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देश के 1.5 करोड़ एंड्रॉइड फोन पर ‘एजेंट स्मिथ’ का हमला, ऐसे बचें

‘एजेंट स्मिथ’ असली ऐप की जगह फर्जी ऐप इंस्टाल कर देता है

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‘एजेंट स्मिथ’ एक नए तरह का मोबाइल वायरस है.
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‘एजेंट स्मिथ’ एक नए तरह का मोबाइल वायरस है.
(फोटो: आईस्टॉक)

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साइबर सिक्योरिटी सोल्यूशन प्रोवाइडर चेक पॉइंट ने बुधवार को खुलासा किया है कि 'एजेंट स्मिथ' एक नए तरह का मोबाइल वायरस है. अपनी रिपोर्ट में चेक पॉइंट ने बताया कि यह मेलवेयर अबतक भारत में 15 मिलियन (डेढ़ करोड़) मोबाइल डिवाइसिज और पूरे वर्ल्ड में 25 मिलियन एंड्रॉइड डिवाइस को इनफेक्ट कर चुका है.

यह मेलवेयर गूगल कि ऐपलिकेशन जैसा लगता है. मोबाइल को काफी नुकसान पहुंचाने के साथ ही यह यूजर से बिना पूछे फोन में इंस्टॉल्ड ऐप्स को उन्हें करप्ट वर्जन से रिप्लेस कर देता है.

'एजेंट स्मिथ' डिवाइस में पहुंचकर यूजर को कमाई के फर्जी ऐड दिखाता है, जिससे यूजर की बैंक डिटेल्स भी निकाली जा सकती है. इस मेलवेयर के काम करने का तरीका पहले आए मेलवेयर कैंपेन जैसे गूलीगन, हमिंगबैड और कॉपीकैट से मिलता-जुलता है.

चेक प्वाइंट के मोबाइल थ्रेट डिटेक्शन रिसर्च के प्रमुख जोनाथन शिमोनोविच ने बताया कि 'एजेंट स्मिथ' मेलवेयर ने यूजर की इंस्टॉल्ड एप्लिकेशन पर चुपचाप हमला किया. आम एंड्रॉइड यूजर्स के लिए इस तरह के वायरस से मुकाबला करना मुश्किल है.

‘एजेंट स्मिथ’ को सबसे पहले थर्ड पार्टी ऐप स्टोर 9Apps से डाउनलोड किया गया. इसने ज्यादातर हिंदी, अरैबिक, रशियन और इंडोनेशियन यूजर्स को अपना निशाना बनाया.

अब तक सबसे ज्यादा इंडियन यूजर ‘एजेंट स्मिथ’ से प्रभावित हुए हैं. वहीं बांग्लादेश,पाकिस्तान, यूके, ऑस्ट्रेलिया और यूएस में भी इस मेलवेयर ने काफी नुकसान पहुंचाया है.

चैक पॉइंट ने गूगल के साथ बात कर इस वायरस पर काम किया है और उन्होंने बताया कि फिलहाल प्ले स्टोर पर कोई मलीशस ऐप मौजूद नहीं है.

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डिजिटल डिवाइस की सुरक्षा के लिए ’हाइजीन फर्स्ट’ को अपनाकर ‘एजेंट स्मिथ’ जैसे खतरनाक मोबाइल मेलवेयर के खुफिया हमलों को रोका जा सकता है.
चैक पॉइंट रिपोर्ट

सभी यूजर्स को कोई भी एप भरोसेमंद एप स्टोर से डाउनलोड करना चाहिए जिससे वायरस का रिस्क कम होता है.

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Published: 11 Jul 2019,03:47 PM IST

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