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प्रो कबड्डी लीग के पांचवें सीजन का रोमांच फाइनल तक आ पहुंचा है. 28 जुलाई से शुरू हुए इस सीजन में 12 टीमों ने हिस्सा लिया था. पिछले तीन महीनों से चल रही इस लीग में शामिल सभी टीमें खिताब की दावेदारी के लिए विरोधी टीमों को पटखनी दे रही थीं. लेकिन फाइनल पंगा लेने को तैयार है लगातार 2 सीजन से विजेता रही टीम पटना पाइरेट्स. टीम गुजरात फाॅर्च्यूनजाएंट्स से 28 अक्टूबर को चेन्नई के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में भिड़ेगी.
पटना की टीम ने सीजन 3 में 31-28 के मार्जिन से यू मुंबा के खिलाफ जीत हासिल की थी. वहीं पिछले यानी सीजन 4 में जयपुर पिंक पैंथर्स को 37-29 के बड़े अंतर से हराया था. धर्मराज चेरलाथन की कैप्टेंसी में टीम सिर्फ 4 मैच हारी थी.
पिछले सीजन में टीम के बेस्ट परफाॅर्मर रहे प्रदीप नरवाल को इस बार कैप्टेंसी दी गई. नतीजा ये रहा कि टीम ने फाइनल तक अपना दबदबा बरकरार रखा. प्रदीप ने इस सीजन में 350 रेड अंक हासिल कर एक नया रिकाॅर्ड बनाया है. यही नहीं, उन्होंने एक मैच में सबसे अधिक 34 रेड अंक हासिल करने का भी रिकार्ड बनाया. प्रदीप ने एक रेड में सबसे अधिक आठ अंक हासिल करने का भी रिकार्ड अपने नाम किया.
इतने सारे रिकाॅर्ड बनाने वाले प्रदीप फाइनल में भी जलवा बरकरार रखेंगे. उनके पास पिछले सीजन के फाइनल मैच का अनुभव और अच्छा रिकाॅर्ड है जो टीम के लिए फायदेमंद साबित होगी.
उनके अलावा मोनू गोयट के रूप में एक और दमदार रेडर टीम के पास हैं.
पटना से फाइनल मैच में भिड़ने वाली गुजरात फॉच्यूर्नजाएंट्स नई टीम है. जबकि पटना को पुरानी टीम होने के साथ-साथ पिछले 2 सीजन की जीत का मोरल बूस्टअप भी मिलेगा. हालांकि, टीम पर जीत का प्रेशर भी होगा.
लेकिन फाइनल से ठीक पहले दूसरे क्वालिफायर में टीम ने बंगाल वॉरियर्स को 47-44 से हराया था. टीम ने उस मैच में कुछ ऐसी गलतियां की हैं, जिनसे उन्हें गुजरात के खिलाफ बचना होगा क्योंकि गुजरात का डिफेंस काफी मजबूत है.
उस मैच में आखिरी दो मिनट के खेल में बंगाल के डिफेंस ने प्रदीप के रेड को असफल कर स्कोर 41-46 कर मौजूदा विजेता के चेहरे पर परेशानी ला दी थी. लेकिन, पटना ने पाॅइंट्स के अंतर को बनाए रखा और जीत हासिल करते हुए फाइनल में एंट्री ली.
ऐसे में उनकी टीम को अंक हासिल करने के लिए काफी मेहनत करनी होगी. बाकी के टीम प्लेयर्स को अपना करो या मरो वाला परफाॅर्मेंस देना होगा. साथ ही प्रदीप नरवाल पर अपनी निर्भरता कम करनी होगी. टीम के लिए पिछले मैच का सबक फाइनल में काम आ सकता है.
नई टीम होकर भी गुजरात ने फाइनल तक का सफर तय किया और ऐसे में देखा जाए, तो उनके पास खोने के लिए कुछ नहीं है. लीग में अब तक दो बार पटना और गुजरात का आमना-सामना हो चुका है और दोनों बार गुजरात ने बाजी मारी है.
गुजरात के पास अगर कैप्टन सुकेश हेगड़े, महेंद्र राजपूत और सचिन तंवर जैसे रेडर हैं, तो पटना के पास अबोजार, फाजेल अत्राचेली, परवेश बेंसवाल और सुनील कुमार जैसे डिफेंडर भी हैं, जिनके अच्छे परफाॅर्मेंस के कारण इस लीग में दूसरे 12 टीम के रेडरों के लिए अंक हासिल करना मुश्किल रहा.
अगर ये सीजन भी पटना की टीम जीत जाती है तो ये प्रो कबड्डी लीग के इतिहास में किसी टीम की पहली जीत की हैट्रिक होगी.
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