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सोशल मीडिया पर खबरें हैं कि क्लबहाउस (Clubhouse) यूजर्स का डेटा लीक हुआ है. एक ट्विटर पोस्ट में कहा गया कि क्लबहाउस यूजर्स के लाखों फोन नंबर डार्क वेब पर 'बिक्री के लिए तैयार' हैं. हालांकि, चैट ऐप बनाने वाली कंपनी ने 25 जुलाई को कहा कि कोई डेटा उल्लंघन (Clubhouse data leak) नहीं हुआ है. क्लबहाउस ने ये भी कहा कि वह उद्योग-अग्रणी सुरक्षा प्रथाओं में निवेश करना जारी रखती है क्योंकि गोपनीयता और सुरक्षा क्लबहाउस के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं.
कंपनी के प्रवक्ता ने आईएएनएस को बताया, बॉट्स की एक श्रृंखला है जो अरबों रैंडम फोन नंबर जेनरेट करती है. 24 जुलाई को प्रमुख साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ जितेन जैन ने ट्विटर पर लिखा कि क्लबहाउस यूजर्स के फोन नंबरों का एक डेटाबेस डार्कनेट पर बिक्री के लिए तैयार है.
उन्होंने लिखा, इसमें यूजर्स की फोनबुक में ऐसे लोगों की संख्या भी शामिल है जिन्हें सिंक किया गया था. इसलिए संभावना अधिक है कि आप सूचीबद्ध हैं, भले ही आपके पास क्लबहाउस लॉगिन न हो.
राजहरिया ने आईएएनएस से कहा, "कोई नाम, फोटो या कोई अन्य विवरण उपलब्ध नहीं है. फोन नंबरों की यह सूची बहुत आसानी से बनाई जा सकती है। डेटा लीक का दावा फर्जी लगता है."
इस साल फरवरी में अमेरिका में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकतार्ओं ने चेतावनी दी थी कि ऐप चीनी सरकार को यूजर्स के ऑडियो डेटा लीक कर सकता है.
स्टैनफोर्ड इंटरनेट ऑब्जर्वेटरी (एसआईओ) ने दावा किया था कि अगोरा, रीयल-टाइम एंगेजमेंट सॉ़फ्टवेयर का शंघाई स्थित प्रदाता, क्लबहाउस ऐप को बैक-एंड इंफ्रास्ट्रक्च र की आपूर्ति करता है.
कंपनी ने अब अपना वेटलिस्ट सिस्टम हटा दिया है ताकि कोई भी बिना किसी परेशानी के प्लेटफॉर्म से जुड़ सके. कंपनी ने यह भी कहा कि उसने मई के मध्य में एंड्रॉइड पर लॉन्च होने के बाद से समुदाय में 10 मिलियन लोगों को जोड़ा है.
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