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आईसीसी ने श्रीलंका के कप्तान दिनेश चांडीमल पर वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट के दौरान ‘गेंद से छेड़छाड़' का आरोप लगाया है. टेस्ट मैच के तीसरे दिन श्रीलंकाई टीम ने गेंद बदलने की मांग से नाराज होकर फील्ड पर उतरने से मना कर दिया. वो दो घंटे की देरी से फील्ड पर आए.
आईसीसी ने ट्विटर पर ऐलान किया कि चांडीमल पर आईसीसी आचार संहिता के नियम 2.2.9 के उल्लंघन का आरोप है. ये उल्लघंन ‘गेंद की हालत बदलने' से संबंधित है.
अंपायर अलीम डार और इयान गाउल्ड गेंद की हालत से संतुष्ट नहीं थे जिसका उपयोग दूसरे दिन के खेल के आखिर में किया गया था. श्रीलंकाई टीम से कहा गया कि वो उसी गेंद से खेल आगे शुरू नहीं कर सकते.
श्रीलंका क्रिकेट ने बयान जारी कर टीम के खिलाड़ियों का पूरा समर्थन किया. श्रीलंका क्रिकेट ने कहा, ‘‘टीम प्रबंधन ने हमें बताया कि श्रीलंका के खिलाड़ी किसी भी गलत काम में शामिल नहीं हैं.''
बोर्ड ने खिलाड़ियों से बातचीत के बाद उन्हें मैदान में उतरने के लिए मना लिया था. बयान में कहा गया, ‘‘श्रीलंका क्रिकेट ने खिलाड़ियों को मैदान में उतरने की सलाह दी है ताकि मैच जारी रहे और खेल की भावना को कायम रखने के लिए टीम 'विरोध के तहत' खेल जारी रखने के निर्णय की सराहना करते हैं.''
इस घटना के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने कहा कि उनके पास कार्रवाई करने का अधिकार है. आईसीसी ने ट्वीट किया, ‘‘अगर किसी आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है तो मैच के खत्म होने के बाद नियमों के मुताबिक कार्रवाई होगी.'' इससे पहले टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में केवल एक बार टीम के मैदान पर उतरने से इनकार करने के बाद मैच आगे नहीं खेला गया था.
पाकिस्तान पर 2006 में ओवल में अंपायर बिली डाक्ट्रोव और डेरेल हेयर ने गेंद से छेड़छाड़ के लिए पांच पेनल्टी रन का जुर्माना लगाया गया था. इससे नाराज पाकिस्तानी टीम चौथे दिन टी ब्रेक के बाद मैदान पर नहीं उतरी और अंपायरों ने इंग्लैंड को विजेता घोषित कर दिया.
पाकिस्तान ने हालांकि बाद में कहा कि वह मैदान पर उतरना चाहता था. ऑस्ट्रेलिया के तीन खिलाड़ी स्टीव स्मिथ, डेविड वॉर्नर और कैमरन बैनक्राफ्ट पर इस साल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन टेस्ट के दौरान गेंद से छेड़छाड़ करने के कारण बैन लगाया गया था.
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