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चेन्नई सुपर किंग्स बनाम दिल्ली कैपिटल्स, महेंद्र सिंह धोनी बनाम श्रेयस अय्यर. 38 साल के महेंद्र सिंह धोनी, 24 साल के श्रेयस अय्यर. एक तरफ 14 साल का अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का अनुभव दूसरी तरफ डेढ़ साल की समझ. एक तरफ विश्व कप, टी-20 विश्व कप, चैंपियंस ट्रॉफी जैसे खिताब जीतने का सफर, दूसरी तरफ गिनाने के लिए इक्का दुक्का अंतर्राष्ट्रीय जीत. एक तरफ तीन बार की आईपीएल चैंपियन चेन्नई दूसरी तरफ पहली बार फाइनल खेलने का सपना देख रही दिल्ली.
एक तरफ फाफ डु प्लेसी, शेन वॉटसन, सुरेश रैना, हरभजन सिंह, इमरान ताहिर, तो दूसरी तरफ ऋषभ पंत, अक्षर पटेल, पृथ्वी शॉ जैसे खिलाड़ी. दिल्ली की टीम में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लंबा अनुभव रखने वाला कोई है, तो बस शिखर धवन और ईशांत शर्मा. हां, मैदान के बाहर से मैच में दिमाग लगाने के लिए उसके पास सौरव गांगुली और रिकी पॉन्टिंग जैसे दो दिग्गज खिलाड़ी जरूर मौजूद हैं.
ये सारे उदाहरण इस बात को डंके की चोट पर साबित करते हैं कि आज प्लेऑफ में जोश बनाम होश की लड़ाई देखने को मिलेगी. दोनों ही टीमों ने लीग मैचों में 9-9 मैच जीते थे. चेन्नई की टीम दूसरे नंबर पर थी, जबकि दिल्ली की टीम तीसरे नंबर पर.
दोनों टीमें ‘न्यूट्रल वैन्यू’ पर खेलेंगी इसलिए घरेलू समर्थकों या मैदान का कोई अलग से फायदा किसी को नहीं मिलेगा. लीग मैचों में दोनों टीमों की भिड़ंत के नतीजे कुछ इशारा करते हैं. उन मैचों को याद कर लेते हैं.
चेन्नई ने दूसरे लीग मैच में 80 रनों के जिस अंतर से दिल्ली को हराया था वो इस सीजन में दूसरी सबसे बड़ी जीत है. इन आंकड़ों में भी आपको ये बात साफ समझ आई होगी कि दिल्ली की टीम के पास जोशीले खिलाड़ी हैं. काबिल खिलाड़ी हैं. लेकिन जो संयम मैच जीतने के लिए चाहिए होता है उसकी कमी इन खिलाड़ियों में साफ तौर पर दिखती है.
हैदराबाद के खिलाफ पिछले मैच में भी दिल्ली की टीम की आखिरी ओवर में जो हालत थी वो लोग भूले नहीं हैं. अभी तो इस बारे में कोई बात नहीं कर रहा है, लेकिन सीजन के खत्म होने के बाद ‘क्रूशियल’ मौकों पर ऋषभ पंत के आउट होने के तरीकों पर जरूर बात होगी. ये उन्हीं के भविष्य के लिए अच्छा होगा. याद रखिएगा, बेहतर होगा दिल्ली की टीम शिखर धवन और पृथ्वी शॉ जैसे खिलाड़ियों के इर्द-गिर्द रणनीति बनाए.
दिल्ली के खिलाड़ियों का ये जोश एक मायने में उन्हें फायदा पहुंचा सकता है. वो है फील्डिंग. मुंबई इंडियंस के खिलाफ मैच में चेन्नई की फील्डिंग बहुत खराब थी. कई अहम कैच चेन्नई के खिलाड़ियों ने छोड़े. इसके अलावा फील्डिंग में चेन्नई के उम्रदराज खिलाड़ियों में वो फुर्ती नहीं दिखाई दी, जो इस फॉर्मेट में कई बार जीत-हार की वजह बनती है. दिल्ली की टीम इसी कमजोरी का फायदा उठा सकती है.
दिल्ली की टीम को लेकर इतनी चर्चा इसलिए भी हो रही है, क्योंकि लंबे समय के बाद ये टीम इस मुकाम तक पहुंची है. यहां अब उसे असली जोश दिखाना है. दिल्ली कैपिटल्स को ये भी याद रखना होगा कि शायद ये धोनी का आखिरी आईपीएल है.आगे कुछ कहने की जरूरत नहीं.
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