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जिस देश में क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ियों पर लाखों करोड़ो खर्च किए जाते हो, वहां पैरा-एथलीट को पैसे के लिए भीख मांगनी पड़े यह बहुत ही शर्म की बात है. मामला इंडियन पैरा-एथलीट तैराक कंचनमाला पांडे का है. कंचनमाला जर्मनी पैरा तैराकी चैम्पियनशिप में हिस्सा लेने बर्लिन गई हुई थीं. लेकिन वहां उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह लोकल ट्राम में सफर करने के लिए टिकट ले सकें.
टिकट चेकिंग के दौरान टिकट चेकर ने जब उन्हें बिना टिकट चलने पर फाइन लगाया तो उन्हें अपने साथी खिलाड़ियों से पैसे लेकर फाइन देना पड़ा. कंचनमाला पूरी तरह से दृष्टिहीन हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंचनमाला और पांच अन्य भारतीय पैरा-एथलीट जर्मनी के बर्लिन में आयोजित पैरा स्विमिंग चैंपियनशिप में भाग लेने गए थे. लेकिन पैरालंपिक कमेटी ऑफ इंडिया (PCI) की लापरवाही की वजह से उनके पास सरकार द्वारा इस दौरे के लिए उपलब्ध कराई गई धनराशि नहीं पहुंच सकी. पैसा ना होने के कारण उन्हें लोगों से पैसे मांगने पड़े.
मामला के मीडिया में आने के बाद खेल मंत्री विजय गोयल ने बुधवार को भारतीय पैरालंपिक समिति से 10 दिन के अंदर रिपोर्ट देने को कहा है.
गोयल ने कहा, “मंत्रालय ने 75 प्रतिशत राशि 3.21 लाख रुपये जारी किए जो भारतीय पैरा ओलंपिक समिति को समय पर अग्रिम भुगतान के तहत की गई थी. अगर पीसीआई को राशि भेज दी गई थी तो खिलाड़ियों को किसी तरह की मुश्किल में नहीं रखना चाहिए था.
इस मामले की जानकारी मिलने पर भारतीय शूटर अभिनव बिंद्रा ने ट्विटर पर इस घटना की आलोचना की. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और खेल मंत्री विजय गोयल से हस्तक्षेप करने की मांग की.
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