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बीसीसीआई के लिए आज का बेहद अहम साबित हो सकता है. लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लागू करने के लिए दिया गया अंडरटेकिंग का वक्त आज खत्म हो रहा है.
लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को मानने में आनाकानी पर कोर्ट ने गुरुवार को अपना फैसला सुरक्षित रखा था. साथ ही बीसीसीआई को अंडरटेकिंग के लिए 24 घंटे दिए थे. बीसीसीआई पहले ही बगावती तेवर अपना चुका है. बोर्ड के वकील कपिल सिब्बल ने अंडरटेकिंग देने से मना कर दिया है.
सिफारिशों को लागू करवाने के लिए लोढ़ा कमेटी ने बीसीसीआई अध्यक्ष को हटाकर एडमिनिस्ट्रेटर की नियुक्ति के लिए भी कहा था. अगर इस प्रावधान को कोर्ट लागू करवाता है, तो अनुराग ठाकुर का अध्यक्ष पद से हटाया जाना तय है.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों पर कड़ा रुख अपनाते हुए बीसीसीआई से उन्हें मानने के लिए कहा था. कोर्ट ने मामले में तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि बीसीसीआई कानून माने या फिर हम उसे कानून मानना सिखाएंगे.
कोर्ट की तल्ख टिप्पणी के बाद उम्मीद की जा रही थी कि बीसीसीआई एसजीएम(स्पेशल जनरल मीटिंग) में सिफारिशों से संबंधित फैसले ले सकती है. लेकिन एसजीएम में भी लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लागू करने से संबंधित कोई फैसला नहीं लिया था.
इसके बाद लोढ़ा कमेटी ने बैंकों को बीसीसीआई के फंड से संबंधित चेतावनी भरा पत्र लिखा था. पत्र में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को न मानने के कारण बीसीसीआई के ट्रांजेक्शन से इनकार करने की अपील की थी, जिसके बाद बीसीसीआई ने भारत न्यूजीलैंड सीरीज रद्द करने की धमकी दी थी.
1. एक राज्य, एक वोट: पैनल के इस सुझाव के मुताबिक, एक राज्य का एक ही वोट मान्य होगा.
2. बीसीसीआई में कोई मंत्री, राजनीतिक व्यक्ति नहीं: बीसीसीआई से राजनीतिक हस्तक्षेप को खत्म करने कि लिए लोढ़ा कमेटी ने बीसीसीआई से मंत्रियों की छुट्टी करने की सिफारिश की थी.
3. अधिकतम तीन कार्यकाल: लोढ़ा पैनल के अनुसार, किसी भी पदाधिकारी को अधिकतम तीन कार्यकाल की इजाजत होनी चाहिए.
4. अधिकतम उम्र 70 साल: पैनल ने किसी भी पदाधिकारी के लिए अधिकतम उम्र सीमा 70 साल करने का सुझाव भी दिया था.
5. आईपीएल और बीसीसीआई के लिए अलग-अलग गवर्निंग बॉडी के साथ-साथ सट्टेबाजी को कानूनी मान्यता देने के लिए.
इसके अलावा लोढ़ा कमेटी ने सिफारिशें लागू करवाने के लिए अध्यक्ष और सचिव को इस्तीफा देकर उनकी जगह एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त करने की सलाह भी दी थी.
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