Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Sports Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019देश का नया जुनून कबड्डी, चढ़ रहा है खुमार, बढ़ रही फैन्स की तादाद

देश का नया जुनून कबड्डी, चढ़ रहा है खुमार, बढ़ रही फैन्स की तादाद

फुटबॉल, बैडमिंटन, कुश्ती और हॉकी जैसे खेलों को पछाड़ कर काफी आगे निकल गया है कबड्डी

रोहन पाठक
स्पोर्ट्स
Updated:
( फोटो: प्रो-कबड्डी लीग )
i
( फोटो: प्रो-कबड्डी लीग )
null

advertisement

भारत में किसी से भी पूछिए कि देश में सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाला खेल कौन सा है ? जवाब एक ही आएगा- क्रिकेट. लेकिन, अगर ध्यान से देखा जाए तो एक खेल ऐसा है जो तेजी से आम स्पोर्ट्स फैंस के बीच अपनी जगह बना रहा है. हैरानी की बात ये कि ये खेल कुश्ती, बैडमिंटन या फुटबॉल नहीं बल्कि देश में फिलहाल क्रिकेट के बाद सबसे मशहूर खेल है कबड्डी!

प्रो कबड्डी लीग का पांचवा सीजन शुक्रवार को शुरू हो रहा है. इस बार नई टीमें इसमें जोड़ी गई हैं. कुल 12 टीमें इस बार टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगी.

पहला मैच तेलुगु टाइटन्स और तमिल थलाईवाज के बीच हैदराबाद में खेला जाएगा. टूर्नामेंट का आखिरी मैच 28 अक्टूबर को चेन्नई में खेला जाएगा.

प्रो-कबड्डी इकलौता ऐसा लीग है जिसने अपने चारों सीजन के दौरान टीवी रेटिंग (दर्शकों के देखने की संख्या) में जबरदस्त ग्रोथ दिखाई है. अपने पहले सीजन के बाद से कबड्डी लीग ने अपनी रेटिंग में 51 % की उछाल दिखाई है.

इस साल के प्रो कबड्डी लीग ऑक्शन में सबसे महंगे बिकने वाले नितिन तोमर (93 लाख रुपए) ने अपने शुरुआती सीजन की कमाई में 626 फीसदी का इजाफा किया है. आपको बता दें कि मशहूर खिलाड़ी राकेश कुमार को 2014 में पटना पाइरेट्स ने सबसे ज्यादा 12.8 लाख रुपए में खरीदा था.

रेटिंग रेस में सबसे आगे

अगर हम टीवी व्यूअरशिप की बात करें तो क्रिकेट बहुत आगे है लेकिन दूसरे स्थान की लड़ाई में कबड्डी ने सभी को पछाड़ रखा है. आईपीएल 2016 में 819 मिलियन लोगों ने क्रिकेट के इस सबसे बड़े लीग को देखा था, वहीं प्रो कबड्डी लीग के चौथे सीजन को 10 मिलियन लोगों ने देखा.

(फोटो: BARC INDIA)

अगर टोटल रेटिंग पर जाएं तो पिछले साल लाइव स्पोर्ट्स की पूरी व्यूअरशिप में से 20 % नॉन-क्रिकेट खेलों को मिली. यानि 100 में से 20 लोगों ने क्रिकेट के अलावा किसी और खेल को लाइव देखा. उस 20% में से 80% रेटिंग रियो ओलंपिक, प्रो कबड्डी लीग, कबड्डी वर्ल्ड कप, प्रीमियर बैडमिंटन लीग, इंडियन सुपर लीग और हॉकी इंडिया लीग को मिली.

(फोटो: BARC INDIA)

हैरानी की बात ये कि क्रिकेट के अलावा जो व्यूअरशिप थी उसमें से 61% केवल कबड्डी के हिस्से आई. ये अपने आप में दिखाता है कि किस तरह कबड्डी ने बाकी खेलों को पीछे छोड़ा

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

पैसे की दौड़ में तीसरे नंबर पर कबड्डी

अगर हम सैलरी की बात करें तो कबड्डी धीरे-धीरे देश के टॉप दो खेलों (आईपीएल और आईएसएल) के नजदीक पहुंच रहा है. इसमें कोई शक नहीं कि क्रिकेट तो बहुत आगे है जहां युवराज सिंह को आईपीएल के एक सीजन के लिए 16 करोड़ रुपए मिले थे. लेकिन कबड्डी में नितिन तोमर को मिले 93 लाख रुपए भी इस खेल के बढ़ते कद को बयां कर रहे हैं.

(फोटो: The Quint/राहुल गुप्ता)

प्रो कबड्डी लीग ने पैसों के मामले में हॉकी इंडिया लीग, प्रीमियर बैडमिंटन लीग और प्रो रेसलिंग लीग को पीछे छोड़ दिया है. हॉकी इंडिया लीग ऑक्शन 2015 में जर्मनी के मोरिट्ज फ्यूरस्टे को कलिंगा लेंसर्स ने 69 लाख रुपए में खरीदा. प्रीमियर बैडमिंटन लीग के 2015 वाले ऑक्शन में साइना नेहवाल और मलेशिया के खिलाड़ी ली शॉन्ग वी को 65 लाख में खरीदा गया था. तो वहीं 2015 प्रो रेसलिंग लीग की नीलामी में ओक्साना हेरेल (यूक्रेन) को 41 लाख रुपए मिले थे. ऐसे में नितिन तोमर का 93 लाख रुपए पाना इस बात का सबूत है कि पैसों के मामले में कबड्डी तेजी से आगे बढ़ रहा है

वीवो इलैक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन, जिन्होंने आईपीएल को पिछले 2 सीजन के लिए स्पॉनसर किया. वो कबड्डी लीग को भी स्पॉनसर कर रहे हैं. वीवो 5 साल के लिए 300 करोड़ रुपए में प्रो-कबड्डी लीग को स्पॉनसर करेगा. आपको बता दें कि वीवो ने आईपीएल को 200 करोड़ में दो सालों के लिए स्पॉनसर किया था, ऐसे में कबड्डी स्पॉनसरशिप के मामले में भी क्रिकेट के काफी नजदीक पहुंच गया है.

भारतीय मूल के इस खेल को हर एक गांव, शहर और कस्बे में पंसद किया जाता है और शायद यही कारण है कि हर साल प्रो-कबड्डी लीग के दो सीजन करवाए जाते हैं. उम्मीद है कि जिस तरह से ये खेल आगे बढ़ रहा है जल्द ही क्रिकेट जैसी ऊंचाईयां छू लेगा.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 24 May 2017,12:45 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT