Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Sports Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019 रोहतक टू रियो: हिंदुस्तान की सुल्तान ‘साक्षी’

रोहतक टू रियो: हिंदुस्तान की सुल्तान ‘साक्षी’

साक्षी ने भारत का इंतजार खत्म किया. किर्गिस्तान की अइसुलू टाइबेकोवा को हरा कर 58 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक जीता

द क्विंट
स्पोर्ट्स
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साक्षी मालिक ने 58 किलोग्राम वर्ग फ्रीस्टाइल महिला पहलवान में जीता पदक. (फोटो: रॉयटर्स)
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साक्षी मालिक ने 58 किलोग्राम वर्ग फ्रीस्टाइल महिला पहलवान में जीता पदक. (फोटो: रॉयटर्स)
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फ्रीस्टाइल महिला पहलवान साक्षी मलिक ने बुधवार को रियो ओलम्पिक में कांस्य पदक जीतकर भारत के पदक के इंतजार को खत्म किया. 23 साल की साक्षी ने किर्गिस्तान की अइसुलू टाइबेकोवा को 58 किलोग्राम वर्ग में पराजित किया.

ओलंपिक में भारत के लिए साक्षी से पहले कभी किसी महिला पहलवान ने पदक नहीं जीता था. साक्षी के पहले भारत की ओर से ओलंपिक में सिर्फ तीन महिला खिलाड़ी कर्णम मल्लेश्वरी, मैरी कॉम और साइना नेहवाल ही पदक जीत सकी थीं.

साल 2015 में हुए एशियन चैम्पियनशिप में पोडियम फिनिश करने वाली साक्षी ओलम्पिक में कुश्ती में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं.

इस स्पर्धा का स्वर्ण जापान की कोओरी इको ने जीता जबकि रूस की वालेरिया काबलोवा ने रजत हासिल किया. काबलोवा ने ही क्वार्टर फाइनल में साक्षी को हराया था.

आठ बार की अफ्रीकन चैम्पियन ट्यूनिशिया का मारवा अमरी ने इस स्पर्धा का दूसरा कांस्य जीता.

साक्षी ने ऐसे दिन पदक जीता है, जब भारत को 48 किलोग्राम वर्ग में विनेश फोगाट के असमय मुकाबले से हटने का दर्द झेलना पड़ा था. विनेश चोट के कारण मुकाबले से बाहर हो गईं.

पीएम मोदी ने भी दी बधाई

साक्षी मलिक इस जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर कर बधाई दी.

साक्षी मलिक ने इतिहास रच दिया. पूरा देश खुश है. रक्षाबंधन के दिन भारत की बेटी साक्षी ने पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया. हमें साक्षी पर गर्व है

मैच का आंखों देखा हाल

साक्षी का मुकाबला शुरू होने के चंद मिनट बाद ही ये लगने लगा कि किर्गिस्तान की खिलाड़ी के आगे साक्षी घुटने टेक देगी. मैच के पहले पीरियड में साक्षी 0-5 से पिछड़ गई थी. किर्गिस्तान की पहलवान एसुलू तिनिवेकोवा उनपर भारी पड़ रही थीं लेकिन रोहतक की इस बेटी ने आखिरी मौके पर ही दांव पलट दिया.

वो आखिरी 2 मिनट

घड़ी की टिक-टिक और हार-जीत का काउंटडाउन शुरू हो चुका था. दूसरे मिनट के पहले मूव में साक्षी ने अपने प्रतिद्वंदी को पटखनी दी और फिर बस 5-7 सेकेंड के बाद ही एक और पटखनी. साक्षी मैच में कमबैक कर चुकी थीं. साक्षी के तेवर से किर्गिस्तान की खिलाड़ी के हौसले पस्त नजर आने लगे, वो थोड़ी नर्वस भी दिखी- मौके पर साक्षी ने दांव मारा और एक प्वाइंट अपने नाम कर लिया.

और फिर वो आखिरी दांव...

2 मिनट खत्म हो चुके, घड़ी में तीसरे मिनट का काउंटडाउन जारी था. ये आखिरी मिनट था. साक्षी ने अपने विरोधी का पैर पकड़ा और अपना दांव लगाया. विरोधी चारों खाने चित्त, और साक्षी को मिला एक और प्वाइंट. स्कोर बोर्ड इठलाने लगा और तिरंगा की शान में रियो का पहला मेडल आ चुका था. साक्षी ने 7-5 से इतिहास रच दिया. मैच खत्म होने वाली घंटी बजी और साक्षी ने हवा में छलांग लगाकर जीत का इजहार किया.

देश ने कहा- साक्षी तुमने कर दिया कमाल

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Published: 18 Aug 2016,09:01 AM IST

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