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साइबर अटैक के साये में रहेगा 2021?इस साल US में हुए हमले हैं सबूत 

भारतीय फार्मा कंपनियों पर बढ़ेगा खतरा!

नमन मिश्रा
टेक और ऑटो
Published:
साइबर अटैक के साये में रहेगा 2021?इस साल US में हुए हमले हैं सबूत
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साइबर अटैक के साये में रहेगा 2021?इस साल US में हुए हमले हैं सबूत
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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साल 2020 को मानव इतिहास में हमेशा कोरोना वायरस महामारी के लिए याद रखा जाएगा. एक ऐसी महामारी जिसने पूरी दुनिया को रुकने पर मजबूर कर दिया. सरकारों और कंपनियों को काम करने के तरीके बदलने पड़े. अधिकतर संस्थान वर्क फ्रॉम होम और ऑनलाइन काम को तरजीह देने लगे. लेकिन इसी के साथ एक खतरा भी बढ़ गया- साइबर अटैक का. 2020 खत्म होते-होते दुनिया की सबसे ताकतवर समझी जाने वाली अमेरिकी सरकार की कई एजेंसियों पर बड़ा साइबर अटैक हुआ और ऐसा लगता है कि इसका साया 2021 में भी छाया रहेगा.

ये हमला अमेरिका पर अब तक का सबसे बड़ा साइबर अटैक था. FireEye नाम की एक साइबर-सिक्योरिटी फर्म ने अमेरिकी सरकार की एजेंसियों की हैकिंग का पता लगाया था. FireEye का कहना है कि करीब 18,000 संगठनों के नेटवर्क में मैलीशियस कोड है लेकिन सिर्फ 50 में ही जानकारी लीक हुई है.

कंपनी के सीईओ केविन मेंडिया ने बताया कि अमेरिका के ट्रेजरी, होमलैंड सिक्योरिटी, स्टेट और डिफेंस डिपार्टमेंट को टारगेट किया गया है. अमेरिका के विदेश सचिव माइक पोम्पियो ने इसके लिए रूस को जिम्मेदार ठहराया है.  

कैसे हुआ था हमला?

हैकर्स ने बड़े संगठनों के नेटवर्क मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर पर हमला किया था. इसमें एक्सेस पाने के बाद वो इन संगठनों के नेटवर्क में पहुंच गए थे. ये सॉफ्टवेयर टेक्सास स्थित आईटी कंपनी SolarWinds ने डेवलप किया है.

एक्सेस मिलने से हैकर्स इन संगठनों के नेटवर्क पर अच्छा-खासा नियंत्रण कर सकते थे. लेकिन कहा जा रहा है कि हैकर्स ने इसका इस्तेमाल सिर्फ डेटा चुराने में किया है.

भारतीय फार्मा कंपनियों पर बढ़ेगा खतरा!

कोरोना वायरस महामारी की वजह से फार्मा कंपनियों का बिजनेस बढ़ा है. दुनिया कोरोना वैक्सीन के लिए फार्मा कंपनियों पर ही निर्भर है. इस समय सरकारें भी इन कंपनियों पर विशेष ध्यान दे रही हैं. लेकिन 2021 में इन कंपनियों पर हैकर्स की भी नजर रहने वाली है.

क्विक हील टेक्नोलॉजीस का एंटरप्राइज सिक्योरिटी सॉल्यूशन ब्रांड Seqrite की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में भारत में हेल्थकेयर और फार्मा सेक्टर में टार्गेटेड रैनसमवेयर अटैक बढ़ जाएंगे. Seqrite की 'थ्रेट प्रेडिक्शन 2021' रिपोर्ट का कहना है कि कुछ रैनसमवेयर ग्रुप्स मरीजों की निजी और संवेदनशील जानकारी पर निशाना साध रखते हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 की आखिरी तिमाही में कई अस्पताल, COVID-19 रिसर्च फर्म्स और फार्मा कंपनियां रैनसमवेयर का शिकार हुई हैं.  

क्विक हील सिक्योरिटी लैब्स के डायरेक्टर हिमांशु दुबे का कहना है कि '2021 में डबल एक्सटॉरशन, क्रिप्टो-माइनिंग, एथिकल हैकिंग जैसे नए तरीकों का ज्यादा इस्तेमाल हो सकता है.'

रिपोर्ट में कहा गया, "थ्रेट एक्टर डीप-फेक, ऑटोमेटेड फिशिंग, रेड टीम टूल्स और क्रिप्टो-माइनिंग के इस्तेमाल से संवेदनशील डेटा चुरा सकते हैं."

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साइबरक्राइम से होगा 6 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान

ग्लोबल साइबर इकनॉमी पर रिपोर्ट करने वाली वेबसाइट Cybersecurity Ventures ने अनुमान लगाया है कि 2021 तक साइबरक्राइम से दुनिया में सालाना 6 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान होगा. 2015 में ये लागत 3 ट्रिलियन डॉलर थी.

कंपनी का कहना है कि ग्लोबल साइबरक्राइम से नुकसान अगले पांच सालों तक सालाना 15 फीसदी से बढ़ जाएगा. 2025 तक ये 10.5 ट्रिलियन डॉलर पहुंच सकता है.

Cybersecurity Ventures के मुताबिक, रैनसमवेयर की दिक्कत और बड़ी होगी और 2021 में कुल साइबरक्राइम में इसका हिस्सा सबसे बड़ा होगा. कंपनी का अनुमान है कि 2021 में हर 11 सेकंड में किसी बिजनेस पर एक रैनसमवेयर अटैक होगा.  

भारत में बढ़ेंगे साइबर फ्रॉड के मामले: रिपोर्ट

साइबरसिक्योरिटी फर्म Kaspersky के मुताबिक, भारत की डिजिटल इकनॉमी बढ़ने के साथ ही 2021 में साइबर फ्रॉड के मामले भी बढ़ सकते हैं.

Kaspersky ने 2021 के लिए जारी किए अपने साइबरसिक्योरिटी प्रिडिक्शन्स में कहा कि डिजिटल पेमेंट बढ़ने के साथ ये फ्रॉड भी बढ़ेंगे. कंपनी ने कहा, "2020 में हमने UPI संबंधित कई फ्रॉड देखे और कई बैंकों ने इस बारे में एडवाइजरी भी जारी की. डिजिटल पेमेंट्स में और विकल्प जोड़े जाने के साथ फ्रॉड के और मामले देखे जा सकते हैं."

कंपनी ने बिजनेस को साइबर अटैक से सुरक्षित रखने के लिए सिक्योरिटी इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने की सलाह दी. इसके अलावा Kaspersky ने भी रैनसमवेयर के मामले बढ़ने का अनुमान जताया है. 

रैनसमवेयर होता क्या है?

रैनसमवेयर एक मैलीशियस सॉफ्टवेयर होता है जो आपके कंप्यूटर में अगर आ जाए तो आपको रैनसम मेसेज दिखाता है. इन मेसेज में कहा जाता है कि अगर आपको अपना सिस्टम वापस चाहिए तो एक फीस अदा करनी होगी.

ये एक तरह का मालवेयर है और हैकर्स के लिए ये पैसे बनाने का जरिया है. रैनसमवेयर सिस्टम में ईमेल मेसेज, इंस्टेंट मेसेज या वेबसाइट में धोखा देने वाले लिंक्स से इंस्टॉल किया जाता है.  

रैनसमवेयर कंप्यूटर स्क्रीन को लॉक कर सकता है या फिर किसी महत्वपूर्ण फाइल को पासवर्ड से बंद कर सकता है. इन्हें आप 'रैनसम' देकर ही खोल पाएंगे.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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