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IPL सिर्फ तीन वजहों से चलता है- धोनी, धोनी और धोनी... अब आप सोच रहे होंगे कि इंडियन प्रीमियर लीग में सैकड़ों प्लेयर खेलते हैं, सब एक से एक, छक्कों- चौकों की बारिश भी हो रही है, रिकॉर्ड बनते जा रहे हैं टूटते जा रहे हैं, फिर सिर्फ धोनी की ही बात क्यों?
तो आपको बता दें कि इंडियन प्रीमियर लीग में अब तक सबसे ज्यादा बार फाइनल खेलने वाले खिलाड़ी हैं- धोनी. 11वां सीजन अब अपने आखिरी पड़ाव पर पहुंच चुका है. मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम पर धोनी की चेन्नई सुपर किंग और सनराइजर्स हैदराबाद आमने सामने होंगी. धोनी की चेन्नई अब तक सबसे ज्यादा बार फाइनल में पहुंची है. धोनी की कप्तानी की जादूगरी कहें या फिर उनकी मेहनत, चेन्नई ने अब तक सात बार फाइनल में अपनी जगह बनाई है.
अब आप सोच रहे होंगे कि धोनी मतलब IPL कैसे हो गया.
धोनी के 22 रन की कहानी भी दिलचस्प है. धोनी की कप्तानी में चेन्नई सुपर किंग ने अब तक 2 बार IPL जीता है. साल 2010 और 2011 में. अब इसे संयोग कहें या धोनी की किस्मत लेकिन इन दोनों ही मैचों में धोनी ने 22-22 रन बनाए थे.
2010 में मुंबई के डीवाई पाटिल अकादमी के ग्राउंड में मुंबई इंडियंस के खिलाफ फाइनल में धोनी ने सिर्फ 22 रन बनाए और कैच आउट हो गए थे. ठीक उसी तरह साल 2011 में भी हुआ. इस बार जगह था चेन्नई का एमए चिदंबरम स्टेडियम. और सामने टीम थी रॉयल चैलेंजर बेंगलुरु. इस बार भी धोनी सिर्फ 22 रन बना कर कैच आउट हो गए. लेकिन दोनों ही बार आईपीएल के कप को धोनी ने ही उठाया.
धोनी ने इस बार 76 की औसत से 455 रन बनाए हैं और खास बात यह रही कि वो 15 में से 9 मैच में नॉट आउट रहे हैं. साथ ही उन्होंने 30 छक्के और 24 चौके भी लगाए हैं. इसके अलावा उनका सर्वाधिक स्कोर 79 नॉट आउट रहा है.
फाइनल में अगर चेन्नई सुपर किंग और सनराइजर्स हैदराबाद को देखा जाए तो चेन्नई का पलड़ा भारी लग रहा है, क्योंकि दो साल बाद वापसी करने वाली महेंद्र सिंह धोनी की इस टीम ने इस सीजन में हैदराबाद के खिलाफ तीन मैच खेले हैं और तीनों में उसे जीत मिली है.
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