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UP बजट सत्र: विपक्ष के प्रदर्शन, सवाल और हंगामे के बीच पहला दिन

18 फरवरी से बजट सत्र शुरू हो गया. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता सदन के पहले दिन ट्रैक्टर से विधान भवन पहुंचे.

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UP बजट सत्र: विपक्ष के प्रदर्शन, सवाल और हंगामे के बीच पहला दिन
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UP बजट सत्र: विपक्ष के प्रदर्शन, सवाल और हंगामे के बीच पहला दिन
(फोटो:PTI)

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यूपी विधान मंडल का 18 फरवरी से बजट सत्र शुरू हो गया. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता सदन के पहले दिन ट्रैक्टर से विधान भवन पहुंचे. वो ट्रैक्टर परिसर के अंदर ले जाना चाहते थे लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया. जिसके बाद एसपी कार्यकर्ता चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के पास जाकर बैठ गए. इस दौरान लगातार नारेबाजी होती रही. विधान भवन जैसे संवेदनशील स्थान पर समाजवादी पार्टी के नेता तमाम सुरक्षा इंतजाम को धता बता कर बोतलों में पेट्रोल तथा डीजल लेकर प्रवेश कर गए. इस दौरान इन लोगों ने पेट्रोल तथा डीजल से भरी बोतलों के साथ प्रदर्शन किया.

पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर समाजवादी पार्टी की विरोध

विधानमंडल सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण से पहले ही बड़ी संख्या में समाजवादी पार्टी के विधायक और विधान परिषद सदस्य विधान भवन प्रांगण में हंगामा कर रहे हैं. यह लोग चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के पास बैठकर सरकार विरोधी नारेबाजी कर रहे हैं. यह लोग पेट्रोल - डीजल के दाम में लगातार बढ़ोतरी के साथ ही कानून-व्यवस्था को लेकर भी विरोध कर रहे हैं.

बता दें कि इस सत्र में योगी आदित्यनाथ सरकार अपने कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट प्रस्तुत करेगी. विपक्ष भी सरकार की घेराबंदी करने के लिए कमर कसे हुए है. इसके वज से सत्र हंगामेदार रहना तय है. कोरोना संकट काल में 2021-22 में विधानमंडल के इस प्रथम सत्र में कोरोना संक्रमण से बचाव के उपायों के इंतजाम हैं. सदन के भीतर सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन करते हुए सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गयी है.

मीडिया की गैरमौजूदगी पर एसपी का सवाल

प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी ने राज्य विधानसभा सत्र की कार्यवाही के मीडिया कवरेज पर प्रतिबंध लगाने पर सवाल उठाया है. पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, "प्रेस गैलरी से प्रेस अनुपस्थित क्यों है? क्या कोविड-19 सिर्फ पत्रकारों को संक्रमित कर रहा है? क्या यह विधायकों, मंत्रियों, मुख्यमंत्री, स्पीकर और अन्य को संक्रमित नहीं करता है?"

महामारी के कारण बजट सत्र में मीडिया को कवरेज की अनुमति नहीं दी गई है. चौधरी ने आगे कहा कि राज्यपाल ने अपने संबोधन में किसानों के आंदोलन और लगभग 200 किसानों की मौत के बारे में एक शब्द नहीं बोला. उन्होंने पूछा, "क्या इससे ज्यादा कुछ और असंवेदनशील हो सकता है?"

किसानों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करनी चाहिए थी- कांग्रेस

कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा ने कहा, "सरकार को विरोध प्रदर्शन के दौरान मरने वाले 200 से अधिक किसानों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करनी चाहिए थी. मरने वाले ज्यादातर किसान यूपी के हैं. सरकार ने किसानों के प्रति कोई सहानुभूति व्यक्त नहीं की. हम तीनों काले कृषि कानूनों का विरोध करते हैं. उन्नाव की घटना भी एक बड़ी घटना है और हम इसमें न्यायिक जांच की मांग करते हैं."

राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्ष का हंगामा

प्रदेश विधानमंडल का बजट सत्र राज्यपाल के अभिभाषण के साथ ही शुरू हो गया है. बजट सत्र के पहले दिन ही राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का अभिभाषण बड़े हंगामे की भेंट चढ़ गया. समाजवादी पार्टी के साथ बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के नेताओं ने राज्यपाल के सामने प्रदर्शन किया और फिर सदन से वॉक आउट कर दिया. इस दौरान एसपी कार्यकर्ताओं ने किसानों की समस्याओं, महंगाई और पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को लेकर जबरदस्त हंगामा किया और नारेबाजी की. राज्यपाल अभिभाषण पढ़ती रहीं और एसपीई हंगामा करते रहे. इन सबके बीच राज्यपाल ने अपना अभिभाषण जारी रखा.

हंगामे के बीच राज्यपाल ने अभिभाषण के दौरान कहा कि कोरोना काल में सरकार ने अच्छा काम किया है. इसको लेकर देश भर में प्रदेश सरकार की प्रशंसा की गई है. यहां हर जिले में आईसीयू की स्थापना हुई. प्रदेश मे एक्सप्रेस-वे तेजी से बनाए जा रहे हैं. नोएडा के जेवर में एशिया से सबसे बड़े एयरपोर्ट का निर्माण हो रहा है. प्रदेश में तय समय पर गेहूं व धान की सरकारी खरीद हुई है. इसके साथ ही बड़े पैमाने पर पुलिस में भर्तियां हुई. शिक्षकों की भर्ती भी रिकॉर्ड संख्या में हुई है.

(इनपुट: IANS)

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