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अपनी जनरेशन के सबसे ज्यादा टैलेंटिड तेज गेंदबाजों में से एक आशीष नेहरा का 18 साल लंबा क्रिकेट करियर आखिरकार खत्म हो गया. चोट, वापसी, सफलता की रोलर कोस्टर राइड से भरे करियर के बाद आखिरकार नेहरा जी ने 22 गज की पट्टी को अलविदा कह दिया.
बुधवार को अपने घरेलू मैदान फिरोजशाह कोटला में आशीष नेहरा ने न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना आखिरी मुकाबला खेला. टीम इंडिया ने ये मैच 53 रनों से जीता और अपने साथी को शानदार विदाई दी. नेहरा ने 1999 में श्रीलंका के खिलाफ अपने करियर का आगाज किया था.
मेजबान टीम ने शानदार बल्लेबाजी दिखाते हुए 202-3 रनों का स्कोर खड़ा किया जिसके जवाब में मेहमान न्यूजीलैंड सिर्फ 149-8 रन ही बना पाए. 3 मैचों की सीरीज में भारत 1-0 से आगे है.
1999 में श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट मैच डेब्यू करने के बाद आशीष नेहरा ने अपना पहला वनडे मैच जिम्बाब्वे के खिलाफ 2001 में खेला. उनका करियर चोट से भरा रहा और जिसकी वजह से वो सिर्फ 17 टेस्ट मैच ही खेल पाए और 44 विकेट लिए. उन्होंने वनडे करियर में 120 मैच खेले और 157 विकेट अपने नाम किए. टी20 में 27 मैचों में उनके नाम 34 विकेट हैं.
उन्होंने अपनी बेस्ट पर्सनल परफॉर्मेंस 2003 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ दी. उन्होंने उस लीग मैच में 23 रन देकर 6 विकेट झटके और टीम इंडिया को यादगार जीत दिलवाई. 2011 की विश्व चैंपियन टीम में भी वो रेगुलर प्लेअर थे लेकिन चोट की वजह से फाइनल नहीं खेल पाए. पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल में उनकी परफॉर्मेंस को लोग आज भी याद करते हैं. उसके बाद अगले 5 साल तक किसी को उनकी याद नहीं आई. साल 2016 में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 सीरीज के लिए टीम में वापसी की और फिर वर्ल्ड टी20 2016 में उन्होंने टीम इंडिया के तेज गेंदबाजी आक्रमण की अगुवाई की.
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