advertisement
मजाक में ही सही लेकिन फैंस मानते हैं कि रिटायरमेंट के बाद धोनी को क्रिकेट अंपायर बन जाना चाहिए क्योंकि फील्ड पर उनकी जजमेंट और फैसले इतने सटीक होते हैं कि कभी कभार तो टैक्नॉलजी को भी मात दे दें.
विकेट के पीछे यदि धोनी ने कोई अपील पूरे जोश से कर दी तो उनकी पूरी टीम, मैदान पर मौजूद फैंस और कॉमेंट्री बॉक्स में बैठे दिग्गज भी उस बल्लेबाज को आउट ही मान लेते हैं. टीवी अंपायर के पास जाना तो सिर्फ औपचारिकता ही रह जाती है. फील्ड पर धोनी का जजमेंट इतने कमाल का है कि आप हैरान हो जाएं, और सटीक फैसले लेने की अपनी इसी शानदार कला का मुजायरा उन्होंने कटक वनडे में भी दिखाया.
भारतीय पारी का 41वां ओवर था. शतक बना चुके युवराज सिंह के पास स्ट्राइक थी, गेंदबाज का नाम था क्रिस वोक्स. वोक्स ने गेंद आउटसाइड द ऑफ स्टंप बहुत वाइड फेंकी, युवराज ने गेंद को मारने की असफल कोशिश की और गेंद सीधे विकेटकीपर के हाथों में पहुंच गई. विकेट के पीछे से जोरदार अपील हुई, कीपर को देख गेंदबाज ने भी हाथ उठा दिया.
इतनी जोरदार अपील के बाद अंपायर पर दबाव बना और उन्होंने उंगली उठा दी. अमूमन जब एक बल्लेबाज विकेट के पीछे कैच आउट होता है तो सबसे पहले उसी को पता होता है कि उसके बल्ले ने गेंद को छूआ है या नहीं, लेकिन जब धोनी मैदान पर मौजूद हों तो दूसरे छोर पर खड़े बल्लेबाज के बारे में भी फैसला वेे ही करते हैं.
दरअसल जब अंपायर ने युवराज को आउट दिया तो युवराज से पहले ही दूसरे छोर पर खड़े धोनी ने अंपायर से रिव्यू मांग लिया. धोनी ने युवी से पूछा तक नहीं कि वो आउट हैं या नहीं. अंपायर ने उंगली उठाई और बेधड़क माही ने रिव्यू की मांग कर दी. अपने पुराने कप्तान को देख युवराज ने भी रिव्यू की मांग कर डाली.
टीवी पर साफ दिखा कि गेंद बल्ले का किनारा लेने के बाद पिच को भी छू रही थी यानि ये युवराज का बंप शॉट था. लिहाजा युवराज नॉट आउट करार दिए गए. यहां सबसे हैरान करने वाली बात ये रही कि क्रीज पर युवराज से लगभग 22-23 गज दूर खड़े धोनी ने कैसे अंदाजा लगाया होगा कि वो गेंद बंप हुई थी. पूरा वीडियो यहां देखें
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)