पर दुख जताते हुए कहा कि हमने मो. शाहिद को बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन न तो हमारी मदद और न ही प्रार्थना उनको बचा पाई.
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