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हाल ही में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के बीच वनडे सीरीज में लगातार 300 से ज्यादा के स्कोर बने. इसी सीरीज में इंग्लैंड ने 481/6 का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बना दिया. गेंदबाजों की बुरी तरह मार लग रही है, बल्लेबाज लगातार चौके-छक्के मार रहे हैं. ऐसे में गुरूवार को जब इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया से मिले 311 रनों के लक्ष्य को चुटकियों में पा लिया तो क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर से गेंदबाजों की ये दुर्दशा देखी नहीं गई. उन्होंने तुरंत ट्वीट किया और वनडे क्रिकेट में दो नई गेंद के इस्तेमाल के नियम पर सवाल उठा दिए. तेंदुलकर की मानें तो दो नई गेंदों के इस्तेमाल ने वनडे क्रिकेट से रिवर्स स्विंग को छीन लिया है, जिसकी वजह से गेंदबाजों के लिए इस फॉर्मेट में कुछ बचा ही नहीं है.
सचिन ने ट्वीट किया कि, “वनडे क्रिकेट में 2 नई गेंदों का इस्तेमाल खेल का बेड़ा गर्क करने का एक परफेक्ट तरीका है क्योंकि दोनों ही गेंदों को इतना वक्त ही नहीं मिलता कि पुरानी होकर रिवर्स हो सकें. बहुत समय से हमने रिवर्स स्विंग देखी ही नहीं है जो कि डेथ ओवर्स में खेल का अहम हिस्सा है”
तेंदुलकर के पुराने राइवल को रिवर्स स्विंग के बादशाह रहे पाकिस्तानी तेज गेंदबाज वकार युनूस ने भी सचिन की बात पर सहमती जताई है. वकार ने तेंदुलकर को रिट्वीट करते हुए लिखा, “यही वजह है कि हम ज्यादा अटैकिंग तेज गेंदबाज पैदा नहीं कर पा रहे हैं. सभी गेंदबाज अब बहुत डिफेंसिव हो गए हैं, हमेशा चीजें बदलने की सोचते हैं. आपसे बिल्कुल सहमत हूं सचिन तेंदुलकर, रिवर्स स्विंग तो गायब ही हो गई है”
वहीं भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने इंग्लैंड दौरे पर जाने से पहले कहा कि सच में ये गेंदबाजों के लिए बहुत ही खराब है.
दरअसल अक्टूबर 2011 में आईसीसी ने सोचा कि वनडे क्रिकेट में 15 से 40 ओवर का खेल काफी बोरिंग होता जा रहा है. ऐसे में उन्होंने पारी में दोनों ओर से नई गेंद के प्रयोग को हरी झंडी दी यानी एक गेंद से एक पारी में 25 ओवर ही खेले जाते हैं. आईसीसी का तर्क ये था कि नई गेंद बल्लेबाजों और तेज गेंदबाजों, दोनों को मदद करेगी और बीच के ओवरों में रोमांच बढ़ेगा. लेकिन, ठीक इसके उलट नई गेंद का इस्तेमाल सिर्फ बल्लेबाजों के लिए ही अच्छा रहा. लगातार 300+ के स्कोर बनने लगे हैं. साथ ही न तो तेज गेंदबाजों के लिए रिवर्स स्विंग बची है और न ही स्पिन गेंदबाजों के लिए ज्यादा मदद.
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