Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Sports Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019क्‍या होगा, अगर BCCI में लागू हो गईं लोढ़ा समिति की सिफारिशें...

क्‍या होगा, अगर BCCI में लागू हो गईं लोढ़ा समिति की सिफारिशें...

अगर लोढ़ा समिति की सिफारिशें लागू हो गईं, तो बीसीसीआई में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे.

द क्विंट
स्पोर्ट्स
Updated:
(फोटो: PTI)
i
(फोटो: PTI)
null

advertisement

अगर सुप्रीम कोर्ट बीसीसीआई को जस्टिस आर एम लोढ़ा समिति द्वारा सुझाए गए बदलावों को मानने के लिए बाध्य करता है, तो आने वाले समय में बोर्ड में बड़े परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं.

एक ओर जहां इसके लागू हो जाने से खेल प्रशासन में शरद पवार के जाने का रास्ता बंद हो सकता है, वहीं मौजूदा अध्यक्ष शशांक मनोहर अपना वोटिंग का अधिकार गंवा सकते हैं. इन सिफारिशों के लागू हो जाने का सीधा असर स्टेट एसोसिएशन के मालिकों पर भी पड़ेगा, जो लंबे समय से सत्तारूढ़ हैं.

आइए विस्तार से जानते हैं कि लोढ़ा समिति की सिफारिशें किस तरह मौजूदा स्थिति पर असर डालेंगीः

पहली सिफारिश

कोई भी व्यक्ति 70 साल की उम्र का हो जाने के बाद बीसीसीआई और स्टेट एसोसिएशन में पदाधिकारी नहीं बन सकता है.

क्या हो सकता है असरः

(फोटो: PTI)

अगर लोढ़ा समिति की ये सिफारिश लागू हो जाती है, तो इसके साथ मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष शरद पवार (75+) , टीएनसीए के प्रमुख एन श्रीनिवासन (71+) के बोर्ड में वापस आने के सपने हमेशा के लिए चकनाचूर हो सकते हैं. इसके अलावा सौराष्ट्र सुप्रीमो निरंजन शाह(71+), पंजाब के प्रमुख एमपी पांडोव और आईएस बिंद्रा का भी अपने-अपने राज्यों में मौजूदा पदों पर बने रहना मुश्किल हो सकता है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

दूसरी सिफारिश

एक स्टेट एसोसिएशन का बीसीसीआई में केवल एक ही वोट होगा और दूसरे सहयोगी सदस्य के रूप में होंगे.

क्या हो सकता है असर:

इस सुझाव का मतलब है कि अगर कभी बीसीसीआई के एजीएम के तहत चुनाव हुआ, तो अध्यक्ष शशांक मनोहर वोट नहीं डाले सकेंगे, क्योंकि केवल महाराष्ट्र ही वैध वोटर माना जाएगा. विदर्भ और मुबई सहयोगी सदस्य के रूप में देखे जाएंगे.

दूसरे राज्य, जैसे बिहार, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के पास स्वतंत्र राज्य की तरह मताधिकार होगा. नेशनल क्रिकेट क्लब अपने वोट करने का अधिकार खो देगा.

तीसरी सिफारिश

पदाधिकारियों के तीन-तीन साल के तीन सेवा कार्यकाल होंगे, जिसमें प्रत्येक दो कार्यकाल के बीच में एक अच्छा अंतराल होगा.

क्या हो सकता है असर:

अगर लोढ़ा समिति की ये सिफारिश लागू हो गई, तो मौजूदा सेक्रेटरी अनुराग ठाकुर अपने मौजूदा कार्यकाल को पूरा करने के तुरंत बाद बीसीसीआई के अध्यक्ष पद के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे.

चौथी सिफारिश

(फोटो: PTI)

बीसीसीआई के अध्यक्ष के तीन-तीन साल के दो कार्यकाल होंगे और अगर आवेदन करने वाला शख्स यदि अध्यक्ष पद के लिए चुन लिया जाता है, तो वो अन्य किसी भी पद के लिए आवेदन नहीं कर सकता है.

क्या हो सकता है असर:

इस कार्यकाल के बाद शशांक मनोहर अपने छह साल पूरे कर लेंगे और इसी के साथ बीसीसीआई में उनकी इनिंग समाप्त हो जाएगी.

पांचवी सिफारिश

कोई भी शख्स एक साथ बीसीसीआई में अधिकारी और राज्य संघ का सदस्य नहीं हो सकता.

क्या हो सकता है असर:

बीसीसीआई सेक्रेटरी अनुराग ठाकुर हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के भी सदस्य हैं. बीसीसीआई ज्वाइंट सेक्रेटरी अमिताभ चौधरी झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं. बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी हरियाणा क्रिकेट एसोसिएशन के सेक्रेटरी हैं.

इन सभी को अपने इन दो-दो पदों में से एक को छोड़ना होगा. शायद राज्य संघ के पदों को.

छठी सिफारिश

चयन समिति में तीन ऐसे खिलाड़ी होंगे, जो टेस्ट क्रिकेट खेल चुके हों.

क्या हो सकता है असर:

सेंट्रल जोन के नेशनल सेलेक्टर गगन खोडा को बाहर का रास्ता देखना पड़ सकता है, क्योंकि उन्होंने केवन दो वनडे खेले हैं और एक भी टेस्ट नहीं खेला है. इसके अलावा विक्रम राठौड़, सबा करीम, एमएसके प्रसाद को चयन समिति में जगह मिल सकती है. इसके अलावा संदीप पाटिल जिन्होंने 25 टेस्ट मैच खेले हैं, वे भी इस शर्त को पूरा कर सकते हैं.

सातवीं सिफारिश

सट्टेबाजी को कानूनी मान्यता

क्या हो सकता है असर:

लोढ़ा समिति की अगर ये सिफारिश लागू हो गई, तो ब्रिटेन की सट्टेबाजी कंपनियां, जैसे लैडब्रोक्स बाजार में प्रवेश करने में कामयाब हो जाएंगी, जिसके माध्यम से ब्रिटेन के लोग और दुनिया के दूसरे हिस्सों के लोग नियमित तौर पर ईपीएल मैचों में, एशेज और फीफा वर्ल्‍डकप में सट्टा लगाते हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 04 Jan 2016,10:50 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT