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महान एथलीट का दर्जा हासिल कर चुके जमैका के उसेन बोल्ट ने लगातार तीसरी बार ओलम्पिक की 100 मीटर स्पर्धा अपने नाम कर ली.
बीजिंग (2008) और लंदन (2012) में यह खिताब अपने नाम कर चुके बोल्ट ने रियो ओलम्पिक स्टेडियम में 9.81 सेकेंड के साथ पहला स्थान हासिल किया. अमेरिका के दिग्गज जस्टिन गाटलिन ने 9.89 सेकेंड के साथ दूसरा स्थान पाया.
कनाडा के आंद्रे ग्रासे ने 9.91 सेकेंड के साथ अपने देश के लिए 100 मीटर में पहला पदक जीता. जमैका के योहान ब्लैक चौथे स्थान पर रहे.
शुरुआती 50 मीटर तक गाटलिन आगे चल रहे थे, लेकिन बाद के 40 मीटर में बोल्ट ने अपना फन दिखाया और पांच मीटर शेष रहते गाटलिन से आगे निकल गए. इसके बाद बोल्ट ने अपना सीना पीटा और अपनी जीत की घोषणा की.
बोल्ट के लिए यह रेस आसान नहीं रही, क्योंकि फाइनल में हिस्सा लेने वाले आठ में से छह धावकों ने 10 सेकेंड से पहले रेस पूरी की. गाटलिन और बोल्ट के बीच का अंतर सेकेंड के 800वें हिस्से का रहा, जबकि गाटलिन और ग्रासे के बीच का अंतर सेकेंड के 200वें हिस्सा का रहा.
बोल्ट ने यह भी कहा, “किसी ने मुझसे कहा कि दो और स्वर्ण जीतने के बाद मैं अमर हो जाऊंगा. मैं अमर होना चाहता हूं. मैं अमर होते हुए यहां से विदा लेना चाहता हूं.”
ओलम्पिक में यह बोल्ट का सातवां स्वर्ण है. उनका लक्ष्य नौ स्वर्ण का है. मुकाबले के बाद 29 साल के बोल्ट ने स्टेडियम में मौजूद सभी दर्श्कों का अभिवादन स्वीकार किया और उनकी तारीफ की.
बोल्ट ने खासतौर पर अपने देशवासियों का धन्यवाद दिया और यह जीत उन्हें समर्पित की. बोल्ट ने कहा, “जमैका उठो, यह मेरे अपने लोगों के लिए है.”
बोल्ट ने बीजिंग और लंदन में 100, 200 और चार गुणा 100 मीटर रिले का स्वर्ण जीता था. रियो में वह 100 मीटर का खिताब जीत चुके हैं और अब उनकी नजर अपने पसंदीदा स्पर्धा 200 मीटर और रिले का स्वर्ण जीतते हुए इतिहास रचने पर होगी.
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