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भारत एक बार फिर आईसीसी महिला विश्व कप का खिताब अपने नाम करने से चूक गया. मेजबान इंग्लैंड ने भारत को 9 रनों से हराते हुए रविवार को चौथी बार विश्व कप का खिताब अपने नाम कर लिया. इंग्लैंड ने लॉर्ड्स मैदान पर भारत के सामने 229 रनों का लक्ष्य रखा था, जिसे भारतीय टीम हासिल नहीं कर पाई और 48.4 ओवरों में 219 रन पर अपने सभी विकेट गंवा बैठी. इस तरह उसके हाथ से पहली बार विश्व विजेता बनने का दूसरा मौका चला गया.
इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए नताली स्काइवर के 51 रन और सारा टेलर के 45 रनों की मदद से 50 ओवरों में 7 विकेट खोकर 228 रन बनाए थे.
इंग्लैंड की इस जीत में तेज गेंदबाज अन्या श्रूबसोले की अहम भूमिका रहीं जिन्होंने भारत की छह बल्लेबाजों को आउट किया. उन्होंने 9.4 ओवरों में महज 46 रन दिए. उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया.
उनके अलावा एलेक्स हार्टले ने दो विकेट लिए और टीम को हरमनप्रीत का अहम समय पर बड़ा विकेट दिलाया.
लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारत को अच्छी शुरुआत नहीं मिली. इंग्लैंड के खिलाफ पहले लीग मैच में मैच विजेता पारी खेलने वाली सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना एक बार फिर बल्ले की जंग नहीं छुड़ा पाईं और दूसरे ओवर की चौथी गेंद पर बिना खाता खोले पवेलियन लौट गईं. मंधाना जब आउट हुईं तब भारत के खाते में पांच रन ही आए थे.
आस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे सेमीफाइनल में तूफानी पारी खेलने वाली हरमनप्रीत अब क्रिज पर मौजूद थीं. उन्होंने खुद से लगाई उम्मीदों को पूरा किया और दूसरे छोर पर खड़ी पूनम के साथ भारतीय पारी को आगे बढ़ाने के बीड़ा उठाया.
इस जोड़ी ने बेशक धीमी शुरुआत की, लेकिन समय के साथ और परिस्थिति को भलीभांती भांपते हुए स्कोरबोर्ड को बढ़ाने लगीं. बड़े शॉट्स न खेल कर इस जोड़ी ने एक-दो रन चुराने की रणनीति अपनाई, जो कारगर साबित हुई. दोनों के बीच विकेट के बीच दौड़ देखने लायक थी. इसी बीच पूनम ने अपना अर्धशतक पूरा किया.
हरमनप्रीत ने भी अपने 50 रन पूरे किए. इसके बाद उन्होंने एलेक्स हार्टेले की गेंद को स्विप शॉट के जरिए सीमा रेखा के पार पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन गेंद टैमी बेयुमोंट के हाथों में जा समाई. हरमनप्रीत और पूनम की जोड़ी ने हालांकि अपना काम कर दिया था. दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 95 रनों की साझेदारी कर टीम का स्कोर 138 तक पहुंचा दिया था.
यहां भारतीय टीम के माथे पर शिकन थी और दबाव भी. वेदा कृष्णामूर्ति ने आते ही बड़े शॉट खेले और दवाब कम किया. पूनम और वेदा थोड़ा तेज खेलते हुए रन और गेंदों के अंतर को कम नहीं होने दे रही थीं.
संघर्ष कर रही वेदा कृष्णामूर्ति (35) 200 के कुल स्कोर पर आउट हुईं. भारत की आखिरी उम्मीद दीप्ति शर्मा (14) से थी लेकिन वह नौवें विकेट के रूप में आउट हुईं और भारत की हार तय हुई.
इससे पहले, टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड को लॉरेन विनफील्ड (24) और टैमी बेयुमोंट (23) ने सधी हुई शुरुआत दी और पहले विकेट के लिए 47 रन जोड़े. मजबूत दिख रही इंग्लैंड अचानक से बिखर गई और उसने 63 के कुल स्कोर तक अपने तीन अहम विकेट खो दिए थे.
यहां से सारा और नताली ने टीम के लिए संघर्ष किया और चौथे विकेट के लिए अहम समय 83 रनों की साझेदारी की, लेकिन भारत की सबसे अनुभवी तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने भारत को एक बार फिर मैच में वापस ला दिया. उन्होंने कुछ ही अंतराल में इंग्लैंड के तीन विकेट गिरा दिए.
सारा अपने अर्धशतक से दूर थीं तबी झूलन ने उन्हें विकेट के पीछे सुषमा वर्मा के हाथों लपकवाया. झूलन ने फ्रान विल्सन को खात भी नहीं खोलने दिया और अगली ही गेंद पर उन्हें पवेलियन भेज दिया. यह दोनों 146 के कुल स्कोर पर आउट हुईं.
अर्धशतक पूरा करने के बाद नताली भी पवेलियन लौट गईं. वो झूलन की गेंद पर पगबाधा करार दे दी गईं. नताली 164 के कुल स्कोर पर आउट हुईं. उन्होंने अपनी पारी में 68 गेंदों का सामना करते हुए पांच बार गेंद को सीमा रेखा के पार पहुंचाया.
लग रहा था कि इंग्लैंड 200 का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएगी, लेकिन कैथरीन ब्रंट (34) और जैनी गन (नाबाद 25) ने टीम को 200 के पास पहुंचाया। 196 के कुल स्कोर पर ब्रंट, दीप्ति शर्मा की सीधी थ्रो शिकार हो कर पवेलियन लौट लीं.
गन ने इसके बाद लॉरा मार्श (14) के साथ मिलकर टीम को 228 के स्कोर तक पहुंचाया.
भारत की तरफ से झूलन ने सबसे ज्यादा तीन विकेट लिए. पूनम यादव दो विकेट लेने में सफल रहीं। अलावा राजेश्वरी गायकवाड़ के हिस्से एक सफलता आई.
इनपुट IANS से
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