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जगुआर और लैंड रोवर ब्रांडों के मालिक टाटा मोटर्स(Tata Motors) ने सोमवार को बताया है कि उसे लगातार चौथी तिमाही में घाटा हुआ है. कंपनी ने बताया कि मुंबई हेड ऑफिस वाली फर्म ने तीन महिनों में 31 दिसंबर तक 15.2 बिलियन का शुद्ध घाटा दर्ज किया. नुकसान की वजह कमोडिटी की ऊंची कीमतों और वैश्विक चिप की कमी को बताया जा रहा है.
माइक्रोचिप्स कार निर्माण में एक प्रमुख पुरजा है, लेकिन दुनिया भर के वाहन निर्माता महामारी के दौरान अर्धचालक उत्पादन में कटौती के कारण सीमित आपूर्ति से प्रभावित हुए हैं.
टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ ने एक बयान में कहा, "ऑटो उद्योग में अधिकांश क्षेत्रों में बढ़ती मांग जारी रही, जबकि अर्धचालकों की आपूर्ति प्रतिबंधित रही, जिसके परिणामस्वरूप उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा."
कंपनी ने आगे बताया कि अर्धचालक आपूर्ति की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है, जबकि मुद्रास्फीति की चिंता बनी हुई है. ऑपरेशन रेवेन्यू एक साल पहले की तुलना में 4.5 प्रतिशत घटकर 722.3 अरब डॉलर (9.7 अरब डॉलर) रह गया.
लेकिन इसी अवधि में कंपनी के भारतीय कारोबार में रेवेन्यू में 43.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिसमें सभी वाहन खंडों की बिक्री में वृद्धि हुई
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