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नई व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी क्या है? आपको कैसे फायदा होगा? हर बड़ी बात

पॉलिसी को ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए बूस्ट माना जा रहा है

महब कुरैशी
कार और बाइक
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केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 18 मार्च को नए ड्राफ्ट नोटिफिकेशन के बारे में जानकारी दी, जो गाड़ियों के मालिकों को दोबारा रजिस्ट्रेशन कराने के लिए मोटी फीस देने को मजबूर करेगा.

पॉलिसी का मकसद भारत में पुरानी गाड़ियों से निजात पाना है जिससे कि वायु प्रदूषण 25-30 फीसदी कम हो जाएग और रोड सेफ्टी में भी सुधार आए. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021 के दौरान व्हीकल स्क्रेपेज पॉलिसी का प्रस्ताव रखा था. पॉलिसी को ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए बूस्ट माना जा रहा है.

गडकरी ने संसद में कहा, “एक बार ये लागू हो गई तो पॉलिसी पांच सालों में भारत को दुनिया का सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल हब बना देगी.”

नई पॉलिसी क्या है?

20 साल से ज्यादा पुराने निजी वाहनों और 15 सालों से ज्यादा पुराने कमर्शियल वाहनों को सरकार के साथ रजिस्टर्ड 'ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर' पर एक फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा.

जो वहां टेस्ट पास नहीं कर पाएंगे, उन्हें 'एंड-ऑफ-लाइफ व्हीकल' घोषित कर दिया जाएगा. जिसका मतलब होगा कि उन वाहनों को रीसायकल करना होगा. इससे पुराने वाहनों को स्क्रैप करने का रास्ता बनेगा. अगर वाहन टेस्ट पास कर लेता है तो मालिकों को दोबारा रजिस्ट्रेशन के लिए मोटी फीस चुकानी होगी.

नई पॉलिसी के मुताबिक, दोबारा रजिस्ट्रेशन की फीस निजी वाहनों के लिए करीब आठ गुना और कमर्शियल वाहनों के लिए 20 गुना बढ़ा दी जाएगी. 

ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर क्या है?

सभी वाहनों के लिए ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर पर फिटनेस टेस्ट से गुजरना अनिवार्य होगा. सरकार का लक्ष्य देश में कम से कम 718 ऐसे सेंटर खोलना है. ये सेंटर वहां का इमिशन, ब्रेकिंग और सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स 1989 में बताए गए बाकी सुरक्षा उपकरणों की जांच करेंगे.

इन सेंटर पर अपॉइंटमेंट ऑनलाइन बुक किया जाएगा और फिटनेस रिपोर्ट भी ऑनलाइन जनरेट होगी.

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फीस में क्या बदलाव हुआ?

सरकार ने पुराने वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए फीस को 20 गुना तक बढ़ा दिया है. 15 साल से ज्यादा पुराने निजी वाहन के लिए नया फीस स्ट्रक्चर ये है:

  • टू-व्हीलर – Rs 1,000
  • थ्री-व्हीलर/चार पहियों वाली साइकिल – Rs 3,500
  • कार – Rs 7,500

कमर्शियल वाहन:

  • पैसेंजर मोटर व्हीकल – Rs 10,000
  • भारी सामान/बड़े मोटर व्हीकल – Rs 12,500

अगर फिटनेस सर्टिफिकेट एक्सपायरी डेट के बाद लिया जाता है तो 50 रुपये प्रतिदिन का अतिरिक्त चार्ज लगेगा.

आपको कैसे फायदा होगा?

अगर आप अपना पुराना वाहन किसी रजिस्टर्ड स्क्रैपिंग सेंटर पर स्क्रैप कराना चाहते हैं, तो आपको वाहन की एक्स-शोरूम कीमत का करीब 4-6 फीसदी पैसा मिल जाएगा. एक्स-शोरूम कीमत RTO में रजिस्ट्रेशन का चार्ज और इंश्योरेंस बिना जोड़े होती है.

इसके अलावा अगर आप नया वाहन खरीदते हैं तो स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट दिखाने पर सीधे 5 फीसदी का डिस्काउंट भी मिलेगा. नए वाहन की रजिस्ट्रेशन फीस भी नहीं देनी होगी. 

स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट कैसे मिलेगा?

पुराने वाहन स्क्रैपिंग सेंटर पर औपचारिक रूप से स्क्रैप करवाए जा सकते हैं. ये सेंटर परिवहन मंत्रालय के वाहन डेटाबेस से लिंक होंगे.

सरकार के पास रजिस्टर्ड एजेंसी से अपना वाहन स्क्रैप कराने पर आपको एक स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट दिया जाएगा. इसका इस्तेमाल आप स्कीम के तहत दिए गए फायदों के लिए कर सकते हैं.

स्क्रैपेज पॉलिसी लागू करने की तारीखें

नए नियमों की टाइमलाइन कुछ इस तरह है:

  • फिटनेस टेस्ट और सरकारी स्क्रैपिंग सेंटर के नियमों के प्रभाव में आने की तारीख – 1 अक्टूबर 2021
  • 15 सालों से ज्यादा पुराने सरकारी और PSU वाहनों की स्क्रैपिंग शुरू होने की तारीख – 1 अप्रैल 2022
  • भारी कमर्शियल वाहनों की फिटनेस टेस्टिंग – 1 अप्रैल 2023

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