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ये लाइन तो आपने सैंकड़ो बार सुनी होगी लेकिन इस वक्त ये जरूरी है कि साउथ अफ्रीका में फील्ड पर संघर्ष कर रही विराट कोहली की टीम इस डायलॉग को याद कर ले. ड्रैसिंग रूम में लगे स्पीकर पर ये डायलॉग रवि शास्त्री को लूप में लगाना चाहिए. क्योंकि केपटाउन टेस्ट में मिली हार के बाद जिस तरह टीम इंडिया के हौसले पस्त नजर आ रहे हैं, शाहरुख खान का ये डायलॉग उन्हें एनर्जी देगा.
और सिर्फ ये डायलॉग ही क्यों? विराट कोहली की टीम को क्विंट हिंदी की ये रिपोर्ट पढ़नी चाहिए जिसमें हम बताने जा रहे हैं भारतीय क्रिकेट टीम की पहला टेस्ट हारने के बाद शानदार वापसियों के बारे में. अमूमन एक हाई वोल्टेज सीरीज का पहला ही मुकाबला हारने के बाद किसी भी टीम के लिए सीरीज में वापसी करना बहुत मुश्किल होता है लेकिन टीम इंडिया ऐसा 6 बार कर चुकी है.
भारत दौरे पर आई ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 4 मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में ही टीम इंडिया को जोरदार पटखनी दी और मैच 333 रनों से जीत लिया. लेकिन उसके बाद विराट कोहली की कप्तानी में ही टीम इंडिया ने जोरदार वापसी की और बेंगलुरू में खेला गया दूसरा टेस्ट रोमांचक तरीके से जीता. इसके बाद टीम इंडिया ने मुड़कर नहीं देखा. तीसरा टेस्ट ड्रॉ रहा और चौथा टेस्ट धर्मशाला में जीतकर भारत ने सीरीज 2-1 से अपने नाम की.
ये विराट कोहली का फुल टाइम कैप्टन के तौर पर पहला विदेशी दौरा था. टीम इंडिया ने पहले टेस्ट मैच में अच्छी पकड़ बना रखी थी लेकिन चौथी पारी में टीम इंडिया स्पिनर रंगना हेराथ की गेंदबाजी के आगे ढह गई. भारत 3 मैचों की सीरीज में 0-1 से पीछे हो गया. लेकिन, उसके बाद दूसरे टेस्ट में टीम इंडिया ने जबरदस्त कमबैक किया और लंका को रिकॉर्ड 278 रनों से हराया. तीसरे टेस्ट में भी भारत का फॉर्म शानदार रहा और मैच जीतकर टीम इंडिया ने 22 साल बाद श्रीलंका की धरती पर सीरीज जीता का सूखा खत्म किया.
धोनी की कप्तानी में खेल रही टीम इंडिया पहला मैच सेंचुरियन में हार गई लेकिन डरबन में खेले गए दूसरे मुकाबले में टीम इंडिया ने शानदार जीत हासिल की और सीरीज 1-1 से बराबर हो गई. इसके बाद सीरीज के आखिरी और तीसरे मुकाबले में भी भारतीय टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन मैच ड्रॉ हो गया. सीरीज 1-1 से बराबर रही.
इस बार द. अफ्रीका की टीम भारत दौरे पर थी. सभी को हैरान करते हुए द. अफ्रीका ने नागपुर में खेले गए पहले टेस्ट में टीम इंडिया को एक पारी और 6 रन से हरा दिया. 2 मैचों की सीरीज का आखिरी टेस्ट कोलकाता के ईडन गार्डन्स में खेला गया. टीम इंडिये ने अच्छा प्रदर्शन तो किया लेकिन अमला के रथ पर सवार प्रोटियाज टीम मैच को ड्रॉ की ओर घसीट रही थी. तब हरभजन सिंह ने अपनी फिरकी का कमाल दिखाया और टीम इंडिया ने मैच एक पारी और 57 रनों से जीत लिया. सीरीज 1-1 से बराबर
ये सीरीज तो हर एक क्रिकेट फैन को याद ही है. भारत दौरे पर आई ऑस्ट्रेलियाई टीम ने मुंबई में खेला गया पहला टेस्ट आसानी से जीता. कोलकाता टेस्ट में भी कंगारू हावी थे लेकिन लक्ष्मण-द्रविड़ की उन ऐतिहासिक पारियों की बदौलत टीम इंडिया ने फॉलोओन से वापसी करते हुए मैच जीता. अगला मैच चेन्नई में खेला गया जहां सचिन तेंदुलकर के शतक और हरभजन सिंह की स्पिने के आगे ऑस्ट्रेलियाई ठहर नहीं पाए. भारत ने सीरीज 2-1 से जीत ली.
ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर गई भारतीय टीम ने पहला टेस्ट सिडनी में गंवा दिया और दूसरा टेस्ट ड्रॉ रहा. लेकिन मेलबर्न में खेले गए सीरीज के आखिरी टेस्ट में गुंडप्पा विश्वनाथ के शानदार शतक और कपिल देव की कातिलाना गेंदबाजी की बदौलत टीम इंडिया ने 59 रनों से मैच जीता और सीरीज 1-1 से बराबर की.
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